काली कमली वाले बाबा को उत्तराखंड में तीर्थ यात्रियों के लिए सुगम रास्ते और धर्मशालाओं के निर्माण के लिए जाना जाता है। इन्हें स्वामी विशुद्धानंद
Category: Uttarakhand culture

कुमाऊं में एक जगह का नाम है, बाराकोट, उसके पास कोठयार गावँ में एक लछुवा नाम का आदमी रहता था । लछुवा के सात बेटे

आजकल खुशी जोशी दिगारी और नीरज चुफाल का एक कुमाउनी झोड़ा , अल्मोड़ा अंग्रेज आयो टैक्सी में , उत्तराखंड में काफी पसंद किया जा रहा

उत्तराखंड वीर भड़ों का राज्य है। जितना यह प्राकृतिक रूप से सुंदर है, उतने ही वीर, मेहनती, साहसी यहाँ के निवासी होते है। उत्तराखंड के

उत्तराखंड के पौड़ी जिले के थलीसैंण विकासखंड के अंतर्गत कन्डारस्यू पट्टी के बूंखाल में माँ काली का प्रसिद्ध मंदिर स्थित है। माँ काली पौड़ी के

पहाड़ो में तिमला फल , तिमुल, तिमलु आदि नामों से पहचाना जाने वाला इस फल को हिंदी में अंजीर कहते हैं। यह फल उत्तराखंड के

उत्तराखंड में एक से बढ़कर एक विभूतियों ने जन्म लिया है। उत्तराखंड में वीर पुरुषो के साथ -साथ कई वीरांगना नारियों ने भी उत्तराखंड के

रम्माण के बारे में – रम्माण उत्सव उत्तराखंड के चमोली जनपद के विकासखंड जोशीमठ में पैनखंडा पट्टी के सलूड़ ,डुंग्रा तथा सेलंग आदि गावों में

दोस्तों प्रसिद्धि की बात करें तो देवभूमी उत्तराखंड की हर चीज प्रसिद्ध है। प्राकृतिक सौंदर्य ,देवभूमी के देवता ,औषधीय फल फूल ,जड़ी -बूटी ,यहाँ की