Monday, May 22, 2023
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उत्तराखंड की मातृशक्ति बहिनों द्वारा बनाई ऐपण राखियों से मनाये अपना रक्षाबंधन

भाई बहिन के प्यार का प्रतीक राखी का त्यौहार , रक्षाबंधन 11अगस्त गुरुवार  2022  पूर्णिमा के दिन मनाया जाएगा। उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र में यह त्यौहार पारम्परिक जनेऊ पनेउ या जनेऊ त्यौहार के रूप में मनाया जाता है।वर्तमान में कुछ उत्तराखंड के युवा इसे कुमाऊँ की लोककला ऐपण के साथ जोड़कर , ऐपण वाली राखी बना कर उत्तराखंड की लोककला को प्रोत्साहित कर रहे हैं।

उत्तराखंड में रक्षाबंधन , पारम्परिक पर्व जनेऊ पनेउ –

उत्तराखंड में रक्षाबंधन के दिन कुमाऊँ में जनेऊ पनेउ ( Janeu paneu ), जने पुनयु लोक पर्व के नाम से मनाया जाता है । इसका अर्थ होता है, भाद्रपद पूर्णिमा के दिन पुरानी जनेऊ त्याग कर नई जनेऊ धारण करना। इस दिन पुरोहित अपने यजमानों को मंत्रोच्चारण के साथ नई जनेऊ धारण करवाते हैं। तथा हाथ मे  रक्षा धागा भी बांध के जाते हैं। पहले गाव में जो प्राकृतिक पानी के स्रोत (नौला ) होते हैं, वहाँ सब पुरुष एकजुट होते थे, और वही पुरोहित सभी पुरूषों को स्नान के बाद जनेऊ बदलवाते थे। वर्तमान में ये प्रथा कम हो गई है। अब पुरोहित घर घर जनेऊ भेज देते हैं और लोग घर मे स्न्नान करके नाइ जनेऊ धारण कर लेते हैं।

और पहले राखी नही थी, तो पुरोहित जी अपने सभी जजमानों को मौली का धागा बांध कर जाते थे। वर्तमान में पहाड़ में भी  लोग राखी पहनते हैं , पहनाते हैं। बहिने भाइयों को राखी बांधती है। इस दिन खीर पूड़ी , पुए बाड़ बनाये जाते हैं। (Aipan wali Rakhi  )

ऐपण वाली राखी –

उत्तराखंड के कुछ युवाओं ने, उत्तराखंड की पौराणिक पारम्परिक लोककला ऐपण को राखियों में उतार कर , ऐपण कला के संवर्धन में एक नई शुरुआत की है। साथ ही ऐपण वाली राखी से , उत्तराखंड में रक्षाबंधन त्यौहार में एक नई ताजगी सी आ रही है। ऐपण वाली राखियों ने उत्तराखंड स्वरोजगार को एक नया विकल्प दिया है। तथा उत्तराखंड के बाजार में  चीन की राखियों की टक्कर के लिए, एक विकल्प के रूप में ऐपण वाली राखी अपना महत्वपूर्ण किरदार अदा कर सकती है।

ऐपण वाली राखी की शुरुआत सबसे पहले मीनाक्षी खाती ने की , ये वर्तमान में रामनगर में रहती हैं, तथा मीनाक्षी खाती को उत्तराखंड की ऐपण गर्ल के नाम से भी जाना जाता है। मीनाक्षी खाती ऐपण कला में विस्तार से कार्य कर रही है। वो न केवल राखी में ऐपण कला उकेर रही बल्कि पूजा के थाल, शुभवर्तन ,चौकी, नेमप्लेट और पूजा के कपड़ो पर ऐपण कला उकेर कर उत्तराखंड की लोककला के प्रचार प्रसार में महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। मीनाक्षी खाती ने ऐपण कार्य को विस्तार से करने के लिए मिनाकृति ऐपण प्रोजेक्ट ( Minakriti – The aipan project ) नाम से एक कार्यशाला बनाई है। इसी नाम फेसबुक पेज भी है, जिसके माध्यम से मीनाक्षी खाती व उनकी टीम  जनता से जुड़ते हैं ,ऐपण का प्रचार प्रसार के साथ, अपने सामान को बेचते हैं।

मीनाक्षी खाती के अलावा चंपावत निवासी  ममता जोशी भी ऐपण कला के प्रचार प्रसार में कार्यरत हैं। 2021 के रक्षाबंधन के लिए ये दोनों भी ऐपण वाली राखी बनाने में जोर शोर से लगी हैं। इनके अतिरिक्त सोमेश्वर घाटी की दीक्षा उपाध्याय भी ऐपण वाली रखी और ऐपण से अन्य घरेलू पूजा पाठ की वस्तुओं को सजा रही है। उत्तराखंड सरकार की महिला राज्यमंत्री रेखा आर्य जी ने भी दीक्षा की तारीफ में ट्वीट और फेसबुक पोस्ट की, और जनता से उनकी ऐपण वाली राखियां खरीदने के लिए अपील की है।

इनके अलावा और कई युवक और युवतियों ने ऐपण विधा से राखी बना कर,अन्य पवित्र वस्तुओं पर ऐपण कला उकेर कर , अपनी पारम्परिक लोककला को एक मजबूत स्वरोजगार के विकल्प के तौर पर प्रस्तुत कर रहे हैं। (Aipan wali Rakhi  )

ऐपण क्या है –

देवभूमी उत्तराखंड के कुमाऊँ क्षेत्र की पारम्परिक एवं पौराणिक लोककला है ऐपण कला ।किसी शुभकार्य व त्यौहार के अवसर पर भूमि और दीवार पर लाल मिट्टी ( गेरू ) द्वारा रंगाई करके , चावल के विस्वार से और हल्दी ,जो,मिट्टी, गाय के गोबर तथा रोली ,अष्टगंध से रेखांकित की गई, शुभ आकृति को ऐपण कहते हैं। उत्तराखंड कुमाऊँ क्षेत्र में कई प्रकार के ऐपण बनाये जाते हैं। जो निम्न है –

ज्योतिपट्ट , शिव पीठ, लक्ष्मी पीठ, आसन, नाता, लक्ष्मी नारायण, चिड़िया चौकी, चामुंडा हस्त चौकी, सरस्वती चौकी, जनेउ चौकी, शिवचरण पीठ, सूर्यदर्शन चौकी स्योव ऐपण ,आचार्य चौकी, विवाह चौकी, धूलिअर्घ चौकी आदि हैं।

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ऐपण वाली राखी कहाँ से खरीदें ? (Aipan wali Rakhi kaha milegi )

अपनी पारम्परिक लोककला के प्रचार और प्रसार के लिए, उत्तराखंड में विदेशी राखियों का एक मजबूत विकल्प और अपने नए स्वरोजगार करने वाले युवाओं का साथ देने के लिए हमे 2021 के रक्षाबंधन में ऐपण वाली राखी का प्रयोग करना चाहिए। अब ये समस्या आ रही कि ये ऐपण वाली राखी कहाँ से खरीदे ? तो आप चिंता मत कीजिए ,उत्तराखंड के ये युवा उद्यमी ऑनलाइन ऐपण वाली राखी बेच रहे हैं । बस आपको आर्डर देना है और ऐपण वाली राखी एक हफ्ते में आपके दिए गए पते पर पहुच जाएगी। यदि आप अपने रिश्तेदार को राखी भिजवाना चाहते हैं, तो सीधे उनका पता दे दीजिए रखी वही पहुँच जाएगी । ऐपण वाली राखी खरीदने के लिए आप निम्न विकल्पों का इस्तेमाल कर सकते हैं –

फोटो – मिनकृति के फेसबुक पेज से।

1:- मिनाकृति ऐपण प्रोजेक्ट ( Minakriti – The aipan project ) –

मिनाकृति ऐपण प्रोजेक्ट ऐपण गर्ल मीनाक्षी खाती जी की एक कार्यशाला है। जिसके माध्यम से ये अपने ऐपण कला से बनी वस्तुओं का प्रचार एवं विक्रय करती हैं। इस नाम से इनका फेसबुक पेज भी है, जिससे आप ऐपण राखी तथा ऐपण से बने अन्य उत्पाद खरीद सकते हैं। ऐपण राखी खरीदने के लिए आप इनसे  फेसबुक मैसेंजर  द्वारा संपर्क कर सकते हैं। हमने भी इनसे फ़ेसबुक मैसेंजर से संपर्क करके कुछ राखियां मंगवाई, हमारी खरीदारी इनके साथ काफी अच्छी और संतोषजनक रही हैं।

मिनाकृति ऐपण प्रोजेक्ट टीम से संपर्क करने के लिए यहां क्लिक करें।

2- इंडशोप क्लब .कॉम में ऐपण राखी-

www.indshopclub.com  एक ऐसा पोर्टल है, जहॉ उत्तराखंड के लगभग सभी स्थानीय उत्पाद ऑनलाइन मिलते हैं। और आप इस पोर्टल पर अपने उत्पाद बेच भी सकते हो । इस पोर्टल पर ऐपण वाली राखी के साथ साथ, स्थानीय नए स्वरोजगारियों द्वारा निर्मित अन्य  eco friendly राखियां भी उपलब्ध है। indshopclub.com पर लगभग सभी उत्पाद कैश ऑन डिलेवरी उपलब्ध हैं।यदि आपके पास भी कुछ राखियां बनी है, जिन्हें आप ऑनलाइन बेचना चाहते हो, तो इंडशोप क्लब पर आप आसानी से बेच सकते हो।

टीम देवभूमी दर्शन ने यहां से eco friendly राखियां मंगवाई , हमारी खरीददारी काफी संतोषजनक और अच्छी रही।

Indshop club से ऐपण राखी व eco friendly राखी खरीदने के लिए यहाँ क्लिक करें।

3- ऐपण वर्ड ऑफिसियल , ममता जोशी  –

ममता जोशी  के बनाये यूनिक ऐपण वाली  राखी खरीदने के लिए आप उनके फेसबुक पेज ऐपण वर्ड ऑफिसियल पर  सम्पर्क करके खरीद सकते हैं।

ऐपण वर्ल्ड से संपर्क करने के लिए यहां क्लिक करें।

सोमेश्वर की दीक्षा उपाध्याय : –

दीक्षा उपाध्याय जी भी बड़ी सुंदर और यूनिक ऐपण वाली राखी बनाती हैं। उत्तराखंड सरकार की मंत्री भी उनकी तारीफ कर चुकी हैं तथा इनसे राखी खरीदने की अपील भी की है। दीक्षा उपाध्याय से राखी खरीदने के लिए, उनके ऑफिसियल नम्बर -7252001801  पर मैसेज भेज कर राखी और अन्य ऐपण का सामान मंगा सकते हो। या आप सोमेश्वर घाटी नामक फेसबुक पेज द्वारा भी सम्पर्क कर सकते हैं।

ऐपण राखी
दीक्षा उपाध्याय द्वारा बनाई गई सुंदर राखी।

मनोरमा मुक्ति ऐपण राखी और अन्य सांस्कृतिक सामान –

सोमेश्वर की एक और बेटी मनोरमा उत्तराखंड की लोककला ऐपण पर आधारित उत्पाद बना कर ,अपने व्हाट्सप कैटलॉग पर बेचती हैं। उन्होंने रक्षाबंधन 2022 के लिए बहुत प्यारी प्यारी ऐपण वाली राखी बना रहीं हैं। राखी के अलावा आपको मनोरमा जी के कैटलॉग से आप अन्य पहाड़ी सामान , जैसे -पहाड़ी टोपी ,पिछोड़ा ,लिंगुड़े का अचार आदि खरीद सकते हैं।

मनोरमा मुक्ति जी के कैटलॉग से ऐपण राखी मंगाने के लिए क्लिक करें

नोट –  उपरोक्त लेख उत्तराखंड की लोककला ऐपण का प्रचार प्रसार तथा उत्तराखंड में स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लक्ष्य से लिखा गया है। इस लेख में दिए गए तथ्य जानकारियां इंटरनेट व सोशल मीडिया से सभार ली गई है। यदि इस लेख के कंटेंट से किसी मित्र को आपत्ति हो तो वो हमें हमारे फेसबुक पेज देवभूमी दर्शन पर अवगत करा सकते हैं। (Aipan wali Rakhi  )

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