Table of Contents
केदारनाथ के दर्शनीय स्थल
केदारनाथ के दर्शनीय स्थल जिनका आप अपनी यात्रा के दौरान लुफ्त उठा सकते है। के चार उत्तराखंड धामों में से एक है केदारनाथ धाम जो कि प्रकृति की खूबसूरत वादियों से घिरा हुआ है। यूँ तो केदारनाथ धाम आस्था का बहुत विशाल पवित्र स्थल है परन्तु इसकी आसपास की खूबसूरती भी पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करने से पीछे नहीं रहती। यहाँ का शांत वातावरण भगवान के प्रेम में डूबे श्रद्धालु और प्राकृतिक सौंदर्य किसी चमत्कार से कम नहीं है।
यहाँ आप मंदिर की खूबसूरत कलात्मक शैली, भक्तों कीआस्थाएं, पर्वतों पर बिखरी रूईनुमा बर्फ, हसीन वादियों में तेज़ हवाओं के झौंके, मंदाकिनी नदी का तेज़ बहाव, कल कल करता पानी का शोर आदि को यहाँ आकर भली भाँती देख सकते हैं। यहीं कुछ दूरी पर एक झील है जो दर्शनीय है इस झील की भी अपनी अलग महत्वता है।
यहीं से तक़रीबन 6 किलोमीटर की दूरी पर एक ताल भी है जो की वासुकी ताल के नाम से जाना जाता है। केदारनाथ धाम में आप त्रिजुगीनारायण, अगस्तयमुनि, गौरी कुण्ड, सोन प्रयाग, गुप्तकाशी, उखीमठ, पंच केदार आदि दर्शनीय स्थलों के दर्शन कर सकते हैं।
केदारनाथ मंदिर –
केदारनाथ मंदिर हिमालय की खूबसूरत हसीन वादियों में बना विशालतम आस्थाओं से रचा मंदिर है जो कि एक चौड़े पत्थर पर विराजमान है। भक्तों की भक्ति और प्रकृति ने इसकी सुंदरता में चार चाँद लगाने में कोई कमी नहीं छोड़ी है।
शंकराचार्य समाधि –
कहा जाता है कि 32 वर्ष की उम्र में शंकराचार्य ने यहाँ समाधि ली थी। तक़रीबन 8 वीं शताब्दी में गुरु जी शंकराचार्य केदारनाथ मंदिर आये थे। इस मंदिर के दर्शन के बाद उन्होंने यहीं समाधि ली थी, शंकराचार्य समाधि दर्शनीय है।
त्रियुगीनारायण –
त्रियुगीनारायण में शिव मंदिर दर्शनीय है जो कि केदारनाथ शैली में बना हुआ है। अगर आप केदारनाथ आना चाहते हैं तो यहाँ अवश्य आएं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार यहाँ भगवान् शिव और पार्वती का विवाह हुवा था।
गुप्तकाशी –
गुप्तकाशी भगवान शिव के पवित्र तीर्थस्थल के रूप में प्रसिद्ध है। यह केदारनाथ धाम से लगभग 47 किलोमीटर पहले स्थित है। गुप्तकाशी समुद्र तल से 1319 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह मंदाकिनी नदी घाटी के पश्चिम की ओर एक पहाड़ी पर स्थित है।
गुप्तकाशी उत्तराखंड का धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण तीर्थ है क्योंकि इसमें विश्वनाथ मंदिर और अर्धनारीश्वर मंदिर जैसे प्राचीन मंदिर हैं। इसे कैलाश का द्वार भी कहा जाता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार भगवान् गणेश का दांत यहीं टूटा था। यह केदारनाथ के प्रसिद्ध दर्शनीय स्थलों में एक है।
ऊखी मठ –
ऊखी मठ बेहद शांत वातावरण वाला रमणीक स्थल है। कहा जाता है कि जब केदारनाथ मंदिर बंद कर दिया जाता है तब इसकी मूर्ति को ऊखी मैथ की गद्दी पर रखा जाता है। ( केदारनाथ के दर्शनीय स्थल )
केदारनाथ के दर्शनीय स्थल गौरी कुंड –
गौरी कुंड एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है जो कि गुप्तकाशी से लगभग 28 किमी और सोनप्रयाग से 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह कुंड उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है। यह कुंड उत्तराखंड में केदारनाथ मंदिर की यात्रा के लिए आधार शिविर भी है। गौरीकुंड समुद्र तल से लगभग 6,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। और 30°38 अक्षांश पर और उत्तर और देशांतर 79°1 ई. पर स्थित है। पहाड़ों का भव्य दृश्य और पास में बहने वाली मंदाकिनी नदी केआसपास की रमणीय हरियाली देखने लायक है।
चौखाटी ताल –
चौखाटी ताल को गांधी ताल भी कहते हैं। कहा जाता है कि यहाँ महात्मा गांधी की अस्थि यहीं प्रवाहित की गई थी। इस बर्फीले सरोवर में इस ताल के साथ साथ शंकराचार्य की समाधि भी देखने योग्य है।
केदारनाथ के दर्शनीय स्थल देवरिया ताल –
देवरिया ताल अपने सौंदर्य के लिए पर्यटकों के बीच खासा लोकप्रिय है। यहाँ बर्फ से ढकी चोटियां बेहद लुभावनी लगती हैं। यहाँ से गगनचुंबी पहाड़ियां बेहद आकर्षक लगती हैं। ( केदारनाथ के दर्शनीय स्थल )
वासुकी ताल –
वासुकी ताल केदारनाथ धाम से तक़रीबन 6 किलोमीटर की दूरी पर होगी। यह एक बेहद आकर्षक झील है। यह झील ऊंचाई पर बनी हुई है इसलिए इस तक पहुँचने के लिए काफी चढ़ाई चढ़नी पड़ती है। केदारनाथ के दर्शनीय स्थलों में महत्वपूर्ण स्थल है।
उत्तराखंड में स्वरोजगार की नई पहल,पहली बार धरातल पर आया अपना पोर्टल, अपना स्टोर ऑनलाइन बना कर ऑनलाइन विक्रेता बनिये।
इसे भी पढ़े……
भगवान शिव का अनोखा केदारनाथ धाम .
गाडो गुलबंदा गढ़वाली गीत के बोल।