Friday, July 26, 2024
Homeमंदिरतीर्थ स्थलनौकुचियाताल | पुष्कर के सामान महत्व है कुमाऊँ के इस ताल का

नौकुचियाताल | पुष्कर के सामान महत्व है कुमाऊँ के इस ताल का

नौकुचियाताल (Naukuchiatal ) वैसे उत्तराखंड में एक से एक तालाब हैं। और उत्तराखंड के कुमाऊँ मंडल में तालों का नगर के नाम से नैनीताल शहर प्रसिद्ध है। और नैनीताल में ही नौकुचियाताल नामक एक प्राचीन ताल है। जिसका पौराणिक कथाओं में धार्मिक महत्व बताया गया है।

नौकुचियाताल की स्थिति

कुमाऊं मंडल के नैनीताल जनपद का यह 9 कोने वाला ताल नैनीताल से 26 किमी. व भीमताल से 4 किमी. पर 29°-19-20′ उ. अक्षांश और 19°-32-38” पू. देशान्तर पर तथा समुद्रतट से 1320 मी.की ऊंचाई पर स्थित है। यह छखाता परगने का सबसे ज्यादा गहरा (135 ‘फीट), किनारों पर कम से कम 9’ फीट गहरा ताल है। 1871 में एम्सबरी के द्वारा की गयी माप के अनुसार यह अन्तर्जलस्रोतीय सरोवर 1050 मी. लम्बा, 880 चौड़ा एवं 41 मी. गहरा है। दल-दलीय भाग सहित इसका कुल क्षेत्रफल 37 हैक्टेयर है। यहां पर नौका विहार की भी सुविधा उपलब्ध है।

नौकुचियाताल का पौराणिक महत्त्व –

इसके पश्चिमोत्तरीय कोण पर हरकी पौड़ी नाम से ज्ञात तीर्थस्थल की भी मान्यता है। जहां पर पुण्य पर्वों पर पवित्र स्नानादि किये जाते हैं तथा बच्चों का मुंडन, यज्ञोपवीत भी किये जाने लगे हैं। इसके पश्चिमी कोण के दलदलयुक्त क्षेत्र में कमल उगते हैं। इसके बारे में कहा जाता है कि यहां के तालों में यही एक ऐसा ताल है जिसमें कमल के फूल उगते हैं। स्कन्दपुराण के मानसखण्ड में इसे सनत्कुमार सरोवर कहा गया है।

Best Taxi Services in haldwani

इसके निर्माण के सम्बन्ध में कहा गया है कि पहले यह क्षेत्र ऊसर भूमि होने से यहां पर जल का अभाव था। जब विष्णु भगवान् सनत्कुमारो के रूप में यहां आये तो लोगों ने उनको जल के अभाव की अपनी व्यथा-गाथा सुनाई। इस पर उन्होंने पुष्कर के समान अपनी अंगुलियों से भूमि का खनन कर जल को प्रकट किया। इसलिए इसका पुष्कर तीर्थ के बराबर महत्त्व बताया गया है। जो इस तालाब में स्नान करते हैं उन्हें पुष्कर तीर्थ के बराबर फल मिलता है। जो यहाँ पिंडदान करते हैं उनके १०१ कुलों का उद्धार हो जाता है।

इसके अलावा इस ताल के बारे में कहा जाता है कि नौकुचियाताल के नौ कोनो को एक साथ नहीं देखा जा सकता है। जो इसके नौ कोनो को एक साथ देख लेता है ,उसका भाग्य बदल जाता है। वो धनवान बन जाता है।

नौकुचियाताल

गर्मियों में घूमने लायक मुफीद स्थान है –

धार्मिक और पौराणिक महत्व के साथ -साथ नौकुचियाताल (naukuchiatal ) गर्मियों में घूमने लायक एक शानदार हिल स्टेशन है।  नैनीताल जिले का यह ताल एक ऑफ बीट हिल स्टेशन है। गर्मियों की चिलचिलाती गर्मी और प्रकृति के रमणीक नजारों का आनंद लेना कहते हैं तो एक बार यहाँ घूमने जरूर आये। यदि आपको प्रकृति पसंद है और आपका दिल पहाड़ो में बसता है तो नौकुचियाताल आपके लिए सर्वश्रेष्ठ स्थान है।

नौकुचियाताल में करने योग्य खास गतिविधियां –

नौकुचिया ताल (naukuchiatal ) में बहुत सारी गतिविधियां करके आप अपने जीवन के सर्वश्रेष्ठ पलों का आनंद ले सकते हैं।

  • नौकुचिया ताल में आप बोटिंग का आनंद ले सकते हैं। अगर आपने इस नौ कोनो वाले ताल में आकर बोटिंग नहीं की तो समझो कुछ नहीं किया।
  • यहाँ जंगल वाक के लिए सर्वश्रेष्ठ है। प्रकृति के बीच रहकर प्रकृति में खो जाना उसके सौंदर्य को आत्मसात करते हुए जीवन के बेमिसाल पलो का आनंद लेना ,इससे अच्छा क्रियाकलाप कुछ नहीं हो सकता।
  •  यदि आप पक्षियों के दीदार के शौकीन हो तो नौकुचियाताल और यहाँ से नजदीक जंगलिया गांव में आपका यह शौक पूरा हो सकता है।
  • फोटोग्राफी के शौकीन लोगो के लिए स्वर्ग है यह डेस्टिनेशन। एक से एक बढ़कर एक नज़ारे और सुंदर पक्षी फोटोग्राफरों को अच्छा ऑब्जेक्ट और कंटेंट देते हैं।

पौराणिक गाथा संदर्भ – उत्तराखंड ज्ञानकोष ,लेखक प्रोफ़ेसर DD शर्मा जी। 

इन्हे भी पढ़े _

देहली ऐपण | यक्ष संस्कृति की देन है प्रवेश द्वार के आलेखन की यह परम्परा ।

परी ताल , उत्तराखंड की एक ऐसी झील जहाँ नाहने आती हैं परियां

पहाड़ी जूस ऑनलाइन मंगाने के लिए यहाँ क्लिक करें।

Follow us on Google News Follow us on WhatsApp Channel
Bikram Singh Bhandari
Bikram Singh Bhandarihttps://devbhoomidarshan.in/
बिक्रम सिंह भंडारी देवभूमि दर्शन के संस्थापक और लेखक हैं। बिक्रम सिंह भंडारी उत्तराखंड के निवासी है । इनको उत्तराखंड की कला संस्कृति, भाषा,पर्यटन स्थल ,मंदिरों और लोककथाओं एवं स्वरोजगार के बारे में लिखना पसंद है।
RELATED ARTICLES
spot_img
Amazon

Most Popular

Recent Comments