Sunday, April 21, 2024
Homeसंस्कृतिउत्तराखंड की लोककथाएँकुमाऊनी कहावत द्वाराहाट के बैल भी चालाक होते हैं पर आधारित लोककथा।

कुमाऊनी कहावत द्वाराहाट के बैल भी चालाक होते हैं पर आधारित लोककथा।

अल्मोड़ा जिले मे जिला मुख्यालय की तरफ रहने वालों को अल्मोड़िया और द्वाराहाट की तरफ रहने वालों को दोरयाव या दोरयाल कहते हैं। अब अल्मोड़ीयों को लगता है कि दोरयाव तेज होते और द्वाराहाट वालों को लगता कि अल्मोड़िये तेज होते है। इसी बात पर एक कुमाऊनी कहावत (Kumauni kahawat) भी है कि,” द्वारहाटक बल्द ले तेज हुनी ” अर्थात द्वाराहाट के बैल भी तेज होते हैं । कहते है एक बार स्याल्दे बिखोती के मेले मे एक अल्मोड़ा वाला अपने बैल के साथ मेला देखने पहुंचा उसका बैल सुन्दर, तेज हट्टा –कट्टा था। शायद वो अपने बैल से प्रतियोगिता लड़ाने के भाव से वहा ले गया था।

Hosting sale

वहा उसे एक द्वाराहाट वाला भी अपने बैल के साथ मिल गया । अल्मोड़ा वाले और द्वाराहाट वाले के बीच शर्त लग गई कि किसका बैल तेज है। दोनो मे तय हुवा कि दोनो बैलों को गधेरे मे ले जाते हैं, जिसका बैल देर तक पानी पियेगा वो विजयी होगा। दोनो बैलों को गधेरे में ले जाया गया। वहा दोनो पानी पीने लगे। अल्मोड़ा वाले का बैल फटाफट पानी पीने लगा लेकिन द्वाराहाट वाले का बैल पानी के अन्दर मुह डालकर खाली पानी पीने का नाटक करता रहा।अल्मोड़ा वाले के बैल ने खूब सारा पानी पी लिया इसलिए वह जल्दी वहां से हट गया और द्वाराहाट वाले का बैल देर तक पानी मे मुह डाल कर पानी पीने का नाटक करता रहा और विजय हुवा । इसलिए कहते हैं, द्वाराहाट का बैल भी चतुर होता है।

दोस्तो ऐसी ही मिलती जुलती कुमाऊनी कहावत पिथौरागढ़ क्षेत्र में भी कही जाती है। वहां सोर घाटी वालों को लगता है कि गंगोली वाले तेज होते हैं। और गंगोली वालो को लगता है कि सोर घाटी के लोग तेज होते हैं। वहा के हिसाब से कहते हैं कि गंगोली वालो का बैल भी तेज होता है बल । और इसी लोक कथा के अनुसार सोर के बैल और गंगोली के बैल बीच ठन जाती है कि कौन ज्यादा पानी पियेगा ? शर्त पूरी करने दोनो बैल रामगंगा में जाते हैं। वहा सोर का बैल बहुत सारा पानी पी लेता है जिससे वो मर जाता है। और गंगोली का बैल खाली पानी मे मुह डाले रहता है। वो जीत जाता है ,और बच भी जाता है।

दोस्तो ये एक दूसरे को तेज कहने की कहानी द्वाराहाट- अल्मोड़ा, सोरघाटी -गंगोली के बीच नहीं है ,बल्कि पूरे पहाड़ मे है। उत्तरकाशी गंगा में घाटी और यमुना घाटी वालों के बीच और टिहरी और पौड़ी वालों के बीच भी यही कहानी है। सबसे बड़ी बात गढ़वाल और कुमाऊं के बीच भी यही कहानी है।

Best Taxi Services in haldwani

पहाड़ो के जनजीवन मे एक क्षेत्र या पट्टी के निवासी हमेशा दूसरे क्षेत्र के निवासियों को यह कहकर कोसते या चिढ़ाते हैं, कि उस जगह के निवासी चतुर- चालाक होते है। या उस जगह के निवासी तेज होते हैं। असल में तेज कोई नहीं होता, क्योकि सबको पता है। पहाड़ी सबसे सीधे होते हैं। हसी मजाक तक ये बात अच्छी लगती है लेकिन कई बार कोई नेता प्रवृत्ती का व्यक्ती या कई धूर्त लोग इसी बात को लेकर क्षेत्रों के मध्य वैमनस्य उत्पन्न करवा देते हैं।

इसे भी पढ़े: मजेदार गढ़वाली और कुमाऊनी कहावतों का संकलन।

देवभूमि दर्शन के साथ व्हाट्सप पर जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करें।

Follow us on Google News Follow us on WhatsApp Channel
Bikram Singh Bhandari
Bikram Singh Bhandarihttps://devbhoomidarshan.in/
बिक्रम सिंह भंडारी देवभूमि दर्शन के संस्थापक और लेखक हैं। बिक्रम सिंह भंडारी उत्तराखंड के निवासी है । इनको उत्तराखंड की कला संस्कृति, भाषा,पर्यटन स्थल ,मंदिरों और लोककथाओं एवं स्वरोजगार के बारे में लिखना पसंद है।
RELATED ARTICLES
spot_img
Amazon

Most Popular

Recent Comments