Thursday, March 28, 2024
Homeसंस्कृतिलोकगीतनाची गेना भोले बाबा ,भगवान शिव को समर्पित गढ़वाली भजन।

नाची गेना भोले बाबा ,भगवान शिव को समर्पित गढ़वाली भजन।

भगवान शिव को सनातन धर्म के लोग अपनी अपनी संस्कृति और अपनी बोली भाषा के अनुसार अलग अलग तरीके से मानते हैं। उत्तराखंड के पहाड़ वासियों से भगवान् शिव का एक अलग ही रिश्ता है। कहते हैं यही भोले का घर और ससुराल दोनों हैं। उत्तराखंड के दोनों मंडलों गढ़वाल और कुमाऊं में भोलेनाथ को अपनी अपनी पद्धतियों से पूजते हैं। तथा ,अपनी अपनी भाषा ,बोली में भगवान शिव का स्तुति गान करते हैं। नाची गेना भोले बाबा,भगवान भोलेनाथ  को समर्पित गढ़वाली शिव भजन  है ,जो हमे भगवान् शिव की भक्ति में झूमने पर मजबूर कर देता है।

इस भजन का वीडियो यहां देखें ।

नवम्बर 2014 को रिलीज हुवा यह गढ़वाली शिव भजन आज भी गढ़वाली समाज में उतना ही लोकप्रिय है जितना पहले था।  या यूँ कह सकते हैं कि इस गढ़वाली भजन की लोकप्रियता दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है। शिवजी को समर्पित यह गढ़वाली भजन कर्णप्रिय और झूमने पर मजबूर कर देता है।

इस गढ़वाली गीत  के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी –

  •  गीत का नाम – नाची गेना भोले बाबा  , Nachi Gena Bhole baba  .
  • इस गढ़वाली गीत के अल्बम का नाम है लडबडी बांद।
  •  सुनील स्नेहवाल  इस गीत के गायक और लेखक हैं।
  • संजय कुमोला जी ने इस पहाड़ी भजन को अपने सुरों से सजाया है।
  • यह गीत हार्दिक फिल्म और एंटरटेनमेंट , Hardik Films Entertainment Pvt Ltd नामक यूट्यूब चैनल से रिलीज हुवा है।
गढ़वाली शिव भजन
गढ़वाली शिव भजन
Best Taxi Services in haldwani

यहाँ देखिये गढ़वाली शिव भजन लिरिक्स –

अरे भल बजणु चा डमरू ऊँचा कैलाश मा। 

अरे छम छमा नचंण लैगे, अरे शिव कैलाश मा।

नाची गेना , अहा नाची गेना , अरे नाची गेना

,म्यरा  भोले बाबाजी नाची गेना। -२

बाजी गेना , अहा बाजी गेना ,

डम -डमरू बाजी  गेना। …२

अरे नाची गेना ,हा नाची गेना  ,

म्यरा भोले बाबाजी नाची गेना।

जय हो बम बम भोले नाथ।

अरे नाची गेना मेरा भोले बाबा – २

एक हाथ तिरशूल  तेरु,एक हाथ डमरु -२

आंखी  तेरी लाल हुएनी पेय्के भंगुलु – २

अरे नाची गैना, अहाँ नाची गेना।

भोला पेय्के भंगुलु नाची गैना।

बाजी गेना , अहा बाजी गेना ,

डम -डमरू बाजी  गेना।

अरे मानी गेना , भोले बाबा।

अरे नाची गेना म्यरा नीलकंठ त्रिपुरारी  नाची गेना।

कैलाश मा रोंदा शम्भू गौरा जी का संग -२

गणपति जी लाल तेरा तन रैंदु उलंग।

अरे नाची गेना , अहा नाची गेना।

सभी देवता भी संग त्यारा नाची गेना।

बाजी गेना , अहा बाजी गेना ,

डम -डमरू बाजी  गेना।

जय हो नीलकंठ महादेव।

जय हो जाता जूट धारी बाबा।

गौल  माँ गुरों की बाघम्बर धारी। -२

जटा माँ च तेरी नंदी सवारी। -२

अरे ऐगेना , अहा एगेना ,

भोला नंदी में बैठी आइगेना।

बाजी गेना , अहा बाजी गेना ,

डम -डमरू बाजी  गेना।

गढ़वाली शिव भजन लिरिक्स 

इन्हे भी पढ़े –

सिख नेगी , उत्तराखंड गढ़वाल की एक ऐसी जाती जो दोनो धर्मों को मानती है ।

उत्तराखंड की लोक कलाएं , उत्तराखंड की समृद्ध संस्कृति की पहचान !

देवभूमि दर्शन से सोशल मीडिया में जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करें।

Follow us on Google News
Bikram Singh Bhandari
Bikram Singh Bhandarihttps://devbhoomidarshan.in/
बिक्रम सिंह भंडारी देवभूमि दर्शन के संस्थापक और लेखक हैं। बिक्रम सिंह भंडारी उत्तराखंड के निवासी है । इनको उत्तराखंड की कला संस्कृति, भाषा,पर्यटन स्थल ,मंदिरों और लोककथाओं एवं स्वरोजगार के बारे में लिखना पसंद है।
RELATED ARTICLES
spot_img
Amazon

Most Popular

Recent Comments