उत्तराखंड सरकार ने प्रसिद्ध कवि गीतकार ,संवाद लेखक और वर्तमान सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष पद्मश्री प्रसून जोशी को आधिकारिक रूप से उत्तराखंड का ब्रांड एम्बेसडर नियुक्त किया है। कला, साहित्य ,प्रबंधन क्षेत्रों में श्री प्रसून जोशी जी को काफी अनुभव है। और उत्तराखंड का ब्रांड एम्बेसडर नियुक्त होने के बाद यह अनुभव उत्तराखंड के लिए लाभकारी होगा। प्रसून जोशी उत्तराखंड की संस्कृति ,तीर्थ पर्यटन आदि मामलो में होंगे ब्रांड एम्बेसडर। उत्तराखंड के ब्रांड एम्बेसडर प्रसून जोशी के बारे में बहुमुखी प्रतिभा के धनी प्रसून जोशी जी का जन्म उत्तराखंड के अल्मोड़ा के दन्या गावं में 16 सितम्बर 1968 को हुवा…
Author: Bikram Singh Bhandari
देवभूमी उत्तराखंड को प्रकृति ने रमणीय सुंदरता के साथ स्थान स्थान पर कई रहस्मयी चीजें भी प्रदान की हैं। यहां एक से बढ़कर एक विशाल पर्वत शिखर सुन्दर बुग्यालों के साथ कई रहस्यों को समेटे एक से बढ़कर एक गुफाएं स्थित हैं। यहाँ पाताल भुवनेश्वर जैसी गुफा है जिसके बारे कहा जाता कि कलयुग के अंत का राज इसी गुफा में छुपा है। आज इस लेख में हम उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में स्थित एक ऐसी ही रहस्य्मयी गुफा थकुली उडियार के बारे में रोचक जानकारी साँझा कर रहें हैं। उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के चौखुटिया से लगभग 13 किलोमीटर…
वीर पुरुष माधो सिंह भंडारी (Madho Singh Bhandari) गढ़वाल के मध्यकालीन इतिहास के वे वीर हैं जिन्हे सबसे अधिक याद किया जाता है। जिनकी बाहदुरी वीरता ,त्याग और उदारता की कहानियाँ समस्त गढ़वाल में सुनाई जाती हैं। वीर माधो सिंह भंडारी का जन्म सत्रहवीं सदी के अंत और अठ्ठारहवी सदी के प्रारम्भ में माना जाता है। ( तिथि निश्चित नहीं है ) इनका जन्म कीर्तिनगर के निकट मलेथा नामक गांव में हुवा था। शुरुवात में ये गढ़वाल के शाशक राजा महीपतिशाह का एक वीर सैनिक था। जो अपनी वीरता , देशप्रेम और हिम्मत से उसी सेना का उपसेनानायक और बाद…
मार्गशीर्ष की अमावस्या को मनाया जाने वाला यह उत्सव ,हिमालयी क्षेत्रों का एक खास त्यौहार है ,जो मैदानी दीवाली के ठीक एक माह बाद मार्गशीष की अमावस्या को मनाया जाता है। हिमाचल और उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में इसे कहीं बूढी दीवाली कही ,कोलेरी दीवाली ,पहाड़ी दिवाली के नाम से मनाया जाता है। उत्तराखंड के टिहरी ,उत्तरकाशी जनपदों के रवाईं ,जौनपुर उत्तरकाशी ,टनकौर आदि में बग्वाली, मंगसीर बग्वाल और जौनसार बावर में यह पर्व बूढ़ी दीवाली के नाम से पांच दिन मनाया जाता है। इसे पढ़े – जौनसार की बूढी दीवाली के बारे में विस्तार से यहाँ पढ़े। क्यों मानते…
मित्रों बचपन में हमने अपने दादा दादी नाना नानी से कई कुमाउनी और गढ़वाली लोकथाएँ सुनी हैं। उन्ही में से एक कुमाऊं के द्वाराहाट क्षेत्र के आस पास की स्यूंराजी बोरा और भ्यूंराजी बोरा की लोक कथा है। यह कहानी इतनी रोमांचक है ,यदि कोई इस लोक कथा पर फिल्म बनाना चाहें तो ,बाहुबली और कांतारा से अच्छी फिल्म बन सकती है ,एक्शन रोमांच ,सस्पेंस सब कुछ है इस लोक कथा में। ..तो शुरू करते हैं…. स्यूंराजी बोरा के पिता का नाम झुपुवा बोरा , माँ का नाम झुपुली बौराणी और भाई का नाम भ्यूंराजी बोरा और चाचा का नाम…
एक कौए के नौ कौवे एक प्रसिद्ध कुमाउनी लोक कथा है। जनज्यूड़ा गांव में एक खीम सिंह नामक बड़े सीधे -साधे व्यक्ति थे। उन्हें प्यार से लोग खिमदा करके बुलाते थे। वे सुबह दिशा खुलने से पहले, उठ जाते थे। हाथ में लोटा लेकर ,कान में जनेऊ लपेट कर वे दूर जंगल की नित्यकर्म हेतु जाते थे। फिर नाह धोकर दो तीन घंटे तक पूजा करते थे। एक दिन जब अँधेरा ही था ,खिमदा हाथ में लोटा लेकर नित्यकर्म करने जंगल की ओर गए। जब एक झाड़ी की ओट में बैठ कर पाखाना करने लगे तो वही एक कौए का पंख…
बुधवार 16 नवंबर 2022 को उत्तराखंड सरकार ने कई अहम प्रस्ताव पास किये, जिनमे प्रमुख है, नैनीताल हाईकोर्ट शिफ्ट होने का प्रस्ताव पर मुहर। प्राप्त सुचना के आधार पर जल्द नैनीताल हाईकोर्ट हल्द्वानी शिफ्ट होगा। इसके अलावा इन प्रमुख प्रस्तावों पर धामी कैबिनेट ने अपनी मुहर लगाई। उत्तराखंड कैबिनेट ने धर्मांतरण कानून को मंजूरी दे दी है। कैबिनेट ने चंपावत में नया RTO ऑफिस खोलने पर मुहर लगाई है। उत्तराखंड दुकान एवं स्थापन 2022 प्रख्यापन और अग्निशमन नियमावाली को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। उत्तराखंड सरकार कैबिनेट बैठक में कुल 29 प्रस्ताव लाए गए। उत्तराखंड में धर्मांतरण कानून को…
जौलजीबी मेला का परिचय – भारत, नेपाल और तिब्बत तीन देशो की संस्कृति का संगम अंतर्राष्ट्रीय जौलजीबी मेला प्रतिवर्ष 14 नवंबर से शुरू होकर लगभग 10 दिन तक अर्थात 24 नवंबर तक चलता है। पिथौरागढ़ जिला मुख्यालय से लगभग 68 किलोमीटर दुरी पर स्थित रमणीक स्थल जौलजीबी तीन नदियों के संगम (काली, गोरी, और सरयू) पर स्थित है। इस मेले कोअंतर्राष्ट्रीय मेला कहते हैं क्योंकि इसमें भारत, नेपाल, तिब्बत (चीन) के लोग भाग लेते हैं। अपने अपने देश के स्थानीय उत्पाद इस मेले में बेचते हैं। स्थानीय स्तर के खास पहाड़ी उत्पाद इस मेले के आकर्षण रहते हैं। 1962 के…
उत्तराखंड के इतिहास में पहली बार एक ऐसा गीत रिलीज हुवा है जिसे, उत्तराखंड के लगभग सभी प्रसिद्ध गायकों ने आवाज दी है। चांदनी इंटरप्राइजेज के यूट्यूब चैनल से बेडु पाको गीत का नया वर्ज़न उत्तराखंड स्थापना दिवस के शुभावसर पर देहरादून से रिलीज हुवा है। इस गीत की सबसे बड़ी खासियत यह है कि, इतिहास में पहली बार कुमाऊं, गढ़वाल, और जौनसार के सभी दिग्गज लोकगायकों एक साथ एक गीत में अपनी आवाज दी है। उत्तराखंड के इन मोतियों को एक माला में पिरोने का काम किया है ,चांदनी इंटरप्राइजेज के नवीन टोलिया जी ने। उत्तराखंड के अघोषित राज्य…
उत्तराखंड के नाम पर आधारित पौराणिक कहानी- हिमालय की गोद में बसा प्राकृतिक प्रदेश उत्तराखंड का गठन 09 नवंबर 2000 को उत्तराँचल नाम से हुवा किन्तु दिसम्बर 2006 को इसका पुनः नाम उत्तराखंड कर दिया गया। पौराणिक ग्रंथो में केदारखंड ,मानसखंड और हिमवंत के नाम से प्रसिद्ध इस भू भाग को उत्तराखंड का नाम महाभारत काल में मिला। उत्तराखंड के नाम के पीछे ये महाभारतकालीन घटना को बताया जाता है। तदनुसार महाभारत काल में उत्तराखंड के भू भाग में ,राजा विराट राज्य करते थे ,उनकी राजधानी कत्यूरकालीन बैराठ (गेवाड़) थी। महाभारत की कथानुसार हम सबको विदित है कि ,पांच पांडवो…