हल्द्वानी। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को हल्द्वानी स्थित केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) कैंप मुख्यालय में आयोजित पूर्व अर्धसैनिक बलों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए अर्धसैनिकों के कल्याण के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं। मुख्यमंत्री ने अर्धसैनिकों के अदम्य साहस और राष्ट्र सेवा की सराहना करते हुए कहा कि वे वीरता, साहस और देश भक्ति के प्रतीक हैं।
अर्धसैनिकों के लिए बड़ी घोषणाएं
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर अर्धसैनिकों के सम्मान और कल्याण के लिए निम्न प्रमुख घोषणाएं कीं:
- पुरस्कार राशि में वृद्धि: भविष्य में प्रेसिडेंट पुलिस मेडल-गैलेंट्री वीरता पदक से अलंकृत होने वाले अर्धसैनिकों को एकमुश्त ₹5 लाख की अनुदान राशि दी जाएगी।
- स्टाम्प शुल्क में छूट: पूर्व अर्धसैनिकों और वीर नारियों, जिनके पास स्वयं की कोई अचल संपत्ति नहीं है, को उत्तराखंड में जीवनकाल में एक बार संपत्ति क्रय करने पर स्टाम्प शुल्क में 25% तक की छूट मिलेगी।
- कल्याण परिषद् को क्रियाशील करना: उत्तराखंड राज्य अर्धसैनिक बल कल्याण परिषद् को क्रियाशील किया जाएगा और इसके लिए पुलिस मुख्यालय में एक कार्यालय कक्ष आवंटित होगा।
- नए पद स्वीकृत: सैनिक कल्याण निदेशालय में उपनिदेशक (अर्धसैनिक) और बड़े जिलों के जिला सैनिक कल्याण कार्यालयों में सहायक जिला सैनिक कल्याण अधिकारी (अर्धसैनिक) के एक-एक पद स्वीकृत होंगे। इन पर पूर्व अर्धसैनिकों को संविदा पर नियुक्त किया जाएगा।
- बच्चों की शादी हेतु धनराशि: अर्धसैनिक बलों के बच्चों को शादी के लिए सैनिकों के बच्चों की तरह धनराशि प्रदान की जाएगी।
- CGHS भवन निर्माण: मुख्यमंत्री ने CGHS भवन निर्माण हेतु तत्काल प्राथमिकता के आधार पर भूमि चयन करने के निर्देश जिलाधिकारी को दिए।
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‘सैनिक कभी भूतपूर्व नहीं होता’
मुख्यमंत्री धामी ने भावनात्मक रूप से कहा कि “सैनिक कभी भी ‘भूतपूर्व’ नहीं होता, वह जीवनपर्यंत सैनिक ही रहता है।” उन्होंने बताया कि वे स्वयं एक सैनिक परिवार से आते हैं और सैनिकों व उनके परिवारों की चुनौतियों को समझते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि शहीदों की शहादत की कोई कीमत नहीं हो सकती और राज्य सरकार उनके परिवारों को हर प्रकार की कठिनाई से दूर रखने के लिए प्रतिबद्ध है।
शहीदों के सम्मान में बढ़े कदम
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने शहीदों के सम्मान में कई कदम उठाए हैं:
- शहीदों के परिजनों को दी जाने वाली अनुग्रह राशि को ₹10 लाख से बढ़ाकर ₹50 लाख किया गया है।
- अशोक चक्र, कीर्ति चक्र और शौर्य चक्र से अलंकृत वीरों की पुरस्कार राशि और वार्षिक अनुदान में महत्वपूर्ण वृद्धि की गई है।
- शहीदों के परिजनों के एक सदस्य को सरकारी नौकरी में समायोजित करने की व्यवस्था भी लागू की गई है।
आंतरिक सुरक्षा और विकास पर जोर
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सेना के आधुनिकीकरण और भारत के रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता की भी सराहना की।
राज्य की आंतरिक सुरक्षा पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि अवैध बसावटों के खिलाफ कड़े कदम उठाए गए हैं, जिसके तहत 10 हजार एकड़ से अधिक सरकारी भूमि कब्जामुक्त कराई गई है और 550 से अधिक अवैध संरचनाओं को ध्वस्त किया गया है। उन्होंने समान नागरिक संहिता (UCC), सख्त धर्मांतरण विरोधी कानून, दंगा-रोधी कानून और भू-कानून लागू कर सामाजिक समरसता और आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करने का भी उल्लेख किया।
कार्यक्रम में सैनिक कल्याण मंत्री श्री गणेश जोशी, मेयर हल्द्वानी श्री गजराज सिंह बिष्ट, स्थानीय विधायक श्री राम सिंह कैड़ा सहित केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के वरिष्ठ अधिकारी और बड़ी संख्या में पूर्व सैनिक उपस्थित रहे।
