Author: Bikram Singh Bhandari

बिक्रम सिंह भंडारी, देवभूमि दर्शन के संस्थापक और प्रमुख लेखक हैं। उत्तराखंड की पावन भूमि से गहराई से जुड़े बिक्रम की लेखनी में इस क्षेत्र की समृद्ध संस्कृति, ऐतिहासिक धरोहर, और प्राकृतिक सौंदर्य की झलक स्पष्ट दिखाई देती है। उनकी रचनाएँ उत्तराखंड के खूबसूरत पर्यटन स्थलों और प्राचीन मंदिरों का सजीव चित्रण करती हैं, जिससे पाठक इस भूमि की आध्यात्मिक और ऐतिहासिक विरासत से परिचित होते हैं। साथ ही, वे उत्तराखंड की अद्भुत लोककथाओं और धार्मिक मान्यताओं को संरक्षित करने में अहम भूमिका निभाते हैं। बिक्रम का लेखन केवल सांस्कृतिक विरासत तक सीमित नहीं है, बल्कि वे स्वरोजगार और स्थानीय विकास जैसे विषयों को भी प्रमुखता से उठाते हैं। उनके विचार युवाओं को उत्तराखंड की पारंपरिक धरोहर के संरक्षण के साथ-साथ आर्थिक विकास के नए मार्ग तलाशने के लिए प्रेरित करते हैं। उनकी लेखनी भावनात्मक गहराई और सांस्कृतिक अंतर्दृष्टि से परिपूर्ण है। बिक्रम सिंह भंडारी के शब्द पाठकों को उत्तराखंड की दिव्य सुंदरता और सांस्कृतिक विरासत की अविस्मरणीय यात्रा पर ले जाते हैं, जिससे वे इस देवभूमि से आत्मिक जुड़ाव महसूस करते हैं।

कुमाऊनी भाषा के प्रसिद्ध कवि ,व्यंग्यकार, एवं हास्यकवि शेर सिंह बिष्ट “अनपढ़ ”  जी के नाम से उत्तराखंड कुमाऊँ  के लगभग सभी लोग परिचित हैं । आज 20 मई को उनकी पुण्यतिथि है। कुमाउनी कविता के संरक्षण और विकास में शेर सिंह बिष्ट , शेरदा अनपढ़ का बहुत महत्वपूर्ण योगदान है। शेरदा की कविताओं में,पहाड़ की समस्याएं, पहाड़ का दर्द सब कुछ समाया था। सरल शब्दों में कहें ,तो उनकी कविताओं में पूरा पहाड़ समाया होता था। आइये जानते हैं  कुमाऊँ के प्रसिद्ध कवि शेर सिंह बिष्ट उर्फ शेरदा अनपढ़ जी के बारे में । शेर सिंह बिष्ट -शेरदा अनपढ़…

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उत्तराखंड कोरोना कर्फ्यू में यदि ड्राईविंग लाइसेंस बनाना है, तो यह समाचार आपके लिए है। अब बनेगा उत्तराखंड में ऑनलाइन लाइसेंस । कोरोना की इस विकट महामारी, सभी लोग अपने घरों में कैद होकर रह गए हैं। सामाजिक दूरी नियम के पालन से संक्रमण की चैन तोड़ने की कोशिश की जा रही है। इसलिए देश के  लगभग सभी राज्यो में लॉकडौन चल रहा है। इस महामारी में सरकार और सरकारी संस्थान से लेकर , निजी कंपनियां और सभी संस्थाएं , जनता को घर बैठे ऑनलाइन सुविधा देने का विचार कर रही है। इसी क्रम में परिवहन मंत्रालय ने लर्निंग ड्राइवरिंग…

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घ्वीड़ संक्रांति या घोल्ड संक्रांति – उत्तराखंड परम्पराओं और त्योहारों का प्रदेश है। यहाँ हर  सकारात्मक ऊर्जा देने वाली या सकारात्मक ज्ञान देने वाली चीजों को पूजा जाता है। इसीलिए इसको देवभूमि कहते हैं। उत्तराखंड में संक्रांति का विशेष महत्व है। लगभग हर संक्रांति को कुछ ना कुछ त्योहार होता है। संक्रांति को स्थानीय भाषा मे संग्रात भी कहते हैं। साधारण शब्दो मे कहा जाय तो, उत्तराखंड में त्योहार को संग्रात कहते हैं। मित्रो आज हम आपको उत्तराखंड के गढ़वाल का लोक पर्व  घ्वीड़ संक्रांति ,घोल्ड संक्रांति , घोल्ड त्योहार  बारे में संशिप्त जानकारी देने की कोशिश करेंगे। यह त्यौहार…

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आज रोचक कथाओ की कड़ी में आज हम आपके सामने ला रहे है। एक ऐसे नायक की कहानी, जो जन्म से ब्राह्मण था, और कर्म से महायोद्धा था। जिसको कुमाऊँ का रॉबर्ट ब्रूश कहा जाता है। जी हां हम आज आपको कुमाऊँ का महान योद्धा पुरुषोत्तम पंत उर्फ पुरखू पंत की कहानी बताने जा रहे हैं। लगभग 1560 – 1568 के की बात है। कुमाऊँ के पिथौरागढ़ क्षेत्र की तरफ चंद वंशीय राजा बालो कल्याण चंद का राज था। बालो कल्याण चंद बहुत ही वीर राजा था। वह अपनी सीमाओं का विस्तार करना चाहता था। वह अपने ससुराल सिराकोट(सिरागड़ )…

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पिछले कुछ सालों से उत्तराखंड में अतिवृष्टि बढ़ गई है। जिसके कारण भूस्खलन, और कई प्रकार की जान माल की हानि हो रही है। उत्तराखंड में बादल फटना आम हो गया है। उत्तराखंड में होने वाली अचानक अतिवृष्टि को बादल फटना कहते हैं। अब सवाल ये उठता है, कि क्यों फटते है बादल ? या बादल फटना क्या होता है ? और उत्तराखंड में ज्यादा बादल क्यों फटते हैं ?  बादल फटना क्या होता है ? उत्तराखंड में लगातार बादल फटने (Cloud brust) की घटनाओं ने हम सब को झकझोर कर रख दिया है।  मई 2021 में उत्तराखंड में एक…

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विश्व व्यापी भयानक बीमारी की मार झेल रहा भारत एवं उत्तराखंड । उत्तराखंड में दिन पे दिन स्थिति गंभीर हो रही है। और उत्तराखंड में सख्त कोविड कर्फ्यू भी चल रहा है। इसी बीच उत्तराखंड के युवावों के लिए एक अच्छी खबर आ रही है। ( उत्तराखंड में नौकरी ) उत्तराखंड के विभिन्न अस्पतालों में , पूर्व सैनिक कल्याण बोर्ड  ( उपनल ) के माध्य्म से  507 पदों पर भर्तियां होनी हैं। इसके लिए उपनल ने नॉकरी के लिये विज्ञप्ति जारी कर दी है। इन पदों के लिए उपनल को ईमेल करके आवेदन कर सकते हैं। उत्तराखंड में नौकरी के लिए…

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उत्तराखंड को देव भूमि कहा जाता है। यहाँ प्राचीन काल मे बहुत सी पुण्य आत्माओं ने जन्म लिया। जिनको वर्तमान में देवो के रूप में पूजा जाता है। आज हम आपको उत्तराखंड की लोक कथाओं में से ,गढ़वाल के दो प्रसिद्ध भाई सिदुवा बिदुआ की और गंगू रमोला की कहानी बताएंगे। उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल क्षेत्र में एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थान है।  सेममुखेम नागराजा जिसका निर्माण प्रसिद्ध नागवंशी सामन्त गंगू रमोला  ने कराया था। यह मंदिर सेममुखेम नागराजा , नागदेवता एवं भगवान कृष्ण को समर्पित है। गंगू रमोला सिदुवा बिदुआ का पिता था। वो रामोलिहाट का जमीदार था। उसके पास बहुत सारी…

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ईजा को शुभकामनाएं – मित्रो मातृदिवस के उपलक्ष्य में टीम देवभूमि दर्शन ईजा को समर्पित कुछ लेख, माँ के लिए पहाड़ी कविता ,माँ के लिए पहाड़ी गीत और माँ के लिये वीडियो स्टेटस , माँ के पहाड़ी स्टेटस ,माँ के लिए पहाड़ी शायरी  का संकलन करने की कोशिश की है। हमारे इस लेख को अंत तक देखिए। यदि कोई त्रुटि हो तो हमे हमारे फेसबुक पेज देवभूमि दर्शन पर मैसेज करके बता सकते हैं। जैसा कि आपको पता है। उत्तराखंड के कुमाऊं में माँ को ईजा कहते हैं। और कुमाऊ में माँ को ओइ भी कहते हैं। और गढ़वाली में…

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मोबाईल से पार्ट टाइम जॉब – मित्रों आज हम अपने लेख के माध्यम से अपने मित्रों के लिए कुछ पार्ट टाइम जॉब का सुझाव लाएं हैं। जिसे आप अपने मोबाइल से करके कुछ पैसे कमा सकते हो। घर मे खाली बैठने से अच्छा जो कुछ भी कमाई हो जाये अच्छा है। मित्रों मोबाइल ऑनलाइन पार्ट टाइम काम बहुत सारे हैं।  जैसे – सर्वे करना , कैप्चा भरना, डेटा एंट्री ,गेम खेल कर , वीडियो देख कर पैसे कमाना, यूट्यूब पर लाइक कमेंट करना, सोशल मीडिया पर कमेंट लिखना, इंस्टाग्राम की पोस्ट बनाना आदि । ये काम सब शार्ट टर्म वाले काम…

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गंगनाथ देवता की कहानी – गंगनाथ नेपाल के डोटीगढ़ राज्य के तेजस्वी राजकुमार थे,वो अद्वितीय शक्ति से परिपूर्ण थे।अल्मोड़ा जोशीखोला की रूपमती कन्या भाना के  आमंत्रण पर वे नेपाल डोटी से अल्मोड़ा जोशीखोला दन्या आ गए। आईए जानते हैं, राजकुमार गंगाचन्द से गंगनाथ देवता बनने की और भाना के साथ प्रेम कहानी। नेपाल का एक छोटा राज्य डोटीगढ़ । डोटी राज्य के राजा थे ,राजा वैभव चंद और उनकी रानी का नाम था ,प्यूला देवी। उनकी संतान नही थी। तब राजा वैभवचंद ने भगवान शिव की पूजा आराधना की। तब राजा वैभव चंद को एक तेजस्वी पुत्र की प्राप्ति हुई।…

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