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यमुनोत्री में देखने लायक जगह –
यमुनोत्री में हर तरह के पर्यटकों के लिए अलग अलग देखने लायक जगह है। जहां पर तीर्थयात्रियों के लिए सप्तऋषि कुंड, यमुनोत्री मंदिर, सूर्य कुंड, दिव्य शिला, हनुमान चट्टी, है तो वहीं चंबा, बड़कोट, खरसाली में साहसिक प्रेमियों के लिए ट्रेकिंग ट्रेक भी हैं।
यमुनोत्री मंदिर –
यमुनोत्री में मुख्य आकर्षण देवी यमुना को समर्पित मंदिर और जानकी चट्टी से लगभग 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित पवित्र थर्मल सल्फर स्प्रिंग्स हैं। हनुमान चट्टी से लेकर यमुनोत्री तक की छटा बहुत ही मनमोहक है।
सप्तऋषि कुंड-
सप्तऋषि कुंड को यमुना नदी का उद्गम स्थल माना जाता है। 4421 मीटर की ऊंचाई पर सप्तऋषि कुंड को यमुना नदी का उद्गम माना जाता है। अपने गन्दे नीले पानी, कंकड़ और ब्रह्मा कमल के दुर्लभ दर्शन के साथ, सप्तर्षि कुंड की अद्भुत छठा देखते ही बनती है।
सप्तर्षि कुंड की यात्रा करने से पहले, ये आवश्यक है कि आप यमुनोत्री में देखने लायक में एक दिन रहकर इस क्षेत्र की जलवायु परिस्थितियों से परिचित हों।
सूर्य कुंड – यमुनोत्री में देखने लायक खास कुंड।
मंदिर के आसपास कई खूबसूरत झरने हैं जो कई कुंडों में बहते हैं। इनमें से सबसे महत्वपूर्ण सूर्य कुंड है। सूर्यकुंड एक गरमपानी का कुंड है। यह कुंड यमुनोत्री मंदिर के पास स्थित है। यमुनोत्री में देखने लायक सबसे अच्छे विकल्पों में से एक है सूर्य कुंड।
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यमुनोत्री में घूमने लायक स्थान दिव्य शिला –
ये यमुनोत्री में सूर्य कुंड के पास स्थित एक बड़ी चट्टान है। दिव्य शिला भक्तों के लिए एक भक्तिमय एहसास दिलाता है। ये परम्परा है कि सभी भक्तों को यमुनोत्री में प्रवेश करने से पहले दिव्य शिला पर पूजा करनी चाहिए। दिव्यशिला सूर्यकुंड के बगल में स्थित 3000 मीटर ऊँची चट्टान है।
हनुमान चट्टी –
यमुनोत्री से 13 किलोमीटर की दूरी पर हनुमान चट्टी है, जहां से गंगा और यमुना नदियों का संगम है, यहां से डोडी ताल के लिए ट्रेक शुरू होता है। यह यमुनोत्री में घूमने लायक खास स्थान है। पौराणिक कहानियों के अनुसार यहीं हनुमान जी ने महाबली भीम का घमंड तोडा था। यह यमुनोत्री में देखने लायक एक अच्छा विक्लप है।
जब पांडव द्रोपदी के साथ इस क्षेत्र में रह रहे थे तब ,एक दिन द्रौपदी ने भीम से वो फूल लाने का आग्रह करती है। जब भीम उस ब्रह्मकमल को लाने जंगल में जाते हैं तो, रस्ते में उन्हें एक वृद्ध वानर लेटा हुवा मिला। जब भीम ने घमंड से वानर को रास्ता देने और रस्ते से हटने को बोला तो वृद्ध बानर ने कहा कि ,मेरी पूछ हटाकर खुद चले जाओ।
तब भीम ने अभिमानवश बानर की पूछ हटाने की कोशिश की तो एड़ी चोटी का जोर लगाकर भी भीम उनकी पूछ को नहीं हटा पाए। तब भीम समझ गए ये कोई दिव्यात्मा है। भीम ने उन्हें अपने असली रूप में आने का आग्रह किया तब हनुमान ने उन्हें अपना परिचय दिया और कभी घमंड ना करने की सीख दी।
खरसाली –
खरसाली पिकनिक के लिए रोमांचक परिवेश और सुंदर वातावरण वाला स्थान है। बहुत सारे झरनों और सुंदर दृश्यों के साथ ही खरसाली इस क्षेत्र में सबसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक है। एक सुन्दर घास के मैदान जहां पर ओक और कोनिफेर के पेड़ खरसाली का वातावरण और अद्भुत बना देते है।
समुद्रतल से लगभग 2500 मीटर की उचाई में बसा यह सूंदर गांव यमुना नदी के किनारे बसा हुवा है। खरसाली से हिमालय की चोटियों के रमणीक दर्शन होते हैं। खरसाली वही जगह जहाँ शीतकाल में माँ यमुना दर्शन और पूजा होती है।
बड़कोट:
ये यमुनोत्री के रास्ते में स्थित एक छोटा सा शहर है, जो कि यमुनोत्री से सिर्फ 49 किलोमीटर दूर है। बरकोट में एक प्राचीन मंदिर है और ये ध्यान लगाने के लिए एक आदर्श जगह है। यमुनोत्री के पास देखने लायक तो बस यमुनोत्री ही है।
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