Saturday, September 7, 2024
Homeकुछ खासकहानियाँजब गोरिल देवता ने धर्म बहिन तम्बोला घुघूती की पुकार पर उजाड़...

जब गोरिल देवता ने धर्म बहिन तम्बोला घुघूती की पुकार पर उजाड़ डाला डोटी गढ़

गोरिल देवता या गोलू देवता को उत्तराखंड के प्रमुख न्यायकारी देवता माना जाता है। उनके बारे में कहा जाता है कि जो उनकी शरण में चला जाता है ,उसकी रक्षा के लिए वे किसी हद तक जा सकते हैं। गोरिल देवता की जागर में गोलू देवता और तम्बोला घुघूती की कहानी गायी जाती है। आज इस पोस्ट में गोरिल देवता और तम्बोला घुघूती की कहानी का हिंदी में संक्षिप्त वर्णन कर रहें हैं।

गोरिल देवता और तम्बोला घुघूती की जागर कहानी –

कहते हैं एक बार एक तम्बोला नामक घुघुती गोलू देवता के राज्य गढ़ी चम्पावत में आती है। और उनके आवास के निकट वृक्ष में अपना घोसला बना लेती है।इस पक्षी से गोलू देवता को इतना प्यार होता है कि वे तम्बोला घुघुती को अपनी धर्म बहिन बना लेते हैं। तम्बोला घुघुती उस घोसले में अंडे देकर उनसे जन्मे बच्चों का बड़े स्नेह से पालन-पोषण करती है।

गोरिल देवता भी अपने भांजे-भांजियों को बहुत प्यार करते हैं। एक दिन जब तम्बोला घुघुती बाहर गई होती है, तब डोटीगढ़ नेपाल के ग्वाले आकर घुघुती का घोसला तोड़ कर, बच्चों को पटक कर मार देते हैं। जब तम्बोला घुघुती वापस आती है, तब अपने बच्चों को मृत देख खूब विलाप करती है। तब उसके आँसू गोलू देवता की कटार पर गिरते हैं। तब गोलू देवता अपनी बहन को रोते बिलखते देख गुस्सा हो जाते हैं। और अपनी धर्म बहिन तम्बोला छूछूती से सारा वृतान्त सुनकर गोलू बदला लेने के लिए, अपराधियों को दंडित करने के लिए डोटी गढ़ चले जाते हैं।

जब गोरिल देवता ने धर्म बहिन तम्बोला घुघूती की पुकार पर उजाड़ डाला डोटी गढ़

Best Taxi Services in haldwani

डोटी गढ़ के राजा और दरबारी सफेद घोड़े मे आए गोरिल देवता की बात सुनना छोड़ उसका मजाक उड़ाते तब गोलू देवता का गुस्सा भड़क गया। वहां भयंकर युद्ध छिड़ गया। गोलज्यू ने डोटीगढ़ को तहस नहस कर डाला। अपराधियों को दंड देकर जब गोल देव चम्पावत वापस आए, तब उन्होने अपने अमृत कलश से जल की बूंदें छिड़ककर बोला घूघूती के बच्चों को जिंदा कर दिया ।

इन्हे भी पढ़े –

उदयपुर गोलू देवता मंदिर | तुरंत न्याय के लिए प्रसिद्ध हैं उदयपुर के गोलू देवता

घोड़ाखाल मंदिर नैनीताल – न्याय के देवता गोलू देवता का घंटियों वाला मंदिर

हमारे फेसबुक पेज पर जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करें।

Follow us on Google News Follow us on WhatsApp Channel
Bikram Singh Bhandari
Bikram Singh Bhandarihttps://devbhoomidarshan.in/
बिक्रम सिंह भंडारी देवभूमि दर्शन के संस्थापक और लेखक हैं। बिक्रम सिंह भंडारी उत्तराखंड के निवासी है । इनको उत्तराखंड की कला संस्कृति, भाषा,पर्यटन स्थल ,मंदिरों और लोककथाओं एवं स्वरोजगार के बारे में लिखना पसंद है।
RELATED ARTICLES
spot_img
Amazon

Most Popular

Recent Comments