Author: Bikram Singh Bhandari

बिक्रम सिंह भंडारी, देवभूमि दर्शन के संस्थापक और प्रमुख लेखक हैं। उत्तराखंड की पावन भूमि से गहराई से जुड़े बिक्रम की लेखनी में इस क्षेत्र की समृद्ध संस्कृति, ऐतिहासिक धरोहर, और प्राकृतिक सौंदर्य की झलक स्पष्ट दिखाई देती है। उनकी रचनाएँ उत्तराखंड के खूबसूरत पर्यटन स्थलों और प्राचीन मंदिरों का सजीव चित्रण करती हैं, जिससे पाठक इस भूमि की आध्यात्मिक और ऐतिहासिक विरासत से परिचित होते हैं। साथ ही, वे उत्तराखंड की अद्भुत लोककथाओं और धार्मिक मान्यताओं को संरक्षित करने में अहम भूमिका निभाते हैं। बिक्रम का लेखन केवल सांस्कृतिक विरासत तक सीमित नहीं है, बल्कि वे स्वरोजगार और स्थानीय विकास जैसे विषयों को भी प्रमुखता से उठाते हैं। उनके विचार युवाओं को उत्तराखंड की पारंपरिक धरोहर के संरक्षण के साथ-साथ आर्थिक विकास के नए मार्ग तलाशने के लिए प्रेरित करते हैं। उनकी लेखनी भावनात्मक गहराई और सांस्कृतिक अंतर्दृष्टि से परिपूर्ण है। बिक्रम सिंह भंडारी के शब्द पाठकों को उत्तराखंड की दिव्य सुंदरता और सांस्कृतिक विरासत की अविस्मरणीय यात्रा पर ले जाते हैं, जिससे वे इस देवभूमि से आत्मिक जुड़ाव महसूस करते हैं।

गंगनाथ देवता की कहानी – गंगनाथ नेपाल के डोटीगढ़ राज्य के तेजस्वी राजकुमार थे,वो अद्वितीय शक्ति से परिपूर्ण थे।अल्मोड़ा जोशीखोला की रूपमती कन्या भाना के  आमंत्रण पर वे नेपाल डोटी से अल्मोड़ा जोशीखोला दन्या आ गए। आईए जानते हैं, राजकुमार गंगाचन्द से गंगनाथ देवता बनने की और भाना के साथ प्रेम कहानी। नेपाल का एक छोटा राज्य डोटीगढ़ । डोटी राज्य के राजा थे ,राजा वैभव चंद और उनकी रानी का नाम था ,प्यूला देवी। उनकी संतान नही थी। तब राजा वैभवचंद ने भगवान शिव की पूजा आराधना की। तब राजा वैभव चंद को एक तेजस्वी पुत्र की प्राप्ति हुई।…

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देश मे बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए भारत सरकार ने 10 मई 2021 से 18 वर्ष से ऊपर सभी नागरिकों को कोरोना टीकाकरण करने का फैसला लिया है। इस चरण में कोरोना टीकाकरण के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया है। बिना रजिस्ट्रेशन के आप उत्तराखंड टीकाकरण केंद्र में नही जा सकते हैं। सरकार ने टीकाकरण के तीसरे चरण के रजिस्ट्रेशन के लिए एक वेब पोर्टल cowin.gov.in बनाया हैं। कोविन प्लेटफार्म पर 28 अप्रैल 2021 से रेजिस्ट्रेशन शुरू हो गया है। कोविन के साथ साथ आप आरोग्य सेतु पर भी टीकाकरण के लिए पंजीकरण कर सकते हैं।और जीओ के जिओ…

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क्या मोबाइल से ऑक्सीजन लेवल चेक कर सकते हैं क्या हम अपने मोबाइल फ़ोन से ऑक्सीजन लेवल चेक कर सकते हैं ? और जवाब होगा “बिल्कुल नही ” । ऑक्सीजन लेवल चेक करने के चक्कर मे हम अपनी मेहनत की कमाई साइबर हैकर या साइबर फ़्रॉड लोगो को दे देंगे। और अपनी व्यक्तिगत जानकारी भी। साइबर अपराधी ( cyber froud ) फ़र्ज़ी मोबाइल एप के द्वारा लोगो को धोखे से ठग रहे हैं। भारत सरकार की साइबर संस्था ,साइबर दोस्त ( cyber dost ) ने अडवाइजरी जारी की है, जिसके अनुसार मोबाइल यूूज़र्स को अज्ञात यूआरएल (URL ) से ऑक्सीमीटर app…

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शादी के लिए ऑनलाइन परमिशन – कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए ,उत्तराखंड सरकार ने शादियों में केवल 20 लोगों की गाइडलाइन जारी की है। जो भविष्य में और कम हो सकती है।  उत्तराखंड सरकार के अनुसार 18 से 25 मई के कर्फ्यू में  उत्तराखंड की शादियों में 72 घंटे पुरानी RTPCR  निगेटिव  रिपोर्ट आवश्यक है । मतलब शादी में जाने से पहले आपको कोरोना टेस्ट कराना पड़ेगा। कोरोना में शादी की परमिशन के लिए  लोगो को दफ्तरों में भटकना पड़ रहा हैं। लोगों की इस समस्या का समाधान अब नैनीताल जिला प्रशासन ने निकाला है। नैनीताल जिला प्रशासन…

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 ई संजीवनी ओपीडी उत्तराखंड – उत्तराखंड में बढ़ते कोरोना संक्रमण और अस्पतालों में बेड की कमी को देखते हुए , माननीय मुख्यमंत्री जी के निर्देश पर ,उत्तराखंड स्वस्थ विभाग ने टेलीमेडिसिन सेवा और वर्चुअल ओपीडी या ई संजीवनी ओपीडी सेवा ,चिकित्सक आपके द्वार सेवा की शुरुआत कर दी है। सरकार की इस सुविधा से प्रदेश के दूरस्थ एवं दुर्गम क्षेत्र में रहने वाले लोग घर बैठे ही विशेषज्ञ डॉक्टरों से अपने स्वास्थ्य संबंधित परामर्श ले सकेंगे। उत्तराखंड में कोरोना के बढ़ते मामलों की वजह से ,उत्तराखंड के अधिकतर अस्पतालों की ओपीडी सेवा प्रभावित हो गई हैं। ऐसी स्थिति में जो नॉन…

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उत्तराखंड के लिए पास- उत्तराखंड सरकार ने 20-04-2021 को, कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर की रोकथाम हेतु उत्तराखंड शासन नेे गाइड लाइन जारी कर दी है जिसके अन्य बिंदु तो आप को पता चल ही गये होंगे,उनमे से एक महत्वपूर्ण बिंदु है, बाहर से आने वालों का उत्तराखंड स्मार्ट सिटी पोर्टल पर अनिवार्य रजिस्ट्रेशन। “उत्तराखंड राज्य के निवासी या कोई बाहरी व्यक्ति अन्य राज्यों से राज्य में प्रवेश कर रहे हैं तो उन्हें उत्तराखंड स्मार्ट सिटी के पोर्टल पर पंजीकरण करना अनिवार्य होगा। तथा ऐसे व्यक्ति वापसी पर स्वयं को होम क्वॉरेंटाइन करेंगे साथ ही अपने स्वास्थ्य की निरंतर मॉनिटरिंग…

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नैनीताल प्रवासी फार्म- कोरोना 2021 ने सारे देश मे  हाहाकार मचा दिया है। देश के कई शहरों में लोकडॉन , कर्फ्यू लगने शरू हो गए हैं।और प्रवासी उत्तराखंडी अपने घरों को लौटने शुरू हो गए हैं। इसी मध्य नजर कोविड 19 , 2021 के नए नियमो के अंतर्गत उत्तराखंड के नैनीताल जनपद में आने वालों को होम क्वारंटाइन पूरा करना जरूरी है। इसके बारे में जानकारी देते हुए मुख्य विकास अधिकारी श्री नरेन्द्र सिंह भंडारी जी ने बताया कि , अब प्रवासियों को अपने घर लौटने की जानकारी स्वंय प्रशासन को देनी होगी। उसके लिए एक ऑनलाइन फार्म बनाया गया…

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जब सैम देवता की जागर गाई जाती है, तब उसमें छिपुलाकोट का हाड़ का एक व्रतांत भी सुनाया जाता है। जिसका हमने हिंदी में  वर्णन करने की कोशिश की है। यह लेख सैम देवता की जागर ,और प्रोफेसर DD sharma की पुस्तक उत्तराखंड के लोक देवता तथा पहाड़ो में सुनाई जाने वाली लोकगाथाओं की सहायता से संकलित किया गया है। इससे पहले के लेख में हमने आपको हरज्यूँ  और सैम देवता की जन्म कथा को  बताया है । जो पाठक अभी तक हरू सैम की जन्मगाथा नही पढ़ पाए, वो जन्म कहानी पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।  कुमाऊ के…

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हरज्यू और सैम देवता  कुमाऊ के सुख समृद्धि के देवता माने जाते हैं। हरू देवता  सबका कल्याण करने वाले शांत स्वभाव के देवता माने जाते हैं।एक लोक कहावत में कहा जाता है,कि जहॉ हरज्यूँ ( हरू ) का वास होता है, वहा सुख समृद्धि रहती है। और ये जहॉ नाराज हो जाते हैं , वहाँ सब विनाश हो जाता है। आन हरज्यूँ हरिपट । जान हरज्यूँ खड़पट। प्रस्तुत लेख हम आपको उत्तराखंड के लोक देवता हरज्यू और सैम देवता की जन्मकथा सुनाएंगे। तो आप इस लेख में अंत तक बने रहिए।  हरज्यू और सैम देवता की जन्म कथा – हरज्यू…

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मनीला देवी मंदिर उत्तराखंड अल्मोड़ा  जिले के सल्ट क्षेत्र में स्थित है। देवदार और चीड़ ,बाज बुरॉश आदि धने वृक्षो की छाया में बसा मनीला माता का मंदिर। मनिला इस क्षेत्र का नाम है। और यहाँ स्थित देवी के मंदिर को माँ मनिला देवी मंदिर कहा जाता है। अल्मोड़ा जिला मुख्यालय  लगभग 128 किलोमीटर दूर , रानीखेत से लगभग 85 और रामनगर से लगभग 80 किलोमीटर दूर मनिला नामक स्थान पर माता का चमत्कारी मंदिर है। मनिला एक आकर्षक पर्यटक स्थल है। मनिला में देवदार, चीड़ ,बुरॉश बाज के पेड़ों की छात्र छाया से यहां का प्राकृतिक सौंदर्य निखर जाता…

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