देहरादून, 30 जून 2025: उत्तराखंड में पिछले कुछ दिनों से हो रही भारी बारिश ने पूरे राज्य में व्यापक तबाही मचाई है, जिससे जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। भूस्खलन, सड़कों का अवरुद्ध होना और बाढ़ जैसी स्थिति ने खासकर उत्तरकाशी, चमोली, बागेश्वर और पिथौरागढ़ जैसे जिलों में हालात गंभीर बना दिए हैं। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने अगले 24 घंटों में और बारिश की चेतावनी जारी की है, जिसके चलते प्रशासन हाई अलर्ट पर है।
प्रमुख भूस्खलन और मार्ग अवरुद्ध
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (SEOC) के अनुसार, शनिवार तक भारी बारिश और भूस्खलन के कारण उत्तराखंड में कुल 72 सड़कें बंद हो गई थीं।
- उत्तरकाशी: बारकोट तहसील के सिलाई बैंड क्षेत्र में एक बड़ा भूस्खलन हुआ, जिसमें 29 मजदूर प्रभावित हुए। इस घटना में 2 लोगों की मौत हो गई, जबकि 7 अन्य अभी भी लापता हैं। यमुनोत्री हाईवे पर 10-12 मीटर सड़क बह जाने से यातायात पूरी तरह ठप हो गया है।
- चमोली: बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर नंदप्रयाग, भानेरपानी, लंबगढ़, सोनाला और बैराज कुंज में भूस्खलन के कारण सड़कें अवरुद्ध हो गईं। पिपलकोटी और जोशीमठ के बीच पatalगंगा में भी एक बड़ा भूस्खलन हुआ है।
- बागेश्वर: कपकोट में भूस्खलन ने 35 ग्रामीण सड़कों को बंद कर दिया है। सरयू नदी उफान पर है, जिससे घाट और तटबंध क्षतिग्रस्त हुए हैं।
- पिथौरागढ़: तवाघाट-लिपुलेख सड़क पर भूस्खलन के कारण मार्ग बंद हो गया है।
- रुद्रप्रयाग: केदारनाथ पैदल मार्ग पर जंगल चट्टी के पास लगभग 30 मीटर का रास्ता बह जाने के कारण यात्रा अस्थायी रूप से रोक दी गई है।
इनमें से 21 सड़कें चमोली में, 20 बागेश्वर में, 7 पिथौरागढ़ में, 7 रुद्रप्रयाग में और 6 नैनीताल जिले में हैं। इसके अतिरिक्त, एक राष्ट्रीय राजमार्ग, दो राज्य राजमार्ग और 47 पीएमजीएसवाई व ग्रामीण कार्य विभाग की सड़कें भी बंद हैं।
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हताहत और बचाव कार्य
इस मानसून सीजन में अब तक कुल 82 लोगों की जान जा चुकी है, जिनमें से अधिकांश मौतें भूस्खलन के कारण हुई हैं। 28 लोग अभी भी लापता हैं।
- उत्तरकाशी: सिलाई बैंड में हुए भूस्खलन से 2 मजदूरों की मौत हुई है और 7 लापता हैं। 20 लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया है।
- SDRF और NDRF: उत्तरकाशी में लापता मजदूरों की तलाश जारी है। चमोली और रुद्रप्रयाग में SDRF ने सैकड़ों फंसे हुए यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। बद्रीनाथ हाईवे पर मलबा हटाने के लिए जेसीबी मशीनें लगातार काम कर रही हैं।
सरकार और प्रशासन की कार्रवाई
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी जिला मजिस्ट्रेट और SDRF को हाई अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने उत्तरकाशी के बारकोट में हुए भूस्खलन के बाद तत्काल बचाव कार्य शुरू करने का आदेश दिया।
- चारधाम यात्रा पर प्रतिबंध: भारी बारिश और भूस्खलन के जोखिम को देखते हुए चारधाम यात्रा को 24 घंटे के लिए निलंबित कर दिया गया है। यात्रियों को सुरक्षा के लिए वैकल्पिक मार्गों और सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। चारधाम यात्रा मार्गों पर रात के समय वाहनों की आवाजाही पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है।
- मौसम चेतावनी और तैयारी: आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि IMD की सटीक मौसम भविष्यवाणी के आधार पर देहरादून, हरिद्वार, ऊधम सिंह नगर, नैनीताल और चंपावत जैसे पांच जिलों में बाढ़ की स्थिति से निपटने की तैयारी की जा रही है। IMD ने रविवार और सोमवार को चमोली, बागेश्वर, पिथौरागढ़ और रुद्रप्रयाग जैसे जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है।
नागरिकों से अपील
प्रशासन ने लोगों से भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में न जाने और अनावश्यक यात्रा से बचने की अपील की है। लोगों को आधिकारिक सूचनाओं का पालन करने और सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है। उत्तराखंड में स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सरकार और आपदा प्रबंधन टीमें दिन-रात काम कर रही हैं, लेकिन मौसम की अनिश्चितता चुनौतियों को बढ़ा रही है।