रामनगर में आयोजित जी-20 सम्मेलन में पहुंचे 20 देशों के G20 प्रतिनिधियों को उत्तराखंड के परिधान यहां की संस्कृति के साथ आएं यहां के खानपान भी बहुत पसंद आए उन्होंने झोड़ा चाचरी का आनंद भी उठाया और सुप्रसिद्ध कुमाऊनी गाना बेडू पाको बारामासा पर ठुमके भी लगाए। लेकिन सबसे खास बात यह है कि उन्हें अल्मोड़े की सुप्रसिद्ध बाल मिठाई जिसके लिए अल्मोड़ा प्रसिद्ध है वो बहुत पसंद आयी और उन्होंने बाल मिठाई की खूब तारीफ की।
बाल मिठाई की शुरुआत –आपको बता दें कि अल्मोड़ा की प्रसिद्ध बाल मिठाई को इजात करने का श्रेय जाता है अल्मोड़े के प्रसिद्ध हलवाई “जोगा शाह जी” को कहा जाता है कि सन 1865 से 1872 के बीच में उन्होंने बाल मिठाई बनाने का काम शुरू किया था। उस वक्त देश में अंग्रेजी हुकुमत थी और अंग्रेज अफसर उस दौरान क्रिसमस के मौके पर अल्मोड़े की ये बाल मिठाई एक दूसरे को उपहार स्वरूप देते थे। बाद में खीम सिंह मोहन सिंह जी की बाल मिठाई प्रसिद्ध हो गई क्योंकि कहा जाता है कि अंग्रेजो ने उनकी मिठाई इंग्लेंड एक्सपोर्ट करना शुरू कर दिया था जिसके चलते यह मिठाई देश विदेशों में मशहूर हो गई।
बाल मिठाई की बादशाहत आज भी बरकरार है देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी भी बाल मिठाई के दीवाने हैं हाल ही में उन्होंने इसका जिक्र भी किया था। G20 देशों से आए हुए प्रतिनिधि उत्तराखंड की सुनहरी यादों के साथ बाल मिठाई का स्वाद भी अपने साथ लेकर जाएंगे और हमें उम्मीद है कि उत्तराखंड की ये मशहूर मिठाई G-20 की यादों में मिठास घोलने का काम करेगी।
इसके अतिरिक्त G20 प्रतिनिधियों ने झुगर की खीर, मडूवे की रोटी, गहत की दाल, कापा, गडेरी के गुडके खाए और कुमाऊनी खानपान से काफी प्रभावित हुए।
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