इस विभाग में उत्तराखंड के लोग ,जो उत्तराखंड के बारे में कुछ विचार प्रेषित करना चाहते हैं। उनके विचारों को स्थान दिया जायेगा।
चित्र में आप जो ध्वज देख रहे हैं उसे ‘निशाण’ कहते हैं। ‘निशाण’ हिंदी शब्द निशान से बना है, यानी कि संकेत/चिन्ह। बद्रीदत्त पांडे जी की पुस्तक ‘कुमाऊं का इतिहास’ के अनुसार राजा सोमचंद(700वीं ईस्वी) के विवाह में निशाण पहली बार उपयोग किया गया। उसी समय छोलिया नृत्य भी पहली पहली बार किया गया। कुल […]
उत्तराखंड का प्राकृतिक और आध्यात्मिक सौंदर्य -: हमारे उत्तराखंड का प्राकृतिक सौंदर्य की बानगी तो सर्वविदित तो है ही है, तभी तो प्रसिद्ध लेखक रस्किन बॉन्ड जैसे विदेशी लोग मंसूरी जैसी जगहों पर अपना बसेरा खुद की ही जन्मभूमि को छोड़कर बनाते हैं। इसी तरह हमारे लिए एक गौरव का विषय है कि, देशी-विदेशी पर्यटक […]
पहाड़ में आशोज ( अश्विन माह ) में खेती का काम अपने चरम पर होता है।पहाड़ में यह माह अत्यधिक काम का प्रतीक माना जाता है। इस माह खरीप की फसल के साथ घास काट कर मवेशियों के लिए जमा करके रखते हैं। पहाड़ो में आजकल लोग पुरे तन मन धन से अपनी फसलों को […]
9 नवम्बर 2000 को भारत के सत्ताइसवें राज्य के रूप में जन्म लेने वाला पहाड़ी राज्य उत्तराखंड। जो पहले उत्तराँचल के नाम से बना और बाद में इसे उत्तराखंड के नाम से नवाजा गया। इस राज्य को यथार्थ के धरातल पर लाने के कई वर्षो का संघर्ष चला। कई लोगों ने इस सपनों के उत्तराखंड […]
हमारा उत्तराखंड एक बहुत बड़े संकट से गुजर रहा है , इस समय किसी के भाई, माता ,बहन या उनके परिवार का कोई सदस्य लापता हो जा रहा है ! पिछले कुछ समय से देख रहा हूं कि दिन पर दिन ऐसी घटनाएं बढ़ती जा रही हैं ।बच्चे से लेकर बूढ़े व्यक्ति तक कोई भी […]
उत्तराखंड पलायन पर आधारित एक मार्मिक कहानी -पालयन की व्यथा और अंत। एक गांव जिसका नाम था बाणसोलि वहां बचपन के दो परमप्रिय मित्र अपनी मित्रमंडली में जगतू और दीपक जो लगभग 12-14 वर्ष की आयु के थे उनकी दोस्ती की मिशाल बाणसोली गांव तो क्या दूर दूर तक के गावों में प्रसिद्ध थी । […]
हमारे उत्तराखंड में ढोल दमाऊ का एक विशेष ही महत्व है। जिसकी झलक हमें प्रायः शुभ कार्यों में देखने को मिलती है।इस महत्वपूर्ण आलेख में जो मैंने कुछ तथ्यों को अपने चिंतन मनन से सत्यता की कसौटी पर खरा पाकर एक नवीनता में समाहित करने की कोशिश की है। इसके बारे में मैं आज आपको […]
26 जनवरी 2022 के गणतंत्र समारोह में भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ब्रह्मकमल लगी हुई गांधी टोपी पहनी थी। जिससे उत्तराखंड वासी काफ़ी खुश हैं । क्योंकि ब्रह्मकमल लगी हुई पट्टी वाली गांधी टोपी को आजकल उत्तराखंड के कुमाऊ और गढ़वाल में पहाड़ी टोपी के नाम से पहनते हैं। जबकि हिमाचल और […]
बदलते समय के साथ अब रिश्ता ढूढ़ने के लिए भी डिजिटल तकनीक का प्रयोग अधिक हो गया है। जहां सारे देश मे कई प्रतिष्ठित वेबसाइट , लोगो को शादी ढूढ़ने के लिए मदद कर रही हैं। उत्तराखंड में शादी के लिए लड़की, ढूढ़ने के लिए एक दो वेबसाइट उपलब्ध हैं। इनके अलावा कई लोग उत्तराखंड […]
मेरी जन्मभूमी उत्तराखंड :- मेरी जन्मभूमी उत्तराखंड, यह नाम सुनते ही शरीर में एक बड़ी प्यारी सी सिहरन उठ जाती है, लगता है कि जैसे किसी ऐसी चीज के बारे में बात हो रही है जो कि हमारी अपनी है, हमारा हिस्सा है, हमारे प्राण जिसमें बसते हैं ऐसी कोई चीज है, लेकिन यह नाम […]