केदारनाथ के दर्शनीय स्थल
केदारनाथ के दर्शनीय स्थल जिनका आप अपनी यात्रा के दौरान लुफ्त उठा सकते है। हिन्दुओं के चार धामों में से एक है केदारनाथ धाम जो कि प्रकृति की खूबसूरत वादियों से घिरा हुआ है। यूँ तो केदारनाथ धाम आस्था का बहुत विशाल पवित्र स्थल है परन्तु इसकी आसपास की खूबसूरती भी पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करने से पीछे नहीं रहती। यहाँ का शांत वातावरण भगवान के प्रेम में डूबे श्रद्धालु और प्राकृतिक सौंदर्य किसी चमत्कार से कम नहीं लगता है।यहाँ आप मंदिर की खूबसूरत कलात्मक शैली, भक्तों कीआस्थाएं, पर्वतों पर बिखरी रूईनुमा बर्फ, हसीन वादियों में तेज़ हवाओं के झौंके, मंदाकिनी नदी का तेज़ बहाव, कल कल करता पानी का शोर आदि को यहाँ आकर भली भाँती देख सकते हैं। यहीं कुछ दूरी पर एक झील है जो दर्शनीय है इस झील की भी अपनी अलग महत्वता है। यहीं से तक़रीबन 6 किलोमीटर की दूरी पर एक ताल भी है जो की वासुकी ताल के नाम से जाना जाता है। केदारनाथ धाम में आप त्रिजुगीनारायण, अगस्तयमुनि, गौरी कुण्ड, सोन प्रयाग, गुप्तकाशी, उखीमठ, पंच केदार आदि दर्शनीय स्थलों के दर्शन कर सकते हैं।
केदारनाथ मंदिर
केदारनाथ मंदिर हिमालय की खूबसूरत हसीन वादियों में बना विशालतम आस्थाओं से रचा मंदिर है जो कि एक चौड़े पत्थर पर विराजमान है। भक्तों की भक्ति और प्रकृति ने इसकी सुंदरता में चार चाँद लगाने में कोई कमी नहीं छोड़ी है।
शंकराचार्य समाधि
कहा जाता है कि 32 वर्ष की उम्र में शंकराचार्य ने यहाँ समाधि ली थी। तक़रीबन 8 वीं शताब्दी में गुरु जी शंकराचार्य केदारनाथ मंदिर आये थे। इस मंदिर के दर्शन के बाद उन्होंने यहीं समाधि ली थी, शंकराचार्य समाधि दर्शनीय है।
त्रियुगीनारायण
त्रियुगीनारायण में शिव मंदिर दर्शनीय है जो कि केदारनाथ शैली में बना हुआ है। अगर आप केदारनाथ आना चाहते हैं तो यहाँ अवश्य आएं।
गुप्तकाशी
गुप्तकाशी में प्राचीन शिव-पार्वती मंदिर स्थापित हैं जो की दर्शनीय हैं। यहाँ भगवान शिव और माता पार्वती को देखने के लिए श्रद्धालुओं की लंबी भीड़ उमड़ी रहती है।
ऊखी मठ
ऊखी मठ बेहद शांत वातावरण वाला रमणीक स्थल है। कहा जाता है कि जब केदारनाथ मंदिर बंद कर दिया जाता है तब इसकी मूर्ति को ऊखी मैथ की गद्दी पर रखा जाता है।
गौरी कुंड
गौरी कुण्ड अपने चमत्कारी प्रभाव के लिए पर्यटकों के बीच प्रसिद्ध है। यहाँ गर्म पानी का मुख्य आकर्षक है। यहीं माता पार्वती का एक मंदिर है जो कलात्मक शैली का है।
चौखाटी ताल
चौखाटी ताल को गांधी ताल भी कहते हैं। कहा जाता है कि यहाँ महात्मा गांधी की अस्थि यहीं प्रवाहित की गई थी। इस बर्फीले सरोवर में इस ताल के साथ साथ शंकराचार्य की समाधि भी देखने योग्य है।
देवरिया ताल
देवरिया ताल अपने सौंदर्य के लिए पर्यटकों के बीच खासा लोकप्रिय है। यहाँ बर्फ से ढकी चोटियां बेहद लुभावनी लगती हैं। यहाँ से गगनचुंबी पहाड़ियां बेहद आकर्षक लगती हैं।
पंचकेदार
पंचकेदार केदारनाथ के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में से एक है। यहाँ का मनभावन सौंदर्य पर्यटकों को यहाँ आने को मजबूर कर देता है।
वासुकी ताल
वासुकी ताल केदारनाथ धाम से तक़रीबन 6 किलोमीटर की दूरी पर होगी। यह एक बेहद आकर्षक झील है। यह झील ऊंचाई पर बनी हुई है इसलिए इस तक पहुँचने के लिए काफी चढ़ाई चढ़नी पड़ती है।
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