Thursday, March 27, 2025
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माया माया झन कए | कुमाऊनी गीत लिरिक्स और अर्थ | (Kumaoni Song Lyrics & Meaning)

उत्तराखंड की पारंपरिक लोकधुनों में माया माया झन कए (Maya Maya Jhan Kaye) गीत ने अपनी एक अलग पहचान बनाई है। इस गीत में पहाड़ों की मोहब्बत, जीवन की वास्तविकता और (kumauni folk song) की अनमोल धरोहर का सुंदर समावेश किया गया है।

माया माया झन कए गीत का वीडियो देखें :

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गीत का परिचय | (Uttarakhand Folk Song Details)  –

  • गीत का नाम : माया माया झन काए
  • गायक : राजेंद्र प्रसाद
  • संगीतकार : रंजीत सिंह
  • गीतकार: राजेंद्र ढैला
  • कैमरामैन एवं एडिटिंग : गिरीश शर्मा
  • रिकॉर्डिंग स्टूडियो : A Plus Studio, Dehradun
  • चैनल : घुगुती जागर RD

गीत का सारांश | (Meaning of Maya Maya Jhan Kaye Song) –

इस गीत के बोल दिल को छू लेने वाले हैं, जो (Pahadi Culture) और पहाड़ी जीवन की सादगी को बयां करते हैं। “देश घुमौ, परदेस घुमौ न लागी हो घुमी, पहाड़ै की माया जैसी माया कें नि हुनी।” ये पंक्तियाँ इस बात को दर्शाती हैं कि कोई भी सांसारिक सुख-सुविधाएँ पहाड़ों की सच्ची माया (Pahadi Emotions) से अधिक महत्वपूर्ण नहीं हो सकतीं।

मुखड़ा | ( Kumauni Song Lyrics in Hindi) –

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“माया माया झन कए माया ल्हैगै भाबरा,
गाड़ी वील बुक करै गाड़ी वील घर बुलै,
गाड़ी में भैबेरा माया ल्हैगै भाबरा।”

यहाँ पर (kumauni Song) के माध्यम से दिखाया गया है कि जीवन की भागदौड़ में व्यक्ति अपनी असली खुशियों को भूल जाता है।

गीत का संदेश | (Message of the Song) –

1. पहाड़ों की माया और सादगी – गीत यह बताता है कि भौतिक सुख-सुविधाएँ क्षणिक होती हैं, लेकिन (Uttarakhand Hills) और यहाँ के लोगों की सच्ची भावनाएँ अमूल्य होती हैं।
2. आधुनिकता बनाम परंपरा – आधुनिकता और सुविधा ने पहाड़ी जीवन को प्रभावित किया है, लेकिन फिर भी पहाड़ की आत्मीयता कहीं न कहीं दिल में बसी रहती है।
3. युवा पीढ़ी का संघर्ष – आज की पीढ़ी रोजगार और जीवनशैली के कारण बाहर जा रही है, लेकिन पहाड़ की यादें उन्हें हमेशा बुलाती हैं।

गीत की लोकप्रियता | (Why is This Song Popular?) –

  1. उत्तराखंडी संगीत प्रेमियों के बीच यह गीत (Trending Kumauni Songs) में शामिल है।
  2. इसका संगीत और बोल सीधे दिल तक पहुंचते हैं।
  3. (Uttarakhand Folk Music) की मिठास इसमें स्पष्ट झलकती है।
  4. यह गीत पहाड़ों में रहने वाले और प्रवासियों दोनों को जोड़ता है।

माया माया झन कए | कुमाऊनी गीत लिरिक्स | (Kumauni Song Lyrics ) –

मुखड़ा..
माया माया झन कए माया ल्हैगै भाबरा
गाड़ी वील बुक करै गाड़ी वील घर बुलै
गाड़ी में भैबेरा माया ल्हैगै भाबरा।

अंतरा 
1) पाणी को ताल बली पाणी को तालला
माया ल्हैगै भाबरा मैं रैगौ मलालला
मैं रैगौ मलालला माया ल्हैगै भाबरा
माया माया……….

2) मोर की पंखी ले मोर की पंखी ला
माया की माया में सब है गई रंगीला
सब है गई रंगीला माया ल्हैगै भाबरा
माया माया………..
3) भाबर जाबेर है गैछ भाबरीला
कब आली लौटी बे चैरई पहाड़ीला माया माया झन कए गीत

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Bikram Singh Bhandari
Bikram Singh Bhandarihttps://devbhoomidarshan.in/
बिक्रम सिंह भंडारी, देवभूमि दर्शन के संस्थापक और प्रमुख लेखक हैं। उत्तराखंड की पावन भूमि से गहराई से जुड़े बिक्रम की लेखनी में इस क्षेत्र की समृद्ध संस्कृति, ऐतिहासिक धरोहर, और प्राकृतिक सौंदर्य की झलक स्पष्ट दिखाई देती है। उनकी रचनाएँ उत्तराखंड के खूबसूरत पर्यटन स्थलों और प्राचीन मंदिरों का सजीव चित्रण करती हैं, जिससे पाठक इस भूमि की आध्यात्मिक और ऐतिहासिक विरासत से परिचित होते हैं। साथ ही, वे उत्तराखंड की अद्भुत लोककथाओं और धार्मिक मान्यताओं को संरक्षित करने में अहम भूमिका निभाते हैं। बिक्रम का लेखन केवल सांस्कृतिक विरासत तक सीमित नहीं है, बल्कि वे स्वरोजगार और स्थानीय विकास जैसे विषयों को भी प्रमुखता से उठाते हैं। उनके विचार युवाओं को उत्तराखंड की पारंपरिक धरोहर के संरक्षण के साथ-साथ आर्थिक विकास के नए मार्ग तलाशने के लिए प्रेरित करते हैं। उनकी लेखनी भावनात्मक गहराई और सांस्कृतिक अंतर्दृष्टि से परिपूर्ण है। बिक्रम सिंह भंडारी के शब्द पाठकों को उत्तराखंड की दिव्य सुंदरता और सांस्कृतिक विरासत की अविस्मरणीय यात्रा पर ले जाते हैं, जिससे वे इस देवभूमि से आत्मिक जुड़ाव महसूस करते हैं।
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