Saturday, February 22, 2025
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मेरो रंगीलो देवर घर लिरिक्स | कुमाउनी होली गीत अर्थ सहित | Mero rangilo devar ghar lyrics

होली का त्योहार उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र में बेहद धूमधाम से मनाया जाता है। यहाँ के Kumaoni Mahila Holi Geet यानी महिला होली गीत अपनी अनूठी मधुरता और परंपरा के लिए जाने जाते हैं। इनमें नारी स्नेह, परिवारिक रिश्तों और सांस्कृतिक धरोहर की झलक देखने को मिलती है। आज हम आपके लिए एक लोकप्रिय कुमाउनी महिला होली गीत “Mero Rangilo Devar Ghar” के लिरिक्स और उसके पीछे की सांस्कृतिक विशेषताओं को प्रस्तुत कर रहे हैं।

मेरो रंगीलो देवर घर | Traditional Kumaoni Holi Geet Lyrics

मेरो रंगीलो देवर घर ऐरोछो
🔸मेरो रंगीलो देवर घर ऐरोछो

🔹 सासु हु लड्डू, ननद हु पेड़ा
🔹 मैं हु बरफी ल्यारोछो
🔸 मेरो रंगीलो देवर घर ऐरोछो

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🔹सासु हु नथिया, ननद हुं कुण्डल
🔹 मैं हु माला ल्यारोछो
🔸 मेरो रंगीलो देवर घर ऐरोछो

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🔹 सासु हुं बिन्दी, ननद हु पोडर
🔹 मैं हु लाली ल्यारोछो
🔸 मेरो रंगीलो देवर घर ऐरोछो

🔹 सासु हु लहंगा, ननद हु चुनरी
🔹 मैं हु अंगिया ल्यारोछो
🔸 मेरो रंगीलो देवर घर ऐरोछो

🔹 नानो-नानो देवर ऐरोछो
🔸 मेरो रंगीलो देवर घर ऐरोछो

🔹 छम छम छम छम घुन्गरू लयरोछो
🔹 सासु हु धोती, ननद हु झम्फर
🔹 मैं हु साड़ी लयरोछो
🔸 मेरो रंगीलो देवर घर ऐरोछो

कुमाउनी होली गीतों की विशेषता –

  • Kumaoni Holi Songs लोकसंस्कृति का अहम हिस्सा हैं। इनमें पारिवारिक रिश्तों, प्रेम, रंगों और हंसी-खुशी का सुंदर वर्णन मिलता है।
  • कुमाऊनी महिला होली गीत विशेष रूप से घर-परिवार की खुशियों को दर्शाते हैं, जहाँ बहू, सास, ननद और देवर के रिश्तों को हास्य और मस्ती भरे अंदाज में गाया जाता है।
  •  पारंपरिक वाद्ययंत्र इन गीतों को और भी कर्णप्रिय बनाते हैं।
  • Mero Rangilo Devar Ghar जैसे गीत कुमाऊं के हर गाँव और कस्बे में होली के दौरान सुनाई देते हैं।

उत्तराखंड के होली गीत न सिर्फ मनोरंजन का हिस्सा हैं, बल्कि इनसे हमारी लोकसंस्कृति की झलक भी मिलती है। “Mero Rangilo Devar Ghar” जैसे पारंपरिक होली गीत हमें अपने गांव, त्योहार और लोकधुनों की याद दिलाते हैं।

इन्हे देखें :

शिव के मन माहि बसे काशी कुमाऊनी होली गीत लिरिक्स।

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Bikram Singh Bhandari
Bikram Singh Bhandarihttps://devbhoomidarshan.in/
बिक्रम सिंह भंडारी देवभूमि दर्शन के संस्थापक और लेखक हैं। बिक्रम सिंह भंडारी उत्तराखंड के निवासी है । इनको उत्तराखंड की कला संस्कृति, भाषा,पर्यटन स्थल ,मंदिरों और लोककथाओं एवं स्वरोजगार के बारे में लिखना पसंद है।
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