उत्तराखण्ड पंचायत चुनाव 2025: उत्तराखण्ड राज्य निर्वाचन आयोग ने वर्तमान पंचायत चुनावों के संबंध में फैलाई जा रही भ्रामक सूचनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए जनता, संभावित उम्मीदवारों और मीडिया सहित सभी हितधारकों को उत्तराखण्ड पंचायती राज अधिनियम, 2016 (यथासंशोधित) के प्रावधानों के अनुसार उम्मीदवार की पात्रता के संबंध में स्पष्टीकरण जारी किया है। आयोग के संज्ञान में आया है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों और अन्य इलेक्ट्रॉनिक संचार माध्यमों पर यह गलत प्रचार किया जा रहा है कि यदि किसी उम्मीदवार का नाम शहरी और ग्रामीण दोनों मतदाता सूचियों में है, तो उसकी उम्मीदवारी को लेकर विभिन्न अपात्रताएं लागू होती हैं। यह भ्रम भी फैलाया जा रहा है कि राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा पात्रता के संबंध में नए निर्देश जारी किए गए हैं।
कोई नए निर्देश नहीं, केवल अधिनियम के प्रावधान मान्य
राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव ने स्पष्ट किया है कि आयोग ने पात्रता के संबंध में कोई नए निर्देश जारी नहीं किए हैं। जो निर्देश हैं, वे पूर्व से ही पंचायती राज अधिनियम में प्रावधानित हैं। उत्तराखण्ड में पंचायत चुनाव पूर्ण रूप से उत्तराखण्ड पंचायती राज अधिनियम, 2016 के प्रावधानों के अनुसार ही संपन्न कराए जाते हैं। आयोग स्वयं इस अधिनियम के प्रावधानों से निर्देशित है और अन्य सभी को भी इन्हीं प्रावधानों का पालन करना अनिवार्य है।
मतदान और निर्वाचित होने का अधिकार स्पष्ट
अधिनियम में किसी भी उम्मीदवार के निर्वाचन हेतु मतदाता सूची में पंजीकरण, मताधिकार और निर्वाचित होने के अधिकार के संबंध में स्थिति स्पष्ट रूप से वर्णित है:
- ग्राम पंचायत: अधिनियम की धारा 9(13) के अनुसार, जिस व्यक्ति का नाम ग्राम पंचायत के किसी प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्र की निर्वाचक नामावली में सम्मिलित है, वह ग्राम पंचायत में मत देने और किसी भी पद पर निर्वाचन, नाम-निर्देशन या नियुक्ति के लिए पात्र होगा।
- क्षेत्र पंचायत: इसी प्रकार के स्पष्ट प्रावधान धारा 54(3) में दिए गए हैं।
- जिला पंचायत: और जिला पंचायत के लिए धारा 91(3) में समान प्रावधान मौजूद हैं।
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निरर्हता (Disqualifications) के प्रावधान
पंचायत चुनावों में किसी उम्मीदवार की निरर्हता (Disqualifications) से संबंधित प्रावधान केवल उत्तराखण्ड पंचायती राज अधिनियम, 2016 की निम्नलिखित धाराओं में विस्तृत रूप से दिए गए हैं:
- धारा 8: ग्राम पंचायत के लिए
- धारा 53: क्षेत्र पंचायत के लिए
- धारा 90: जिला पंचायत के लिए
अफवाहों पर ध्यान न दें, आधिकारिक जानकारी पर करें भरोसा
आयोग ने सभी से अनुरोध किया है कि वे ऐसे निराधार प्रचार पर विश्वास न करें और केवल उत्तराखण्ड पंचायती राज अधिनियम, 2016 के आधिकारिक प्रावधानों तथा राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जारी सूचनाओं पर ही भरोसा करें। किसी भी प्रकार के संशय की स्थिति में अधिनियम का अवलोकन करने अथवा जिला निर्वाचन अधिकारी एवं आयोग से तुरंत संपर्क करने की सलाह दी गई है।