Friday, February 14, 2025
Homeराज्यफूलदेई त्यौहार 2025 मनाया जायेगा 14 मार्च 2025 को।

फूलदेई त्यौहार 2025 मनाया जायेगा 14 मार्च 2025 को।

फूलदेई त्यौहार 2025 :-

उत्तराखंड के बाल लोक पर्व के रूप में प्रसिद्ध फूलदेई त्यौहार 2025 में 15 मार्च 2025 को मनाया जायेगा। उत्तराखंड में बच्चों के त्यौहार के रूप में प्रसिद्ध इस त्यौहार में बच्चे गांव में सभी की देहली पर पुष्पार्पण करके उस घर की मंगलकामना करते हैं। बदले में उस घर के लोग या गृहणी उन्हें चावल ,गुड़ और भेंट देती हैं। कुमाऊँ मंडल में इस त्यौहार को फूलदेई कहा जाता है। गढ़वाल के कई हिस्सों में इसे फुलारी त्यौहार कहते हैं। कुमाऊं में यह त्यौहार एकदिवसीय होता है जबकि गढ़वाल क्षेत्र में कही ये पर्व 8 दिन का और कहीं 15 और कहीं 30 दिन तक मनाया जाता है।

फूलदेई 2024 से प्रतिवर्ष बाल पर्व के रूप में मनाया जाता है –

फूलदेई पर्व 2023 के अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह जी ने कहा था।,कि किसी भी राज्य की संस्कृति एवं परम्पराओं में लोकपर्वों की अहम् भूमिका रहती है। हमे अपनी परम्पराओं को आगे बढ़ाने के प्रयास करने होंगे। इसी के साथ मुख्यमंत्री धामी जी ने घोषणा की कि अबसे प्रतिवर्ष फूलदेई को बाल पर्व के रूप में मनाया जायेगा।

फूलदेई त्यौहार 2025

Hosting sale

नव वर्ष और बसंत के स्वागत का त्यौहार है –

यह त्यौहार सनातन नववर्ष के और बसंत के स्वागत का त्यौहार है। छोटे -छोटे देवतुल्य बच्चों द्वारा घर की देहली सजा कर नववर्ष और बसंत का स्वागत किया जाता है। फूलदेई मात्र एक त्यौहार नहीं है एक साक्षात्कार है ,बच्चों का अपनी प्रकृति के साथ। संसार के सभी समाजों में नववर्ष के अवसर पर त्यौहार मनाकर खुशियाँ मानाने की परम्परा रही है। इसी परम्परा को उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में भी निभाया जाता है। क्योंकि पहाड़ो में सौर कैलेंडर का प्रयोग होता है।  और फूलदेई त्यौहार नव वर्ष की सौर संक्रांति को मनाया जाता है।

फूलदेई छम्मा देई के गीत द्वारा शुभकामनायें दी जाती हैं फूलदेई त्यौहार में –

Best Taxi Services in haldwani

प्रत्येक वर्ष की तरह फूलदेई त्यौहार 2025 में भी देवतुल्य बच्चों द्वारा फूलदेई छम्मा देई गाकर प्रत्येक घर के लिए आशीष और मंगलकामनाएं दी जाएँगी। जिसका अर्थ होता है। यह देहली फूलों से सजी ये देहली ( द्वार ) हमेशा खुशियों से भरा रहे। इस देहली को हम बार बार नमस्कार करते हैं।

इन्हे भी पढ़े _

  1. फूलदेई त्यौहार (Phooldei festival) , का इतिहास व फूलदेई त्यौहार पर निबंध
  2. मंगलकामनाओं से भरे फूलदेई के गढ़वाली और कुमाऊनी गीत।
  3. हमारे वहट्सप ग्रुप से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करें।
Follow us on Google News Follow us on WhatsApp Channel
Bikram Singh Bhandari
Bikram Singh Bhandarihttps://devbhoomidarshan.in/
बिक्रम सिंह भंडारी देवभूमि दर्शन के संस्थापक और लेखक हैं। बिक्रम सिंह भंडारी उत्तराखंड के निवासी है । इनको उत्तराखंड की कला संस्कृति, भाषा,पर्यटन स्थल ,मंदिरों और लोककथाओं एवं स्वरोजगार के बारे में लिखना पसंद है।
RELATED ARTICLES
spot_img
Amazon

Most Popular

Recent Comments