Sunday, November 17, 2024
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किलमोड़ा पहाड़ो में होने वाला सर्वगुण संपन्न पौधा, जानिए कितना फायदेमंद है ये

उत्तराखंड के पहाड़ो में एक कंटेनुमा झाड़ी पर उगने वाला , नीला लाल फल ,जिसको  स्थानीय भाषा में किलमोड़ा या किनगोड़ा कहते हैं ,इसे हिंदी में दारुहल्दी कहते है। और संस्कृत में दारुहरिद्रा कहते हैं।  अप्रेल से जून के मध्य होने वाले इस दिव्य फल का आनंद सभी पहाड़ वाली बड़े चाव से लेते है। किलमोड़ा का बैज्ञानिक नाम बेरवेरीज एरिस्टाटा है। किनगोड़ा की लगभग 450 प्रजातियां पुरे संसार में पाई जाती हैं। यह उत्तराखंड के 1400 से 2000 मीटर तक की उचाई पर मिलता है। इसका पौधा लगभग 2  से 3 मीटर तक ऊँचा होता है। इसके फल नील वर्ण के और खट्टे मीठे स्वाद वाले होते हैं।

किलमोड़ा एक ऐसा पौधा है , जिसके जड़ तना , फल तीनो काम आतें ,हैं। उत्तराखंड के पहाड़ी भागों में संरक्षण के आभाव और अत्यधिक दोहन व जानकारी के अभाव में यह औषधीय पौधा धीरे धीरे विलुप्ति की ओर बढ़ रहा है। इसका संरक्षण और उत्पादन के लिए ठोस निति बनाने की आवश्यकता है। यह ऐसा पौधा जो हमारे पहाड़ी राज्य को आर्थिकी व् स्वरोजगार में मदद कर सकता है।

किलमोड़ा के फायदे व प्रयोग

  • किलमोड़ा की जड़ शुगर की बीमारी में बेहद लाभदायक होती है।
  • पीलिया ,बुखार ,नेत्र रोगो में भी इसकी जड़ काफी लाभदायक है।
  •  इसकी जड़ से बरबरिस नामक होम्योपैथिक दवाई बनाई जाती है।
  • किन्गोड़ा की जड़ से अल्कोहल पेय भी बनाया जाता है।
  • दारुहल्दी  एंटी इंफलेन्ट्री ,एंटी ट्यूमर , एंटी वायरल गुण पाए जाते हैं।
  • इसके पत्ते और फलों  में एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं ,जो कैंसर में लाभदायक होती है। इसे कैंसर की दवाओं में प्रयोग किया जाता है।
  • किल्मोड़ा से प्रकृतिक रंग भी तैयार किया जाता है।
  • इसके पूर्ण रूप से फुले हुए फुलों की चटनी भी बनती है।
  • यह गठिया बात  लाभदायक होता है।
  • किलमोड़े के फलों का जूस या किल्मोड़ा का जूस भी आजकल कई संस्थाए बना रही हैं। शुगर में किलमोड़े का जूस लाभदायक बताया जाता है।
  • किन्गोड़े का जूस भी सेहत के लिए लाभदायक है।
  • कुछ लोग किलमोड़े के पौधे में से तेल निकाल कर उसे दवाई कंपनियों को बेच रहे हैं।
किलमोड़ा
किलमोड़ा पादप

किलमोरा मे पाए जाने वाले पोषक तत्व –

विभिन्न शोध पत्रिकाओं और अन्य स्वाथ्य पत्रिकाओं में किन्गोड़े में निम्न पोषक तत्वों का होना बताया गया है –

प्रति 10 ग्राम किल्मोड़ा में लगभग 6 .2 प्रतिशत प्रोटीन ,32 .91 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेड ,30 .47 mg  पॉलीफेनोल , 7 .9 3 mg  संघनित टेनिन ,31 .96 mg एस्कार्बिक एसिड , 4 .53 ग्राम कैरोटीन ,लाइकोपीन और माइक्रोग्राम 10 .62 mg  आदि पाए जाते हैं।

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नोट- यह  लेख  बिभिन्न शोद पत्रिकाओं तथा  अन्य  पत्रिकाओं  के आधार पर संकलित किया गया है। यह लेख केवल शैक्षणिक उपयोग मात्र के लिए है। दारुहल्दी का औषधीय प्रयोग करने से पूर्व अपने डाक्टर ,वैध से अवश्य पूछे। 

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Bikram Singh Bhandari
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बिक्रम सिंह भंडारी देवभूमि दर्शन के संस्थापक और लेखक हैं। बिक्रम सिंह भंडारी उत्तराखंड के निवासी है । इनको उत्तराखंड की कला संस्कृति, भाषा,पर्यटन स्थल ,मंदिरों और लोककथाओं एवं स्वरोजगार के बारे में लिखना पसंद है।
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