Friday, April 11, 2025
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उत्तराखंड का घेस गांव सपनो की दुनिया ख्वाबों का देश

उत्तराखंड का घेस गांव: घेस गांव (ghes village Uttarakhand) उत्तराखंड का हर्बल गांव के नाम से प्रसिद्ध है। हिमालय की तलहटी में बसा यह गांव जड़ी बूटियों के साथ-साथ अपनी नैसर्गिक सुन्दरता के लिए प्रसिद्ध है। इसे जड़ी बूटियों वाला गांव भी कहते हैं। घेस गांव हिमालय के नजदीक चमोली जिले के देवाल ब्लॉक में स्थित है। इस गांव के लिए एक प्रसिद्ध कहावत है। घेस जिसके आगे नहीं देश ।

घेस गांव
फ़ोटो साभार राजेश कुमार घुमक्कड़ी दिल से ।

जड़ी-बूटियों का उत्पादन होता है –

घेस गांव मे परम्परागत खेती के साथ जड़ी बूटीयों का उत्पादन भी किया जाता है। ग्रामवासी अतीस,कटकी, कर, पुष्करगोल, चिरायता और वन ककड़ी जैसी जड़ी बूटीयों का उत्पादन करके उन्हें उचित दामों पर बेचते भी हैं।

यहां परम्परागत खेती के साथ-साथ आधुनिक खेती भी शुरू की जा रही है।  परम्परागत राजमा, चौलाई आदी का उत्पादन अच्छी मात्रा मे हो रहा है। जड़ी बूटीयों की खेती और फसल की खेती यहा मुख्य स्वरोजगार का साधन है।

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घेस गांव

प्राकृतिक सुन्दरता का खजाना है घेस गांव –

हिमालय की तलहटी मे बसा घेस गांव प्राकृतिक सुन्दरता का खजाना है। यहां से बर्फ से ढकी हरदेवल, त्रिशूल, नंदा, घुंगटी और बगची बुग्याल के मनोरंम नजारे दिखाई देते है। प्राकृतिक सुन्दरता का आनंद लेने के लिए उपयुक्त है।

यहां का प्रमुख आकर्षण का केंद्र बागची बुग्याल है । यहां से हिमालय की चोटियां ऐसे दिखती हैं मानो हाथ बढ़ाओ और छू लो। यदि आप थोड़ी असुविधाओं में कंप्रोमाइज कर सकते हो तो, उत्तराखंड की यह ऑफबीट डेस्टिनेशन आपके लिए सपनों का देश बन सकता है।

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घेस गांव

बागची बुग्याल:-

यह बुग्याल घेस गांव से लगभग 13 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। ये बुग्याल प्राकृतिक सुंदरता का खजाना है। इस बुग्याल को 2022 में ट्रैक ऑफ द ईयर घोषित किया जा चुका है। यह अभी तक छुपी हुई डेस्टिनेशन में से एक है। बागची बुग्याल बागेश्वर और चमोली से लगा हुआ है।

यह बुग्याल समुद्रतट से लगभग 12 हजार फीट ऊँचाई पर है ।बागची बुग्याल की ट्रकिंग घेस गांव से शुरू होती है । यहां 4 किमी के दायरे में फैली फूलों की बेल्ट अद्भुत शांति देती है। जाड़ो में बर्फ से ढका मैदान अलग ही सुख देता है।

घेस गांव

कैसे पहुँचें घेस गांव-

देहरादून से ऋषिकेश-बद्रीनाथ नेशनल हाईवे पर कर्णप्रयाग से इस गाँव के लिए सड़क जाती है । घेस देहारादून से 300 किमी और ऋषिकेश से 269 किमी की दूरी पर स्थित है।कर्णप्रयाग से ग्वालदम नेशनल हाइवे पर थराली बाजार के बाद इस गाँव के लिए अलग सड़क जाती है। थराली से देवाल ब्लॉक पहुँचाना होता है और फिर देवाल से आगे घेस गाँव के लिए करीब 26 किमी की दूरी पर ये गाँव स्थित है।

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Bikram Singh Bhandari
Bikram Singh Bhandarihttps://devbhoomidarshan.in/
बिक्रम सिंह भंडारी, देवभूमि दर्शन के संस्थापक और प्रमुख लेखक हैं। उत्तराखंड की पावन भूमि से गहराई से जुड़े बिक्रम की लेखनी में इस क्षेत्र की समृद्ध संस्कृति, ऐतिहासिक धरोहर, और प्राकृतिक सौंदर्य की झलक स्पष्ट दिखाई देती है। उनकी रचनाएँ उत्तराखंड के खूबसूरत पर्यटन स्थलों और प्राचीन मंदिरों का सजीव चित्रण करती हैं, जिससे पाठक इस भूमि की आध्यात्मिक और ऐतिहासिक विरासत से परिचित होते हैं। साथ ही, वे उत्तराखंड की अद्भुत लोककथाओं और धार्मिक मान्यताओं को संरक्षित करने में अहम भूमिका निभाते हैं। बिक्रम का लेखन केवल सांस्कृतिक विरासत तक सीमित नहीं है, बल्कि वे स्वरोजगार और स्थानीय विकास जैसे विषयों को भी प्रमुखता से उठाते हैं। उनके विचार युवाओं को उत्तराखंड की पारंपरिक धरोहर के संरक्षण के साथ-साथ आर्थिक विकास के नए मार्ग तलाशने के लिए प्रेरित करते हैं। उनकी लेखनी भावनात्मक गहराई और सांस्कृतिक अंतर्दृष्टि से परिपूर्ण है। बिक्रम सिंह भंडारी के शब्द पाठकों को उत्तराखंड की दिव्य सुंदरता और सांस्कृतिक विरासत की अविस्मरणीय यात्रा पर ले जाते हैं, जिससे वे इस देवभूमि से आत्मिक जुड़ाव महसूस करते हैं।
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