देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को सचिवालय में पलायन निवारण आयोग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में उन्होंने राज्य में रिवर्स पलायन कर चुके लोगों की सफल कहानियों को साझा करने के लिए एक उपयुक्त प्लेटफॉर्म विकसित करने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन कहानियों से अन्य लोग प्रेरित होकर स्वरोजगार की दिशा में आगे बढ़ सकेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि इन लोगों के सुझावों को विभिन्न योजनाओं में सम्मिलित किया जाएगा ताकि योजनाएं और अधिक प्रभावी बन सकें।
मुख्यमंत्री धामी ने राज्य में महिलाओं की सक्रिय भागीदारी को महत्वपूर्ण बताया और कहा कि यह उत्तराखंड को देश के श्रेष्ठ राज्यों में स्थान दिलाएगी। उन्होंने सचिव ग्राम्य विकास श्रीमती राधिका झा को निर्देशित किया कि वे रिवर्स पलायन कर चुके लोगों की सफलता की कहानियों को साझा करने के लिए प्लेटफॉर्म विकसित करें और उन्हें योजना निर्माण में शामिल करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्थाई आजीविका सुनिश्चित करने के लिए कौशल विकास पर बल दिया जाए और स्थानीय लोगों को स्वरोजगार की दिशा में प्रेरित किया जाए।
उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को पेशेवर दक्षता प्रदान की जाए, जिससे उनके उत्पादों की ब्रांडिंग और मार्केटिंग बेहतर हो सके और उन्हें उचित मूल्य प्राप्त हो।
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पलायन निवारण आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. एस.एस नेगी ने बैठक में आयोग द्वारा किए गए कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अब तक लगभग 2,000 लोगों ने राज्य में रिवर्स पलायन करते हुए कृषि, पशुपालन, पर्यटन, होम स्टे, बागवानी और अन्य क्षेत्रों में स्वरोजगार अपनाया है और अच्छा लाभ कमा रहे हैं।
बैठक में अवस्थापना अनुश्रवण परिषद के उपाध्यक्ष श्री विश्वास डाबर, सदस्य श्री रामप्रकाश पैन्यूली, श्री सुरेश सुयाल, श्री दिनेश रावत, अपर आयुक्त ग्राम्य विकास श्री राजेन्द्र सिंह रावत समेत अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।