कुमाउनी भाषा का परिचय- उत्तराखंड के कुमाऊँ क्षेत्र उत्तरी तथा दक्षिणी सीमांत क्षेत्र को छोड़ कर बाकि भू भाग में कुमाउनी भाषा बोली जाती है। पिथौरागढ़ का के उत्तरी क्षेत्र शौका बहुल होने के कारण , यहाँ शौका भाषा बोली जाती है। ऐसी जनपद के अस्कोट ,धारचूला और डीडीहाट के निकट रहने वाले वनरौत ,राजी बोलते हैं । कुमाऊँ के दक्षिण में थारू और बॉक्स जनजातियों द्वारा बोकसाड़ी और थारू बोली जाती है। दुसांद (गढ़वाली और कुमाऊँ का बीच का क्षेत्र ) में गढ़वाली कुमाऊनी मिश्रित प्रयोग की जाती है। श्री देव सिंह पोखरिया द्वारा लिखे गए कुमाऊनी भाषा पर…
Author: Bikram Singh Bhandari
तीन साल बाद वापस आ रहें हैं पांडवाज एक बेहतरीन शॉर्टफिल्म के साथ अपने बेहतरीन क़्वालिटी कंटेंट के लिए प्रसिद्ध , उत्तराखंड के पांडवाज काफी समय बाद ,अपने नए प्रोजेक्ट के साथ वापस आ रहे हैं। उनके नया प्रॉजेक्ट एक उत्तराखण्डी शार्ट फ़िल्म है, जिसका नाम है , यकुलांस। पांडवाज की यह शार्ट फ़िल्म में उत्तराखंड के पलायन का दर्द बड़ी बारीकी से दिखाया गया है। यकुलांस का अर्थ होता है अकेलापन। पलायन का दंश झेलते उत्तराखंड के गावँ और उन्ही खाली गांवों में अकेलेपन की जिंदगी जीते उत्तराखंड के बुजुर्ग। इस फ़िल्म के पोस्टर और नाम से लग रहा…
सालम की क्रांति – अल्मोड़ा जिले में बसा सालम क्षेत्र तल्ला सालम और मल्ला सालम में विभक्त है। इसे पनार नदी दो अलग अलग भागों में विभक्त करती है। 19वी शताब्दी में संम्पूर्ण उत्तराखंड में स्वाधीनता की अलख जागने लगी और उत्तराखंड का सालम क्षेत्र से भी लोगों ने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाई सालम क्षेत्र से राम सिंह धोनी नामक क्रांतिकारी, समाज सुधारक ,कम उम्र में देशभक्ति और समाज सुधार की ऐसी मिसाल दे गए और अपनी आने वाली पीढ़ियों के लिए मिसाल बन गए। इन्ही प्रेणाओं पर आगे बढ़ते हुए,सालम क्षेत्र के लोंगो ने आजादी की…
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 के मध्य नजर , उत्तराखंड सरकार बेरोजगार मित्रों के लिए पूरी तरह मेहरबान दिख रही है। इसलिए लगातार उत्तराखंड समूह ग के अंतर्गत भर्तियां निकाल रही हैं। वर्तमान में उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ( uksssc) ने 164 वाहन चालक , प्रवर्तन चालक, डिस्पैच राइडर की भर्ती निकाली है। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ( uksssc) द्वारा विभिन्न विभागों के अंतर्गत वाहन चालक के 161 पद, परिवहन विभाग के अंतर्गत प्रवर्तन चालक के 02 पद, और नागरिक सुरक्षा के अंतर्गत डिस्पैच राइडर के 01 पद , कुल 164 पदों के लिए आवेदन आमंत्रित किये गए हैं।…
जन्यू पुनुयु के नाम से मनाया जाता है कुमाऊं में श्रावणी उपाकर्म पर्व – उत्तराखंड के कुमाऊँ मंडल में भी सनातन परंपरा श्रावणी उपाकर्म , जनेऊ पूर्णिमा , पूर्णिमा के दिन ,जनयु पुनयु लोकपर्व के नाम से मनाया जाता है। जनयु पुनयु के दिन गाँव के सारे पुरुष नौले या प्राकृतिक जल स्रोत पर इक्कठा होते हैं, तत्पश्चात वहाँ पुरोहित आकर स्नान के पश्चात सभी को, मंत्रोच्चार के साथ जनेउ बदलवाते हैं मोली बांधते है। उसके बाद गाव में आकर, गाँव की सभी महिलाओं और बच्चों को भी, रक्षा धागा बाँधा जाता है। उस समय पुरोहित ” एनबद्धोबलीराजा दानवेन्द्रों महाबल:,…
आपको ये तो पता ही होगा, कि कुमाऊनी में पैसा को डबल कहते हैं। और पहले जमाने के लोग, हमारे आमा-बुबु ने पढ़ाई लिखाई नही की थी, तो उन्हें हिंदी की गिनती नही आती थी, तो वे गिनने, हिसाब किताब करने के लिए पुरानी पारम्परिक कुमाऊनी भाषा मे गिनती का प्रयोग करते थे। अल्मोड़ा नैनिताल के कुमाऊँ के क्षेत्रों में पुराने पूर्वजों द्वारा बहुताय प्रयोग किया जाता था।अब शिक्षा व्यवस्था दुरसस्त होने के कारण, आधुनिक पीढ़ी अपनी पारम्परिक दुधबोली भाषा से दूर हो रही है,या हिंदी इंग्लिश मिश्रित कुमाऊनी भाषा प्रयोग हो रही है। कुमाऊनी भाषा में गिनती– कुमाऊनी भाषा…
कुमाऊनी भजन लिरिक्स – पहाड़ों में जन्माष्टमी का त्यौहार आते ही,हम लोग एक पारम्परिक कुमाउनी भजन खूब गुनगुनाते थे। अभी भी कुछ लोग उस पारम्परिक पहाड़ी भजन को गुनगुनाते हैं। कुमाऊँ में जन्माष्टमी के दिन वही भजन गाया जाता है। आज आपके लिए उसी प्रसिद्ध कुमाऊनी भजन लिरिक्स लाए हैं। श्रीकृष्ण जनमाष्टमी में इस भजन को गा के, भगवान श्रीकृष्ण को तो, खुश करेंगे ही, और आपने बचपन की यादें भी ताजा करेंगे -भजन इस प्रकार है – “यशोदा मैया त्यर कन्हैया ” यशोदा मैया त्यर कनहैया बड़ो झगड़ी। झन लगाए गोरु ग्वावा हमू दगडी।। जमुना जी मे कूदी पड़ो,…
“यदि आप नैनीताल की यात्रा पर हैं ,आपने उत्तराखंड नैनीताल के फेमस भट्ट जी के भुट्टों का आनंद नहीं लिया तो ,नैनीताल की ट्रिप में कुछ अधूरा रह गया। ” साधारण पृष्ठभूमि और विषम भौगोलिक परिस्थितियों में भी अपनी मेहनत के दम पर, कैसे खुद को एक ब्रांड के रूप में स्थापित किया जाता है। यह कर दिखाया है, नैनीताल ज्योलिकोट के लीलाधर भट्ट जी ने । लीलाधर भट्ट जी ज्योलिकोट में अल्मोड़ा -हल्द्वानी हाईवे पर भुट्टों का स्टाल लगाते हैं। हलाकि इस मार्ग पर कई और लोग भी भुट्टों का स्टाल लगाते हैं ,लेकिन भट्ट जी के भुट्टों का…
घी संक्रांति ( ghee sankranti ) उत्तराखंड का प्रमुख लोकपर्व है। घी संक्रांति, घी त्यार, ओलगिया या घ्यू त्यार प्रत्येक वर्ष भाद्रपद माह की सिंह संक्रांति के दिन मनाया जाता है। 2025 में घी संक्रांति 17 अगस्त 2025 को रविवार के दिन मनाई जाएगी। इस दिन से सूर्य भगवान सिंह राशी में विचरण करेंगे। घी संक्रांति पर्व का विडियो देखें: https://youtu.be/y3vtaFN6-X8 भगवान सूर्यदेव जिस तिथि को अपनी राशी परिवर्तन करते है। उस तिथि को संक्रांति कहा जाता है। और उत्सव मनाए जाते हैं। उत्तराखंड में मासिक गणना के लिए सौर पंचांग का प्रयोग होता है। प्रत्येक संक्रांति उत्तराखंड में माह…
उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन गया है। जिसने उत्तराखंड भूकंप अलर्ट एप लॉन्च किया हैं । बुधवार 04 अगस्त 2021 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर धामी ने इस एप की शुरुआत की। इस एप की खासियत यह है, कि ये उत्तराखंड में भूकंप आने से 30 सेकेंड पहले आपको स्मार्टफोन में अलर्ट कर देगा। उत्तराखंड भूकंप की दृष्टि से संवेदनशील राज्य है। यहाँ हमेशा भूकंप का खतरा बना रहता है। इस एप से उत्तराखंड को काफी मदद मिलेगी। भूकंप का अलर्ट देने वाला यह देश का पहला एप है। किसने बनाया भूकंप अलर्ट एप – IIT रुड़की ने…