Monday, April 28, 2025
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पेओरा गांव उत्तराखंड का फलों का कटोरा | Peora village Nainital Uttrakhand

उत्तराखंड एक प्राकृतिक प्रदेश है। यहां प्रकृति ने हर कोने हर क्षेत्र को ऐसे सजाया है, उत्तराखंड का हर कण स्वर्ग का अहसास दिलाता है। यहाँ कई एक से बढ़कर एक दर्शनीय स्थल मौजूद है, जिन्हें सारी दुनिया जानती है ,और भ्रमण के लिए आती है। और कुछ ऐसे स्थान भी हैं, जो सारी जन्नत की खूबी अपने मे समेटे हुए है, लेकिन उस सुंदरता से अभी भी कई लोग अनजान हैं। इन्ही दर्शनीय स्थलों में एक है, नैनीताल का  पेओरा गांव  ( Peora village Nainital ) इसके बारे में अधिक लोगो को अभी तक नही पता है।

पेओरा गाव  उत्तराखंड के नैनीताल में स्थित एक छोटा सा प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर गाँव है। यह गावँ नैनीताल कोस्यकुटोली तहसील में स्थित है। यह गावँ समुद्रतल से 6600 फुट (1997 मीटर ) की ऊंचाई पर स्थित है। यह  गाव अल्मोड़ा और नैनीताल के मध्य में पड़ता है। यह गाव अल्मोड़ा से लगभग 23 किलोमीटर दूर और तल्लीताल नैनीताल से पेओरा की दूरी लगभग 60 किलोमीटर दूर है।

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देवदार, काफल, ओक और बुरांश के पेड़ों की सुंदरता से सजा पेओरा गाँव, स्वर्ग को फैल करता है। यहाँ से हिमालय की चोटियों का सजीव दर्शन होते हैं। नैनीताल के प्रसिद्ध स्थल, मुक्तेश्वर से 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है पेओरा गाव। उत्तराखंड का यह छोटा सा हिल स्टेशन पेओरा ,अपने आप मे एक आदर्श हिल स्टेशन की सभी खूबियां समेटे हुए है।

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पेओरा गांव को उत्तराखंड का फलों का कटोरा कहते हैं। 

पेओरा गाँव ( peora village ) को उत्तराखंड का फलों का कटोरा कहा जाता है। यहां आलूबुखारा, सेव, खुबानी , आड़ू, काफल और अन्य  पहाड़ी फल काफी मात्रा में होते हैं। फलों से यहां कई प्रकार के हर्बल उत्पाद   जो यहाँ नही बेचे जाते , सीधे बाहर भेजे जाते हैं। यहाँ कोई बाजार नही है।

पेओरा गांव में क्या करें –

  • पोरा गाँव से आप चारों ओर हिमालय की चोटियों की नयनाभिराम सुंदरता का आनंद ले सकते हैं।
  • इस गांव के सुंदर और रोमांचकारी रास्तों (ट्रेकस) पर रोमांच का अनुभव कर सकते हैं। पेओरा में आप साइकिलिंग का रोमांचकारी आनंद ले सकते हैं। साइकिल लेकर निकल पड़िये पोरा की हरी भरी पगडंडियों पर, मजा आ जायेगा।
  • यहाँ आप कई प्रकार की पक्षियों के तथा विभिन्न प्रकार के फूलों का दर्शन कर सकते है, तथा उनके साथ फोटो ले सकते हैं।
  • पेओरा गाव में, कोई बाजार नही हैं, यह एक शुद्ध प्राकृतिक गाँव है। यह क्षेत्र कई प्रकार के हर्बल उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है। यहां से आप हर्बल फैसपैक, मसाले आदि ,यहाँ के लघु उद्योगों से अच्छी कीमत में खरीद सकते हैं।
  • इसके अलावा आप कैम्पिंग से पहाड़ के गांव में जीने ,रहने का आनन्द ले सकते हैं।
  • जिनको अपने जीवन के कुछ पल एक शांत ,सुंदर स्थान में बिताने हैं, उनके लिए आदर्श है पेओरा गांव।
  • पेओरा में आरोही नामक एक ngo कार्यरत है। यह ngo पर्यावरण संरक्षण और शिक्षा के क्षेत्र में काम करता है। आप इनके क्रियाकलापों का आनंद भी ले सकते हैं।

पेओरा गाँव जाने के लिए सर्वोत्तम समय –

पेओरा गाँव जाने के लिए सर्वोत्तम समय है, मार्च से जून और सितम्बर से दिसंबर तक। जुलाई अगस्त में बारिश के कारण यहां खतरे बढ़ जाते हैं । मार्ग अवरुद्ध हो जाते हैं। और जनवरी तथा फरवरी में अत्यधिक बर्फ पड़ने के कारण भी यहाँ मार्ग अवरुद्ध रहते हैं।

पोरा गाव ( पेओरा गाव ) जाने से पहले इस बात का ध्यान रखें –

पेओरा गाव , पोरा गाव प्रकृति की गोद मे बसा एक शुद्ध पहाड़ी गाव है। यहाँ किसी प्रकार का होटल या बाजार उपलब्ध नही है। इसलिए पेओरा जाने से पहले , अपनी आवश्यता की वस्तुएं, लेकर आएं। अपना जरूरी सामान साथ लेकर चलें और प्रकृति का आनन्द लें।

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पेओरा ( पोरा ) में कहाँ ठहरे 

पेओरा | पोरा गाव में ठहरने के लिए यहां आस पास कुछ आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित रिसोर्ट बन गए हैं। जहां आप ठहर सकते हैं। लेकिन यहाँ ठहरने के लिए सबसे अच्छा विकल्प यहाँ का पुराना डाक बंगला है। जिसे आजकल एक होम स्टे के तौर पर बनाया गया है। इस डाक बंगले को 1905 में बनाया गया था। इसमे अभी भी वो पुराने जमाने वाला आकर्षण है। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है, कि यह ऐसी जगह स्थित है, जहॉ से हिमालय की त्रिशूल चोटियों का दर्शन का आनंद ले सकते हैं।

पेओरा गाँव कैसे पहुँचे –

पेओरा गावँ | पोरा गाँव जाने के लिए निकटतम रेलवे स्टेशन काठगोदाम है। काठगोदाम से लगभग 70 किमी दूर है पेओरा गावँ । काठगोदाम तक ट्रेन से आकर वहाँ से बस या टैक्सी की सहायता से यहां पहुँचा जा सकता है।

सडक़ मार्ग से पोरा गाँव सभी राजमार्गो से अच्छे से जुड़ा है। यहाँ के लिए वाहन आसानी से मिल भी जाते हैं। निकटम स्थल, नैनिताल, हल्द्वानी, काठगोदाम हैं।

हवाई जहाज से पोरा गाँव जाने के लिए, निकटतम हवाई अड्डा पंतनगर है। वहां से टैक्सी से पेओरा /पोरा गाँव जा सकते हैं।

पेओरा गांव
फ़ोटो साभार नवभारत टाइम्स

पेओरा गांव का मौसम-

पोरा एक पहाड़ी डेस्टिनेशन होने के कारण ,यहाँ का मौसम ठंडा रहता है। दिसंबर जनवरी फरवरी में अत्यधिक ठंड होने कारण यहाँ बर्फबारी होती रहती है।

पेओरा गावँ नैनीताल के आस पास घूमने लायक अन्य स्थल  –

आदि अनेक स्थल है। पेओरा गांव ( Peora village Nainital ) शांति की खोज करने वाले, शुद्ध वातावरण में दिन गुजारने वालों के लिए एक आदर्श हिल स्टेशन है।

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Bikram Singh Bhandari
Bikram Singh Bhandarihttps://devbhoomidarshan.in/
बिक्रम सिंह भंडारी, देवभूमि दर्शन के संस्थापक और प्रमुख लेखक हैं। उत्तराखंड की पावन भूमि से गहराई से जुड़े बिक्रम की लेखनी में इस क्षेत्र की समृद्ध संस्कृति, ऐतिहासिक धरोहर, और प्राकृतिक सौंदर्य की झलक स्पष्ट दिखाई देती है। उनकी रचनाएँ उत्तराखंड के खूबसूरत पर्यटन स्थलों और प्राचीन मंदिरों का सजीव चित्रण करती हैं, जिससे पाठक इस भूमि की आध्यात्मिक और ऐतिहासिक विरासत से परिचित होते हैं। साथ ही, वे उत्तराखंड की अद्भुत लोककथाओं और धार्मिक मान्यताओं को संरक्षित करने में अहम भूमिका निभाते हैं। बिक्रम का लेखन केवल सांस्कृतिक विरासत तक सीमित नहीं है, बल्कि वे स्वरोजगार और स्थानीय विकास जैसे विषयों को भी प्रमुखता से उठाते हैं। उनके विचार युवाओं को उत्तराखंड की पारंपरिक धरोहर के संरक्षण के साथ-साथ आर्थिक विकास के नए मार्ग तलाशने के लिए प्रेरित करते हैं। उनकी लेखनी भावनात्मक गहराई और सांस्कृतिक अंतर्दृष्टि से परिपूर्ण है। बिक्रम सिंह भंडारी के शब्द पाठकों को उत्तराखंड की दिव्य सुंदरता और सांस्कृतिक विरासत की अविस्मरणीय यात्रा पर ले जाते हैं, जिससे वे इस देवभूमि से आत्मिक जुड़ाव महसूस करते हैं।
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