Browsing: संस्कृति

घुघुतिया उत्तराखंड का प्रसिद्ध लोकपर्व है। यह लोकपर्व प्रतिवर्ष मकर संक्रांति के दिन मनाया जाता है। इस दिन आटे और…

पहाड़ के दास : वैसे तो दास शब्द का सामान्य अर्थ है ‘अधीनस्थ सेवक’, या गुलाम जिसके ‘क्रीतदास’, ‘ऋणदास’ आदि…

देवलांग पर्व रवाईं घाटी का लोकोत्सव है। रवाईं घाटी अर्थात यमुना घाटी के विशेष त्योहारों में शामिल है देवलांग ।…

बग्वाल का मतलब – उत्तराखंड के कुमाऊं और  गढ़वाल क्षेत्र में बग्वाल नाम से कई लोक उत्सव मनाये जाते हैं।…

कयेश या कैंश परंपरा  – कयेश या कैंश परंपरा उत्तराखंड के पहाड़ी हिस्सों में शगुन सूचक परम्पराओं में से एक…

सूतक : उत्तराखंड की गढ़वाली और कुमाऊनी क्षेत्र में सूतक शब्द का प्रयोग मृतकशौच के लिए किया जाता है। प्रसिद्ध…

घणेली जागर : उत्तराखंड देवभूमि के रूप मान्य है। यहाँ देवी देवताओ की पूजा के साथ ,भूत प्रेतों और अदृश्य…

जौनसार के लोकदेवता महासू देवता के देवालय हनोल में प्रतिवर्ष  भाद्रपद के शुक्ल पक्ष को हरतालिका तीज पर विशाल जागड़ा…