रम्माण उत्सव: उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत का जीवंत उत्सव उत्तराखंड के चमोली जिले की शांत घाटियों में बसा रम्माण उत्सव, आस्था, कला और परंपरा का एक मनमोहक संगम है, जो 500 वर्षों से अधिक समय से फल-फूल रहा है। जोशीमठ ब्लॉक के पैनखंडा क्षेत्र के सलूड़, डुंग्रा और सेलंग गांवों में हर साल अप्रैल (बैसाख महीने) में आयोजित होने वाला यह उत्सव, गढ़वाल हिमालय की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है। यूनेस्को द्वारा 2009 में मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर के रूप में मान्यता प्राप्त रम्माण न केवल एक उत्सव है, बल्कि एक जीवंत विरासत है, जो इस क्षेत्र के…
Author: Bikram Singh Bhandari
भावना चुफाल का जीवन परिचय (Bhawna Chuphal Biography ) – मुख्य बिंदु – नाम: भावना चुफाल, उत्तराखंड की एक लोकप्रिय सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर और पूर्व टिकटॉक स्टार। निक नाम : भानू , भानुली , देवा। प्रसिद्धि: गढ़वाली और कुमाऊँनी गानों पर लिप-सिंक और डांस वीडियो के लिए जानी जाती हैं। जन्म: 15 अगस्त 1998 , दिल्ली में, मूल रूप से पिथौरागढ़, उत्तराखंड से। करियर: 2018 में टिकटॉक से शुरुआत, अब इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर सक्रिय। उद्देश्य: उत्तराखंड की संस्कृति को बढ़ावा देना और युवा लड़कियों के लिए प्रेरणा बनना। परिचय – भावना चुफाल एक उभरती हुई सोशल मीडिया हस्ती हैं,…
नरसिंह देवता उत्तराखंड का सारांश (Summary): नरसिंह देवता उत्तराखंड के एक सिद्ध योगी और लोकदेवता हैं, जिन्हें नाथपंथी परंपरा से जोड़कर पूजा जाता है। ये भगवान विष्णु के चौथे अवतार नरसिंह नहीं हैं। इनकी जागर में 52 वीर और 9 रूपों का वर्णन मिलता है। नरसिंह देवता को झोली, चिमटा और तिमर के डंडे से पहचाना जाता है। चंपावत, जोशीमठ, टिहरी आदि में इनके मंदिर हैं। इनके शांत और उग्र स्वरूप – दूधिया और डौंडिया नरसिंह की पूजा विशेष रूप से होती है। लोकविश्वास में ये सामाजिक नेतृत्व, योगबल और तांत्रिक शक्तियों के प्रतीक माने जाते हैं। विस्तार ( Detail…
उत्तराखंड, अपने प्राकृतिक सौंदर्य और आध्यात्मिक महत्व के लिए विश्व प्रसिद्ध है, लेकिन इस खूबसूरत राज्य की एक बड़ी समस्या है – स्वास्थ्य सेवाएँ। पहाड़ी क्षेत्रों में अच्छे अस्पतालों की कमी और बुनियादी चिकित्सा सुविधाओं का अभाव यहाँ के निवासियों के लिए एक गंभीर चुनौती है। इस बीच, कैंची धाम, नीम करौली बाबा का पवित्र आश्रम, एक प्रमुख तीर्थ स्थल के रूप में उभर रहा है, जो रोज़ाना हज़ारों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है। लेकिन इस धाम के चढ़ावे से जुड़ा एक चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है, जो उत्तराखंड की स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति पर सवाल उठाता है। पहाड़ों…
सारांश ( Summary ) : जोशीमठ में स्थित तिमुंडिया देवता का मंदिर नरसिंह और वासुदेव मंदिर के पास स्थित है। इन्हें देवी दुर्गा का वीर गण माना जाता है। लोककथा के अनुसार, त्रिमुंड्या एक उग्र तामसिक शक्ति थी जिसे देवी ने नियंत्रित कर इस स्थान पर स्थापित किया। तब से वासुदेव और नरसिंह की पूजा से पहले इनकी पूजा अनिवार्य मानी जाती है। बद्रीनाथ के कपाट खुलने से पहले त्रिमुंड्या देवता तिमुंडिया देवता का मेला (जागर ) आयोजित होता है जिसमें बकरे की बलि, चावल, गुड़ और मदिरा अर्पित की जाती है। देवता का पस्वा (माध्यम) देवत्व प्राप्त कर उग्र…
उर्वशी देवी मंदिर (Urvashi devi Temple Badrinath Uttarakhand ) : उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित बद्रीनाथ धाम के निकट बामणी गांव में, पवित्र अलकनंदा नदी के तट पर बसा एक प्राचीन और पौराणिक मंदिर है। यह मंदिर हिंदू पौराणिक कथाओं की अप्सरा उर्वशी को समर्पित है, जिन्हें सुंदरता और दिव्यता का प्रतीक माना जाता है। यह मंदिर न केवल अपनी धार्मिक महत्ता के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि अपनी सादगी भरी वास्तुकला और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए भी पर्यटकों और श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है। उर्वशी देवी मंदिर का पौराणिक महत्व और कथाएं : उर्वशी देवी मंदिर का संबंध हिंदू पौराणिक…
परिचय उत्तराखंड, जिसे देवभूमि के नाम से जाना जाता है, अपनी समृद्ध सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत के लिए प्रसिद्ध है। गढ़वाल के पश्चिमी क्षेत्रों, विशेष रूप से रवांई-जौनपुर और जौनसार-बावर में, थौलू उत्सव एक ऐसा लोकोत्सव है जो स्थानीय परंपराओं, आस्था, और सामुदायिक एकता का प्रतीक है। यह उत्सव वैशाख और ज्येष्ठ मास की विशेष तिथियों पर आयोजित किया जाता है और इसका नाम “थल” (देवस्थल) से प्रेरित है। थौलू न केवल एक धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह सामाजिक मेलमिलाप, लोकगीत, लोकनृत्य, और स्थानीय व्यापार का भी अवसर प्रदान करता है। इस ब्लॉग पोस्ट में, हम थौलु (thoulu) के इतिहास,…
देवभूमि दर्शन में आपका स्वागत है! आज हम उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल में स्थित जाख देवता (Jakh Devta Uttarakhand) के बारे में विस्तार से जानेंगे, जो इस क्षेत्र की आध्यात्मिक, सांस्कृतिक, और लोक परंपराओं का एक अनुपम प्रतीक है। जाख देवता की पूजा गढ़वाल और कुमाऊं क्षेत्रों में सदियों से चली आ रही है, और इनके मंदिरों में आयोजित होने वाले मेले (जाख मेला) भक्तों और पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र हैं। जाख देवता: एक परिचय जाख देवता उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल, विशेष रूप से टिहरी जनपद के जौनपुर विकासखंड में सबसे अधिक पूजनीय देवताओं में से एक हैं।…
उत्तराखंड समूह ग भर्ती अप्रैल 2025 : उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) ने सहकारी समितियों के अंतर्गत सहायक विकास अधिकारी (सेवो) एवं सहकारी निरीक्षक वर्ग-2 के पदों पर सीधी भर्ती के लिए नई विज्ञप्ति जारी की है। यह भर्ती उत्तराखंड के युवाओं के लिए सरकारी नौकरी पाने का एक सुनहरा अवसर है। उत्तराखंड समूह ग भर्ती अप्रैल 2025 का संक्षिप्त विवरण:- विज्ञापन संख्या:71/उ०अ०से०च०आ०/2025 विभाग: सहकारिता विभाग (सहकारी समितियाँ, उत्तराखंड) पद का नाम: सहायक विकास अधिकारी (सेवो) / सहकारी निरीक्षक वर्ग-2 कुल पद: 45 वेतनमान: ₹29,200 से ₹92,300 (लेवल-05) भर्ती प्रक्रिया: सीधी भर्ती (लिखित परीक्षा के माध्यम से) महत्वपूर्ण तिथियाँ…
UKSSSC भर्ती 2025 : उत्तराखंड में सरकारी नौकरी की चाह रखने वाले युवाओं के लिए बड़ी खुशखबरी है। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) ने राज्य में समूह ग (Group C) के 416 रिक्त पदों पर भर्ती के लिए आधिकारिक विज्ञप्ति जारी की है। यह भर्ती अभियान राज्य के विभिन्न विभागों में युवाओं को रोजगार के नए अवसर प्रदान करेगा। ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया 15 अप्रैल 2025 से शुरू होगी और 15 मई 2025 तक चलेगी, जिसके बाद 18 से 20 मई 2025 तक आवेदन में संशोधन का अवसर दिया जाएगा। लिखित परीक्षा की तारीख 27 जुलाई 2025 निर्धारित की गई…