हरिद्वार: शनिवार को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरिद्वार में माया देवी मंदिर के प्रांगण से पवित्र छड़ी यात्रा को उत्तराखंड के चारों धामों के लिए रवाना किया। वैदिक विधि-विधान और मंत्रोच्चार के साथ हुए इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने पवित्र छड़ी का अभिषेक कर पूजा-अर्चना की और संतों का आशीर्वाद लिया।
मुख्यमंत्री ने इस यात्रा को आदि गुरु शंकराचार्य द्वारा शुरू की गई एक महान परंपरा बताया। उन्होंने कहा कि आठवीं शताब्दी में शंकराचार्य ने पूरे भारत में अद्वैत वेदांत का जो संदेश दिया, वह आज भी हमारी जड़ों को जोड़ता है। उन्होंने इस यात्रा को सनातन संस्कृति की व्यापकता और उत्तराखंड की अद्भुत विविधता और एकता का जीवंत प्रमाण भी बताया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में विकास के साथ-साथ सनातन संस्कृति के संरक्षण और पुनरुत्थान का कार्य चल रहा है। उन्होंने काशी विश्वनाथ, महाकाल लोक और अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का उल्लेख करते हुए इसे इसका स्पष्ट प्रमाण बताया। उन्होंने यह भी कहा कि हरिद्वार-ऋषिकेश कॉरिडोर के निर्माण के बाद हरिद्वार भी काशी और अयोध्या की तरह भव्य स्वरूप में नजर आएगा।
कुंभ 2027 की तैयारियां शुरू
मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि वर्ष 2027 में हरिद्वार में कुंभ का आयोजन होना है और इसकी तैयारियां अभी से शुरू कर दी गई हैं। उन्होंने कहा कि यह कुंभ भव्य और दिव्य रूप से आयोजित किया जाएगा और इसके लिए सभी अखाड़ों के प्रतिनिधियों से सुझाव लिए जा रहे हैं।
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‘ऑपरेशन कालनेमि’ जारी रहेगा
सीएम धामी ने कहा कि देवभूमि के मूल स्वरूप को बनाए रखने के लिए “ऑपरेशन कालनेमि” जारी रहेगा। उन्होंने लोगों को लैंड जिहाद, लव जिहाद, थूक जिहाद, अवैध मजार जिहाद, नशा जिहाद, धर्मांतरण जिहाद, डेमोग्राफिक जिहाद, अवैध मदरसा जिहाद और वोट जिहाद जैसे षड्यंत्रों से सावधान रहने की बात कही।
70 साल बाद फिर शुरू हुई यात्रा
इस मौके पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री महंत हरि गिरि ने बताया कि लगभग 70 साल तक बाधित रही इस यात्रा को 2019 में उनके प्रयासों से फिर से शुरू किया गया था। उन्होंने बताया कि यह यात्रा यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ होते हुए कुमाऊं मंडल के तीर्थ स्थलों से गुजरकर वापस हरिद्वार के जूना अखाड़े में लौटेगी।
कार्यक्रम में जूना अखाड़ा के महामंत्री हरिगिरि महाराज और निरंजनी अखाड़ा के पीठाधीश्वर कैलाशानंद गिरी महाराज ने भी मुख्यमंत्री धामी के कार्यों की सराहना की। इस अवसर पर अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविन्द्र पुरी महाराज ने कार्यक्रम का संचालन किया।
