नीम करोली बाबा के लाखो भक्त है। उनके भक्त भारत से विदेशो तक फैले हैं। एप्पल के सीईओ से लेकर फेसबुक के संस्थापक जैसी हस्तियां बाबा का अलौकिक आशीर्वाद ले चुकी हैं। उनके भक्तों के साथ बाबा के जीवन काल में या उनके जाने के बाद ,कुछ अलौकिक दिव्य चमत्कारिक अनुभव हुए , जिसे उन्होंने अलग अलग माध्यमों में साँझा किया है। बाबा के भक्तो के इन दिव्य अनुभवों में से कुछ उपलब्ध किस्सों को , बाबा के चमत्कार के रूप में संकलित कर रहे हैं। Neem karoli baba miracles in Hindi
जब भंडारे में घी कम पड़ गया था –
बाबा नीम करोली के धाम ,कैंची धाम में ,हमेशा भंडारे चलते रहते थे ,आज भी चलते हैं। बाबा कसे द्वार से सभी भक्त तृप्त होकर जाते थे। एक बार अचानक भंडारे में घी की कमी पद गई। बाबा के सेवक परेशान हो गए , अब क्या करें !!!तब वे बाबा नीम करोली के पास गए , उनको समस्या बताई। तब बाबा ने कहा शिप्रा का जल डाल दो !! वो क्या घी से कम है !! बाबा का आदेश मानते हुए सेवक ,बगल में बह रही शिप्रा से कनस्तर में पानी भर कर लाये , तो वह पानी घी में परिवर्तित हो गया।
बाबा का चमत्कार देखकर ,एक विदेशी बन गया रामदास और लिख दी ” miracle of love “
रिचर्ड अल्पर्ट नामक अंग्रेज ,जो हारवर्ड यूनिवर्सिटी में प्रोफ़ेसर थे। वे मनोविज्ञान में सहायक प्रोफ़ेसर थे , मनुष्य को भ्रमित कर देने वाले रासानिक नशे जैसे एलएसडी पर अध्यन करते करते ,वे खुद एलएसडी के आदि हो गए थे। उनका मन आध्यात्म पर भी था। आध्यात्म की खोज में वे भारत आये और उनकी मुलाकात बाबा नीम करोली से हुई। बाबा को साधारण बाबा समझ कर उसने उन्हें बहुत सारी एलएसडी की गोलिया खाने को दे दी , बाबा सारी गोलियां खा गए उन्हें कुछ भी असर नहीं हुवा। बाबा का यह चमत्कार देख , रिचर्ड अल्पर्ट बाबा का शिष्य बन गया। बाबा ने रिचर्ड अल्पर्ट को यह सन्देश दिया कि इस नशे में कुछ नहीं रखा है। नशा करना है तो , आध्यात्म का नशा करो। बाबा ने उसे रामदास नाम दिया। रामदास ने बाबा के चमत्कारों पर आधारित एक पुस्तक लिखी जिसका नाम है , “miracle of love” रामदास ने सेवा फाउंडेशन और हनुमान फाउंडेशन नामक संस्थाओं की सहायता से भारत और विदेशो में आध्यात्म से जुड़ाव और जनकल्याणकारी कार्य किये।

miracle of love में वर्णित बाबा का किस्सा , बुलेटप्रूफ कम्बल यहां पढ़े।
कुवे का खारा पानी मीठा हो गया ;-

बाबा नीम करौली जी का जन्म फर्रुखाबाद में हुवा था। कहते हैं फर्रुखाबाद में एक कुवा था , जिसका पानी बहुत खरा होता था। एक बार बाबा फर्रुखाबाद की यात्रा पर थे। किसी ने बाबा को बताया कि यहाँ एक कुँकारण वा है, जिसका पानी बहुत खारा है। तब बाबा नीम करौली ने अपने एक शिष्य को कहा , इस कुवे में एक बोरा चीनी डाल दो , पानी मीठा हो जायेगा। और वास्तव में उस कुए का पानी मीठा यानि पीने योग्य हो गया।
बाबा के चमत्कार से बन गया , बाबा लक्ष्मण दास पूरी स्टेशन –
यह किस्सा भी बाबा का बड़ा ही रोचक है। एक बार बाबा ट्रेन से यात्रा पर थे। बीच यात्रा में टिकट चेकर आया और बाबा नीम करौली महाराज के पास टिकट न पाकर , उन्हें गाड़ी रोक कर गाड़ी से बहार कर दिया। बाबा वही किनारे आसन लगाकर चिमटा गाढ़कर बैठ गए। उसके बाद रेलवे के स्टाफ ने जैसे गाड़ी आगे बढ़ाने की कोशिश की , तब गाडी बिलकुल भी चलने को राजी नहीं हुई। स्टाफ के काफी कोशिश करने के बाद ,ट्रेन नहीं चली तो , किसी ने सुझाव दिया कि कहीं बाबा के रोष के कारण ना हुवा हो। तब रेलवे स्टाफ ने बाबा से याचना करके , बाबा को विशेष कोच में बिठाया। तब गाडी आगे बढ़ पायी। बाद में रेलवे ने वहां एक स्टेशन का निर्माण किया , जिसका नामबाबा लक्ष्मण दास पूरी स्टेशन रखा गया। Neem karoli baba ke chamtkar
गुफा गायब हो गई –
इलाहाबाद के एक भक्त की कथा पढ़ी , जिसमे वे बताते हैं , कि 40 साल पहले रात में वे कहीं जा रहे थे। और वे अपना रास्ता भटक गए। अचानक उनको अँधेरे में एक गुफा दिखाई दी जहाँ उजाला हो रहा था। जब वे गुफा के पास गए तो ,उन्होंने देखा गुफा के अंदर महाराज जी बैठे हुए थे। महाराज जी ने उन्हें भोजन कराया ,और उसके बाद कहा कि , “तू रास्ता भटक गया है, तुझे उस तरफ जाना है। वे महाराज जी के कथनानुसार 15 -20 कदम आगे गए ,तो उनको जिस गावँ में जाना था , वो मिल गया। जब उन्होंने पीछे मुड़कर देखा तो , वहाँ न तो गुफा थी और न ही महाराज जी थे। सब बाबा की लीला थी।
बाबा भक्त की भावना देखते थे –
नैनीताल जिले में भवाली के पास भूमियाधार में बाबा का एक छोटा आश्रम है। जिसके चारों ओर अधिकांशतः अनुसूचित जाती के परिवार रहते हैं। एक दिन बाबा अपने इस आश्रम में आये थे। एक अनुसूचित जाती का व्यक्ति एक साफ गिलास में बड़े प्रेम और श्रद्धा से बाबा के लिए गर्म दूध लाया था। किन्तु उसने जिस कपडे से दूध का बर्तन ढका था। वह बहुत ही मैला हो रखा था। उस समय स्थिति कुछ ऐसी थी कि उस कपडे को देख कर किसी की इच्छा नहीं करेगी दूध पीने के लिए। किन्तु बाबा ने बड़ी उतावली से वह गिलास लिया और कपडे की तरफ ध्यान दिए बगैर प्रेम से उस गरीब को देखते हुए पूरा दूध गटक गए। बाबा की नजर उसकी गरीबी में नहीं उसकी भावना में थी। Neem karoli baba ke chamtkar
बाबा किसी भी रूप में मिल सकते हैं। …. बाबा का चमत्कार ( Neem karoli baba miracles in Hindi )
बाबा की भक्त वत्सलता –
गाड़ी पास हो गई || Neem karoli baba ke chamtkar
बाबा का चमत्कार वाला यह किस्सा पढ़िए उनके एक अनन्य भक्त युधिष्ठिर जी के शब्दों में ,-” एक दिन की बात है कि मैं (युधिष्टर) बाबा जी की कार कानपुर में चला रहा था तो कानपुर गंगा पुल में एक ओर से यानी सामने से बैल गाड़िया भारी बोझ के साथ आ रही थी तो मैंने सोचा अब हमारी गाड़ी से अवश्य टकराएंगी और कार का एक्सिडेंट होगा इतने में बाबा जी ने कहा कि तू आँख बंद कर ले, जब मैंने थोड़ी देर बाद आँख उनके कहने से खोली तो बैलगाड़ियाँ पास हो गई थी वैसे वह पूरी सड़क को घेर कर चल रही थी। बाबा को जब कहीं जाना हो और मैं मिल जाऊँ तो ड्राईवर को कहते कि तू चाबी ‘युधिष्टर’ को दे दे और खा पी और आराम कर गाड़ी युधिष्टर चलाएगा। मैंने उनकी अलग-अलग गाड़िया अलग-अलग स्थानों में चलाई। कभी पेट्रोल न हो तो पानी भरवाना आदि उनका खेल था। पर उनके साथ के चमत्कार को कहने की इजाजत नहीं थी, अंगुली अपने मुंह में लगा कर चुप रहने को कह देते थे।”
बालक की चतुराई –
खुर्जा नहीं बनारस , बाबा का चमत्कार (Neem karoli baba miracles in Hindi)
बाबा के अनन्य भक्त कानपुर के भगवती सेवक बाजपेयी जी का किस्सा पढिए -एक बार कानपुर में श्री भगवती सेवक बाजपेयी, महाराज और उनके साथ आये विधाराम जी को स्टेशन पहुँचाने गये।बाबा जी ने उनसे खुरजा के लिए दो टिकट लाने को कहा। बाजपेयी जी बाबा के लिए प्रथम श्रेणी का और विधाराम जी के लिए द्वितीय श्रेणी का टिकट लेकर बाबा के पास आये। बाबाजी बोले, “कहाँ का टिकट लाया ?” बाजपेयी जी ने कहा, “खुरजा के! बाबाजी बोले, “हमने बनारस के लिए कही थी, तू खुरजा के ले आया। अच्छा, देदे इन्हें विधाराम को। इतने में राज्यपाल श्री विष्णु सहाय, जो दिल्ली की यात्रा पर थे ,और पिछले दिन अपने भाई श्री रघुनाथ सहाय के घर कानपुर में रुक गए थे, स्टेशन पहुँचे। बाबा को वहाँ देख वे बहुत हर्षित हुए और उनसे प्रेमपूर्ण आग्रह करने लगे कि वे उनके साथ दिल्ली चलें। बाबा बोले, “नहीं, हमें जरूरी काम से बनारस जाना है” और विधाराम जी से कहने लगे, “दिखा दे टिकट इसे। विधाराम जी और बाजपेयी जी खुरजा के टिकट दिखाने में घबरा उठे पर लाचार थे उन्हें बाबा की आज्ञा का पालन करना ही पड़ा। जब विधाराम जी ने दोनों टिकट विष्णु सहाय जी के हाथ में रखे तो दोनों टिकट प्रथम श्रेणी के और बनारस से भी एक स्टेशन आगे मुगलसराय के थे। ये कैसे हो गया? सब समझ गए कि श्रीमहाराज जी की कृपा से सब संभव है। Neem karoli baba miracles in Hindi
बाबा का चमत्कार , भक्त की पत्नी के संकटों का निवारण कर दिया –
श्री सूरज नारायण मेहरोत्रा, डाइरेक्टर जेल इन्डस्ट्रीज उत्तर प्रदेश की पत्नी एक बार दिल की बीमारी ‘एन्जिना पैक्टोरिस’ से आक्रांत पड़ी थी। हृदय में रक्त का संचार कम होने से उन्हें भीषण कष्ट का सामना करना पड़ रहा था।डाक्टर पूरा प्रयत्न कर रहे थे पर उनकी दशा गिरती ही जा रही थी। महाराज उस समय कानपुर में थे। वहाँ वे भक्तों से श्रीमती मेहरोत्रा की दशा का वर्णन करते हुए बोले, “यदि उसको कुछ हो गया तो हमें खाना कौन खिलायेगा ?” उन लोगों को छोड़कर वे तुरंत मेहरोत्रा जी के घर लखनऊ पहुंच गए, उस समय वे बेहोश पड़ी थीं। बाबा जी ने अपने पैर के अंगूठे को उनके माथे में रख दिया। लगभग रात बारह बजे श्रीमती मेहरोत्रा जी ने आँखें खोलीं।बाबा ने उन्हें अपना प्रसाद खाने को दिया जिससे उन में सुधार आता चला गया। इस अवसर में प्रथम बार बाबा मेहरोत्रा जी के घर नौ दिन तक रहे। जब आप पूर्ण स्वस्थ हो गई तो आपके हाथ का भोजन पाकर बाबा चले गए।
जब बाबा ने बारिश रोक दी –
आम का प्रसाद !! बाबा का चमत्कार –
अकाल मृत्यु से रक्षा || Neem karoli baba ke chamtkar
बाबा के स्पर्श मात्र से बत्तियाँ जल उठी –
भूमियाधार में कुछ माई लोग, बाबा का पूजन करने आया करती थी ।एक दिन बाबा उन्हें आश्रम में नहीं मिले । बाबा मोटर सड़क की द्वार पर बैठे थे ।सभी माई बाबा की पूजा करने कि विचार से वही जाने लगी । बाबा ने हाथ हिलाकर उन्हें लौट जाने का संकेत दिया । उस समय गुरूदत शर्मा जी बाबा के पास थे । माईयों को निराश देखकर शर्मा जी ने बाबा से माईयों के लिये प्रार्थना की ।बाबा ने अनुमति दे दी और उन्हें जल्दी पूजा कर के जाने को कहा । माईयों ने यथाशीघ्र ये कार्य किया ।आरती के लिये वे दियासलाई लाना भूल गई थी । उन्होंने अपनी कठिनाई शर्मा जी को बताई , पर वे उनकी सहायता करने में असमर्थ थे । बाबा ने झुँझलाहट में रूई से सनी हुई बत्तियों को हाथ में ले लिया ।और “ठुलिमां ठुलिमां ” कहते हुये हाथ घुमाया , आश्चर्य ! एकदम बत्तियाँ जल उठी । सभी माई आन्नदपूर्वक आरती कर के वापस चली गयी!
बाबा का चमत्कार , बाबा ने अपने भक्त को कराये शिव दर्शन –
पूरन दा के पिता भगवान शंकर के अनन्य भक्त थे ।वे नित्य ही रूद्राभिषेक बड़ी निष्ठा से करते थे।पर वे महाराजजी से अत्यंत क्षुब्ध रहते थे , क्योंकि पूरन दा गहस्थी की ज़िम्मेदारियाँ त्याग हर वक़्त बाबा के पीछे ही डोलते रहते थे ।एक बार सामूहिक पूजन हो रहा था शंकर जी का।बाबा जी का वहाँ आगमन हुआ। उन्हें देख पिताजी को हल्का सा उन्माद हो आया ।उन्होंने काँपते हुये बाबा को प्रणाम किया को महाराज जी ने उनसे पूछा, तूने हैड़ाखान के बाबा देखें है ? पिताजी बोले,” नहीं ।मैं तो सोमवारी महाराजजी के मानता हूँ ।बाबा ने फिर पूछा।नहीं देखें तूने हैड़ियाखान बाबा ? ” वे शिव थे” ! और अब पिताजी के नहीं कहने पर बाबा ने अपने सीने से कम्बल हटा दिया । पिताजी ने महाराज के सीने पर साक्षात शंकर भगवान के दर्शन किये । पिताजी ने काँपते हुये पुनः बाबा जी को प्रणाम किया ।
चाय पियेगा !!! बाबा का चमत्कार –
- नीम करौली बाबा की आरती , विनय चालीसा
- बाबा का पावन धाम कैंची धाम
- हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें
कृपया ध्यान दे :
इस लेख में हमने बाबा नीम करौली जी के भक्तों द्वारा वर्णित चमत्कारी अनुभवों का संकलन किया है । इस लेख का आधार, पत्र पत्रिकाएं और सोशल मीडिया के विभिन्न मंचों पर वर्णित बाबा के दिव्य चमत्कारों की कथाएं और किस्से हैं।