मसूरी: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज मसूरी गोलीकांड की 31वीं बरसी पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने शहीद स्मारक पर आयोजित एक कार्यक्रम में उत्तराखंड राज्य आंदोलन के दौरान शहीद हुए बलबीर सिंह नेगी, बेलमती चौहान, हंसा धनाई, धनपत सिंह, राय सिंह बंगारी और मदन मोहन ममगई को याद किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने शहीदों के परिजनों को भी सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि 2 सितंबर 1994 का दिन उत्तराखंड के इतिहास में एक काला अध्याय है, जब शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे आंदोलनकारियों को पुलिस की गोलियों का शिकार होना पड़ा। उन्होंने इसे तत्कालीन सरकार के दमनकारी रवैये का प्रतीक बताया।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उनकी सरकार राज्य आंदोलनकारियों के सपनों का उत्तराखंड बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने आंदोलनकारियों और उनके परिवारों के कल्याण के लिए उठाए गए कदमों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि सरकार ने सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण लागू किया है। इसके अलावा, शहीद आंदोलनकारियों के परिवारों को ₹3,000 मासिक पेंशन, घायल और जेल गए आंदोलनकारियों को ₹6,000 और सक्रिय आंदोलनकारियों को ₹4,500 प्रतिमाह पेंशन दी जा रही है।
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पूर्व की सरकारों से अलग, अब नए कानून के तहत चिन्हित आंदोलनकारियों की परित्यक्ता, विधवा और तलाकशुदा पुत्रियों को भी आरक्षण का लाभ मिलेगा। सरकार ने 93 आंदोलनकारियों को सरकारी सेवा में भी समायोजित किया है। साथ ही, आंदोलनकारियों के बच्चों को स्कूल और कॉलेजों में मुफ्त शिक्षा और सरकारी बसों में मुफ्त यात्रा की सुविधा भी दी जा रही है। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि सरकारी नौकरियों में महिलाओं के लिए 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण लागू किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड आंदोलनकारियों का सपना एक ऐसा राज्य था, जहां हमारी संस्कृति, भाषा और परंपराएं सुरक्षित रहें। इसी सपने को साकार करने के लिए सरकार ने समान नागरिक संहिता (UCC) लागू की है। उन्होंने युवाओं को रोजगार में पारदर्शिता देने के लिए देश का सबसे सख्त नकल विरोधी कानून लागू करने का भी जिक्र किया, जिसके बाद 25,000 से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरियां मिली हैं।
कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने मसूरी में तहसील बनाने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया और क्षेत्र की अन्य मांगों को उनके सामने रखा। इस अवसर पर पालिकाध्यक्ष मीरा सकलानी, दर्जाधारी सुभाष बड़थ्वाल और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि उत्तराखंड आंदोलन के प्रमुख नेता स्वर्गीय इंद्रमणि बड़ोनी की जन्मशताब्दी भव्य तरीके से मनाई जाएगी।
