Friday, May 23, 2025
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महेंद्र सिंह धोनी पहुंचे नैनीताल! बाबा नीम करौली जी के दर्शन करेंगे।

प्राप्त जानकारी के अनुसार भारतीय टीम के पूर्व कप्तान और भारतीय क्रिकेट में अब तक के सबसे सफल कप्तान महेंद्र सिंह धोनी उत्तराखंड नैनीताल पहुंच गए हैं। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार धोनी नैनीताल में बाबा नीम करोली के दर्शन करेंगे। इससे पहले विराट अनुष्का भी बाबा नीम करौली के दर्शन करने आ चुके हैं। लोग बताते हैं कि बाबा नीम करोली के आशीर्वाद से विराट अपनी जीवन की नई सफलताओं को चूम रहे हैं ,और व्यवहार में भी काफी परिवर्तन है। इनके अलावा कई बड़ी -बड़ी हस्तियां बाबा नीम करोली का आशीर्वाद ले चुकी हैं। कैंची धाम में प्रतिदिन भक्तों की भीड़ बाबा के आशीष के लिए आती रहती है।

महेंद्र सिंह धोनी

यह तो सर्वविदित है कि बाबा के आशीष प्राप्त भक्तों की फेहरिस्त में एप्पल कम्पनी के संस्थापक स्टीव जॉब्स और फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग भी शामिल हैं। अब महेंद्र सिंह धोनी अपनी मन्नतों के साथ बाबा के चरणों में आएं हैं। जैसा कि सर्वविदित है कि महेंद्र सिंह धोनी उत्तराखंडी मूल के हैं। उनका गांव उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में अल्मोड़ा -जागेश्वर विधानसभा के अंतर्गत ल्वाली  गांव में पड़ता है। धोनी के उत्तराखंड पहुंचने की खबर से उनके ग्रामवासी भी उत्साहित हैं। उनको विश्वास है कि धोनी अपने भाई बंधुओं से मिलने अपने पैतृक गावं अवश्य आएंगे।

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Bikram Singh Bhandari
Bikram Singh Bhandarihttps://devbhoomidarshan.in/
बिक्रम सिंह भंडारी, देवभूमि दर्शन के संस्थापक और प्रमुख लेखक हैं। उत्तराखंड की पावन भूमि से गहराई से जुड़े बिक्रम की लेखनी में इस क्षेत्र की समृद्ध संस्कृति, ऐतिहासिक धरोहर, और प्राकृतिक सौंदर्य की झलक स्पष्ट दिखाई देती है। उनकी रचनाएँ उत्तराखंड के खूबसूरत पर्यटन स्थलों और प्राचीन मंदिरों का सजीव चित्रण करती हैं, जिससे पाठक इस भूमि की आध्यात्मिक और ऐतिहासिक विरासत से परिचित होते हैं। साथ ही, वे उत्तराखंड की अद्भुत लोककथाओं और धार्मिक मान्यताओं को संरक्षित करने में अहम भूमिका निभाते हैं। बिक्रम का लेखन केवल सांस्कृतिक विरासत तक सीमित नहीं है, बल्कि वे स्वरोजगार और स्थानीय विकास जैसे विषयों को भी प्रमुखता से उठाते हैं। उनके विचार युवाओं को उत्तराखंड की पारंपरिक धरोहर के संरक्षण के साथ-साथ आर्थिक विकास के नए मार्ग तलाशने के लिए प्रेरित करते हैं। उनकी लेखनी भावनात्मक गहराई और सांस्कृतिक अंतर्दृष्टि से परिपूर्ण है। बिक्रम सिंह भंडारी के शब्द पाठकों को उत्तराखंड की दिव्य सुंदरता और सांस्कृतिक विरासत की अविस्मरणीय यात्रा पर ले जाते हैं, जिससे वे इस देवभूमि से आत्मिक जुड़ाव महसूस करते हैं।
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