आज आपको उत्तराखंड के एक ऐसे हिल स्टेशन के बारे में बताने जा रहे हैं ,जो भीड़ भाड़ से दूर एकदम शांत और सुकून भरा स्थान है। जिसका नाम है घेस गांव।

हिमालय की तलहटी में बसा यह गांव जड़ी बूटियों के साथ-साथ अपनी नैसर्गिक सुन्दरता के लिए प्रसिद्ध है। इसे जड़ी बूटियों वाला गांव भी कहते हैं।

घेस गांव हिमालय के नजदीक चमोली जिले के देवाल ब्लॉक में स्थित है।इस गांव के लिए एक प्रसिद्ध कहावत है। घेस जिसके आगे नहीं देश ।

घेस गांव मे परम्परागत खेती के साथ जड़ी बूटीयों का उत्पादन भी किया जाता है। ग्रामवासी जड़ी बूटीयों का उत्पादन करके उन्हें उचित दामों पर बेचते भी हैं

हिमालय की तलहटी मे बसा घेस गांव प्राकृतिक सुन्दरता का खजाना हैयहां से बर्फ से ढकी हरदेवल, त्रिशूल, नंदा, घुंगटी और बगची बुग्याल के मनोरंम नजारे दिखाई देते है।

यहां का प्रमुख आकर्षण का केंद्र बागची बुग्याल है । यहां से हिमालय की चोटियां ऐसे दिखती हैं मानो हाथ बढ़ाओ और छू लो। ये बुग्याल प्राकृतिक सुंदरता का खजाना है।

इस बुग्याल को 2022 में ट्रैक ऑफ द ईयर घोषित किया जा चुका है । यह अभी तक छुपी हुई डेस्टिनेशन में से एक है। 

बागची बुग्याल की ट्रकिंग घेस गांव से शुरू होती है । यहां 4 किमी के दायरे में फैली फूलों की बेल्ट अद्भुत शांति देती है। जाड़ो में बर्फ से ढका मैदान अलग ही सुख देता है।

कैसे पहुँचें घेस गांव -

देहरादून से ऋषिकेश-बद्रीनाथ नेशनल हाईवे पर कर्णप्रयाग से इस गाँव के लिए सड़क जाती है । घेस देहारादून से 300 किमी और ऋषिकेश से 269 किमी की दूरी पर स्थित है।

कर्णप्रयाग से ग्वालदम नेशनल हाइवे पर थराली बाजार के बाद इस गाँव के लिए अलग सड़क जाती है। थराली से देवाल ब्लॉक पहुँचाना होता है और फिर देवाल से 26 किमी दूर है घेस गांव।