मित्रों टिहरी गढ़वाल से श्री प्रदीप बिजलवान बिलोचन जी ने पलायन के दर्द को बताती एक गढ़वाली कविता भेजी है।…
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नंदा देवी को पहाड़ की कुल देवी कहते हैं। पहाड़ वासी माँ नंदा को अपनी पुत्री के रूप में मानते…
भगवान शिव के पवित्र सावन माह में सभी भाषा संस्कृति के लोग अपनी-अपनी भाषा और संस्कृति में गीत बनाते हैं।…
वर्तमान में डीजे का दौर चल रहा है। और यह डीजे का दौर बालीवुड के संगीत से लोक संगीत में…
शकुनाखर कुमाऊं मण्डल के संस्कार गीतों की एक विशेष विधा है। शकुन का अर्थ होता है, शगुन सूचक और आखर…
उत्तराखंड के पहाड़ की वास्तविक हालत बताती प्रदीप बिलजवान विलोचन जी की यह गढ़वाली कविता। गढ़वाली कविता का शीर्षक है…
रंग एकादशी से उत्तराखडं के कुमाऊं में रंग भरी खड़ी होलियां शुरू हो गई हैं।एकदशी से होलिकोत्सव तक खड़ी होलियों…
भगवान शिव को सनातन धर्म के लोग अपनी अपनी संस्कृति और अपनी बोली भाषा के अनुसार अलग अलग तरीके से…
आज इस पोस्ट में हम कुमाउनी शिव भजन लिरिक्स पोस्ट कर रहें है। इसके साथ – साथ इस कुमाउनी भजन…
गोलू देवता उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र के लोक देवता हैं। इन्हे उत्तराखंड में न्याय के देवता के रूप में पूजा…