Wednesday, May 21, 2025
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गढ़वाली जागर नारेणी मेरी माता भवानी लिरिक्स।

नवरात्रि के शुभावसर पर आज हम आपके लिए , माँ भगवती के गढ़वाली जागर लिरिक्स लेकर आये हैं। ये गढ़वाली जागर लिरिक्स, जागर सम्राट के नाम से प्रसिद्ध प्रीतम भरतवाण जी की प्रसिद्ध गढ़वाली जागर ,नारेणी मेरी माता भवानी के हैं।माता भगवती को समर्पित लोक गायक प्रीतम भरतवाण जी की यह सबसे प्रसिद्ध गढ़वाली जागर है। तो मित्रों आइये आनंद लेते हैं, माता की गढ़वाली भजन का –

गढ़वाली जागर नारेणी मेरी माता भवानी –

जय शक्ति , शक्तिेश्वरी ब्रह्मा विष्णु माहेश्वरी।
त्रिलोक जननी विजे विस्विनी माधवी
दुर्गा भवानी जगत वन्दनी नारायणी
प्रथमें शैलपुत्री ,द्वितीये ब्रह्मचारिणी ,
तृतीये चन्द्रघण्टेति का,चतुर्थी कूष्मांडा की
पंचमे स्कंद माता,षष्टमे कात्यायनी
सप्तमे कालरात्रि अस्टमे  माँ गौरी।।
नवमे  सिद्धिका ,नव दुर्गा भवानी नमोस्तुते ये ये आ आ.. . . . .
नारेणी ज्वाला दुर्गा भवानी।
त्रिलोक तारणी माँ जगदंबा भवानी
नारेणी  ज्वाला दुर्गा भवानी
त्रिलोक तारणी माँ जगदंबा भवानी।।
नारेणी मेरी माता भवानी
हे जगदम्बा मेरी दुर्गा भवानी।
जगदम्बा भवानी नारेणी जगतबंधनी माता,
शक्ति स्वरूपिणी माँ अनंत  विजया।
हे दयालु माँ अनंत विजया
शक्ति स्वरूपिणी माँ अनंत विजया।
हे दयालु माँ अनंत विजया।।
नारेणी मेरी माता भवानी
हे जगदम्बा मेरी दुर्गा भवानी।

माता जगदम्बा भवानी नारेणी  जगतबंधनी शैलपुत्री
दानवी अत्याचार माँ जब जब होये।
तब तब माता न अवतार लीनीये
दानवी अताचार मा जब जब होये।।
तब तब माता कू अवतार होये।।
नारेनी मेरी माता भवानी।
हे जगदम्बा मेरी दुर्गा भवानी।।
दानवी अत्याचार मां जब जब होय।
तब तब माता न अवतारी लीनी
दानवी अत्याचार मा जब जब होय।।
तब तब माता कू अवतार होये।।
नारेणी  मेरी माता भवानी।
हे जगदम्बा मेरी दुर्गा भवानी।

हा राजा दगशको को जब जग्य होये।
कैलाश पति बाबा क न्युतो नी गये
राजा दगसको जब जग्य होये
कैलाश पति बाबा क न्युतो नी गये।।
नारेणी  मेरी माता भवानी।
हे जगदम्बा मेरी दुर्गा भवानी।।
हा अण न्योति माता सती कनखल पहोचे।
स्वामी को मा न आपमान समझे
अण न्योति  ज्वाला कनखल पहोंचे
स्वामी जी कू माता न आपन समझे।।
नारेणी मेरी माता भवानी।
हे जगदम्बा मेरी दुर्गा भवानी।।
तब सती माता ले देह त्याग करे।
हवन कुंड मा देह त्याग करे।
तब माता सती जी न देह त्याग करे।
पीता का जग्य मा देह त्याग करे।।
नारेणी मेरी माता भवानी।
हे जगदम्बा मेरी दुर्गा भवानी।।

हा माता सती जी की पावितर काया
शिव जी न चौ दिशाओं घुमाये
माता सती के पावितर काया
शिव जी न तब चौ दिशाओं घुमाये।।
नारेणी  मेरी माता भवानी।
हे जगदम्बा मेरी दुर्गा भवानी।।
जगतबंधनी महामाई  ब्रह्मा विष्णु माहेश्वरी,
नारेण का चक्र से माँ सती जी का अंश
इ धरती मा जख जख पड़ीन।
वख वख माँ का सिद्धपीठ बणिन।।
हे जगतंबा सिद्धपीठ बणिन।।
नारेणी  मेरी माता भवानी।
हे जगदम्बा मेरी दुर्गा भवानी।।
चन्द्रबदनी सुरकंडा सुरी जगदंबा भवानी
मठियाना  माई धारि देवी
हां…..

 

 

 

ऊँचा रंसुली तू मेरु माँ माता
मेरी माँ सुरकंडा मैं पाराज लगौलु
ऊँचा रंसुली तू मेरु माँ ऐ माता
मेरी माँ सुरकंडा मैं पाराज लगौलु।।
नारेणी मेरी सुरकंडा भवानी
हे जगदम्बा मेरी सुरकंडा भवानी
हां दैणी होया दैणी माँ चन्द्रबदनी
हे मेरी माता मैं पराज लगौलू
जस कुशल देली मेरी माता
हे मेरी माता मैं बडौली लगौलू
नारेणी  मेरी चन्द्रबदनी।
हे जगदम्बा मेरी चन्द्रबदनी।।

हां दयालु भगवती मेरी माता कुंजापुरी
हे मेरी माता मैं पराज लगौलू।
हथून न अरज मन सुमिरन करोलु।।
हे मेरी ज्वाला मैं पराज लगौलु।
नारेणी  मेरी माता कुंजापुरी।
हे जगदम्बा मेरी माता कुंजापुरी।।
हां मैठ्याण खाल होली मेरी माँ मैठ्याणा
हे मेरी माता मैं पराज लगौलू।।
जगतबंधनी माँ सुमिर करौलू
हे मेरी माता मैं सुमिरन करौलु।।
नारेणी  मेरी माता मैठ्याणा
हे जगदम्बा मेरी माता मैठ्याणा
हां आ। ..

नारायणी ज्वाला दुर्गा भवानी।
त्रिलोक तारणी माँ जगदंबा भवानी।।
नारेणी  मेरी माता भवानी
त्रिलोक तारणी माँ जगदंबा भवानी।।
नारेणी  मेरी माता भवानी
हे जगदम्बा मेरी दुर्गा भवानी।
रिधि सिद्धि दाता मनोकामना
पूर्ण करण वाली माता
जगदंबा भवानी नारायणी
हां शत्रु संहारिणी माँ दैत्य नाशिनी।
विपदा हरिनि माँ त्रस तारिणी
शत्रु संहारिणी माँ दैत्य नाशिनी।।
विपदा हरिनि माँ त्रस तारिणी
नारेणी मेरी माता भवानी।
हे जगदम्बा मेरी दुर्गा भवानी।।
नारेणी  मेरी माता भवानी
हे जगदम्बा मेरी दुर्गा भवानी
नारेणी  मेरी माता भवानी
हे जगदम्बा मेरी दुर्गा भवानी
नारेणी  मेरी माता भवानी
हे जगदम्बा मेरी दुर्गा भवानी।।

गढ़वाली जागर

सुरकंडा देवी मंदिर के बारे में जाने के लिए यहाँ क्लीक करें।

गढ़वाली जागर , नारेणी मेरी माता भवानी के बारे में –

गायक – जागर सम्राट प्रीतम भरतवाण
संगीत निर्देशक – H .सोनी पम पम ,राजेंद्र प्रसन्ना
गीत – प्रीतम भरतवाण
अल्बम – सरूली
म्यूजिक लेबल – T -SERIES

पहाड़ी भट्ट की चटनी की आसान रेसिपी देखिये यहाँ।

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Bikram Singh Bhandari
Bikram Singh Bhandarihttps://devbhoomidarshan.in/
बिक्रम सिंह भंडारी, देवभूमि दर्शन के संस्थापक और प्रमुख लेखक हैं। उत्तराखंड की पावन भूमि से गहराई से जुड़े बिक्रम की लेखनी में इस क्षेत्र की समृद्ध संस्कृति, ऐतिहासिक धरोहर, और प्राकृतिक सौंदर्य की झलक स्पष्ट दिखाई देती है। उनकी रचनाएँ उत्तराखंड के खूबसूरत पर्यटन स्थलों और प्राचीन मंदिरों का सजीव चित्रण करती हैं, जिससे पाठक इस भूमि की आध्यात्मिक और ऐतिहासिक विरासत से परिचित होते हैं। साथ ही, वे उत्तराखंड की अद्भुत लोककथाओं और धार्मिक मान्यताओं को संरक्षित करने में अहम भूमिका निभाते हैं। बिक्रम का लेखन केवल सांस्कृतिक विरासत तक सीमित नहीं है, बल्कि वे स्वरोजगार और स्थानीय विकास जैसे विषयों को भी प्रमुखता से उठाते हैं। उनके विचार युवाओं को उत्तराखंड की पारंपरिक धरोहर के संरक्षण के साथ-साथ आर्थिक विकास के नए मार्ग तलाशने के लिए प्रेरित करते हैं। उनकी लेखनी भावनात्मक गहराई और सांस्कृतिक अंतर्दृष्टि से परिपूर्ण है। बिक्रम सिंह भंडारी के शब्द पाठकों को उत्तराखंड की दिव्य सुंदरता और सांस्कृतिक विरासत की अविस्मरणीय यात्रा पर ले जाते हैं, जिससे वे इस देवभूमि से आत्मिक जुड़ाव महसूस करते हैं।
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