Lumpy Virus (लम्पी वायरस) अन्य राज्यों की तरह उत्तराखंड में भी फैलने लगा है। उत्तराखंड के मैदानी इलाकों के साथ पहाड़ों में भी इस बीमारी ने दस्तक दे दी है। उत्तराखंड में लम्पी वायरस की रोकथाम के लिए उत्तराखंड सरकार ने SOP जारी की है। प्राप्त जानकारी के अनुसार उत्तराखंड में लम्पी वायरस से पशुओं की मृत्यु दर 1 .6 प्रतिशत है। जबकि पशुओं के ठीक होने की दर 40 प्रतिशत है। 26 सितम्बर सोमवार से उत्तराखंड में पशुओं को लम्पी वायरस से बचाने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जायेगा।
पशुपालन मंत्री सौरव बहुगुणा ने लोगो से अपील की कि, अपने पशु का बीमा अवश्य कराएं ,ताकि किसी दुर्घटना पर उसका मुआवजा मिल सके। पशुपालकों की सुविधा के लिए सरकार ने टोल फ्री नंबर 18001208862 जारी किया है। इस नंबर पर लम्पी वायरस के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है। रोग से ग्रस्त पशुओं के व्यापार पर भी प्रतिबंध लगाया गया है।
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Lumpy Virus : लम्पी वायरस की रोकथाम के लिए उत्तराखंड सरकार ने जारी की है ये SOP :-
- रोग से ग्रसित पशुओं को अन्य पशुओं से अलग रखें।
- पशुओं के गौशाला में ,मच्छर ,मखियों को नियंत्रित करने के लिए दवाई या धुवे का इस्तेमाल करे।
- Lumpy Virus (लम्पी वायरस ) से ग्रसित पशु को पौष्टिक चारा खिलाएं।
- लम्पी रोग से ग्रसित व् संपर्क में आये पशु को गोटपॉक्स वैक्सीन न लगाएं।
- लगभग 25 लीटर के आसपास पानी में फिटकरी और नीम के पत्ते घोल कर नहलाएं।
- लम्पी वायरस के कारण मृत पशु की देह को खुली जगह में न फेंके। उसे अच्छे से गड्डे में दफना दे। ताकि संक्रमण फैलने का खतरा न हो।
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