Browsing: उत्तराखंड की लोककथाएँ

लोक कथाएँ वर्ग में हमने ,उत्तराखंड तथा अन्य राज्यों  लोक कथाओं का परिचय और संकलन किया है। इस कैटिगरी में देवभूमी दर्शन टीम की कोशिश है कि, प्राचीन समय मे दादा दादी  द्वारा सुनाई जाने वाली लोककथाओं को यथार्थ रूप में आधुनिक डिजिटल माध्य्म द्वारा प्रसिद्ध लोक  कथाओं को आपके बीच मे लाने का पुण्य प्रयास है।

इस कैटिगरी में अभी तक बहुत सी उत्तराखंड की लोक कथाओं का संकलन हो गया है। देवभूमी दर्शन से कुमाउनी लोक कथा और गढ़वाली लोक कथा  सुनाने का उद्देश्य मात्र यही है कि । लोगो को अपने बचपन की याद ताजा हो और अपने पहाड़ प्रेम का अहसास हो। तो मित्रों उत्तराखंड की लोक कथाएँ पढ़े और शेयर अवश्य करे। कथाएं पढ़ने के लिए इसी कालम में आगे बढ़े। इसके साथ साथ हम इस कॉलम में देश की अन्य राज्यों की लोक कथाओं व् बच्चों  की शिक्षाप्रद कहानियों का संकलन कर रहें हैं।

कलबिष्ट देवता की कहानी चलिए दोस्तो आज आपको बताते हैं, कलबिष्ट देवता की कहानी  लगभग 200 साल पुरानी बात है…

चौमू देवता का अर्थ है, चार मुह वाला देवता। चमू देवता उत्तराखंड के लोक देवता हैं। इनको पशु चारको का…

हम आपको प्रस्तुत लेख में बाबा नीम करोली जी का जीवन परिचय एवं उनके जीवन से जुड़ी प्रसिद्ध किताब मिरिकल…

उत्तराखंड में अनेक वीरों ने जन्म लिया। सिदुवा बिदुवा, पुरखू पंत, गंगू रमोला, आदि वीरो ने उत्तराखंड की पावन भूमि…

आज हम आपको उत्तराखंड  कुमाऊँ मंडल के अल्मोड़ा जिले के  तिखोंन कोट का एक रोचक ऐतिहासिक व्रतांत बताते हैं। प्रस्तुत…

उत्तराखंड को देव भूमि कहा जाता है। यहाँ प्राचीन काल मे बहुत सी पुण्य आत्माओं ने जन्म लिया। जिनको वर्तमान…

गंगनाथ देवता की कहानी – गंगनाथ नेपाल के डोटीगढ़ राज्य के तेजस्वी राजकुमार थे,वो अद्वितीय शक्ति से परिपूर्ण थे।अल्मोड़ा जोशीखोला…

जब सैम देवता की जागर गाई जाती है, तब उसमें छिपुलाकोट का हाड़ का एक व्रतांत भी सुनाया जाता है।…