ऋषिकेश। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने ऋषिकेश में आयोजित “सरस आजीविका मेले” का लोकार्पण किया और राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था तथा महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने वाली कई पहलों को हरी झंडी दिखाई। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) के क्लस्टर लेवल फेडरेशन (C.L.F.) हेतु ₹1.20 करोड़ की लागत से 12 आर्थिक गतिविधियों का लोकार्पण किया। इसके अतिरिक्त, उन्होंने 10 अन्य सी.एल.एफ. के लिए ₹1 करोड़ की प्रस्तावित आर्थिक गतिविधियों का शिलान्यास भी किया।
टेक्नोलॉजी से ग्रामीण शिक्षा को बढ़ावा
मेले के उद्घाटन के साथ ही, मुख्यमंत्री ने ‘Rising Tehri – Physics Wala Online Coaching Class’ का भी लोकार्पण किया। यह पहल ग्रामीण युवाओं के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसके माध्यम से वे अब अपने गाँव-घर में रहते हुए भी JEE और NEET जैसी प्रतिष्ठित प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी कर सकेंगे। मुख्यमंत्री ने ग्राम्य विकास विभाग और जिला प्रशासन द्वारा ‘ग्रामोत्थान परियोजना’ के अंतर्गत की गई इस पहल की विशेष रूप से सराहना की।
‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘वोकल फॉर लोकल’ का मंच
मुख्यमंत्री धामी ने ‘सरस आजीविका मेले’ को ग्रामीण क्षेत्रों की समृद्ध सांस्कृतिक परम्परा, कौशल और उद्यमिता को प्रदर्शित करने वाला एक अनूठा प्रयास बताया। उन्होंने कहा कि ऐसे मेले प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के “आत्मनिर्भर भारत” और “वोकल फॉर लोकल” के मंत्र को साकार करने में सहायक सिद्ध होते हैं।
उन्होंने जोर दिया कि मेलों के माध्यम से ग्रामीण कारीगरों, महिला स्वयं सहायता समूहों (SHGs), हस्तशिल्पियों और उद्यमियों को राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय बाजारों से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने उपस्थित लोगों से स्वयं सहायता समूहों द्वारा लगाए गए स्टॉलों से “स्वदेशी अपनाओ” के संदेश को अपनाकर अपने गाँव, प्रदेश और देश में बने उत्पादों को प्राथमिकता देने का संकल्प लेने का आह्वान किया।
लखपति दीदी योजना बनी सशक्तिकरण का आधार
मुख्यमंत्री ने महिला सशक्तिकरण को सरकार की प्राथमिकता बताते हुए ‘लखपति दीदी योजना’, ‘मुख्यमंत्री सशक्त बहना उत्सव योजना’ और ‘मुख्यमंत्री महिला स्वयं सहायता समूह सशक्तिकरण योजना’ का विशेष उल्लेख किया।
- उन्होंने बताया कि ‘लखपति दीदी योजना’ के तहत राज्य की 1.65 लाख से अधिक महिलाएं ‘लखपति’ बनने का गौरव प्राप्त कर चुकी हैं।
- ‘मुख्यमंत्री सशक्त बहना उत्सव योजना’ के अंतर्गत महिलाओं ने लगभग 2000 स्टॉल लगाकर ₹5.5 करोड़ का विपणन किया है, जो उद्यमशीलता की एक नई मिसाल है।
- सरकार द्वारा लॉन्च किए गए ‘हाउस ऑफ हिमालयाज’ ब्रांड के माध्यम से राज्य के स्थानीय उत्पाद अब विश्व के कोने-कोने तक पहुंच रहे हैं।
वर्तमान में, ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत 68 हजार से अधिक SHGs में 5 लाख से अधिक सदस्य जुड़े हैं, साथ ही, साढ़े सात हजार से अधिक ग्राम संगठन और 534 क्लस्टर स्तर के संगठन भी बनाए गए हैं।
महिला किसानों के लिए विशेष प्रयास
मुख्यमंत्री ने महिला किसानों को सशक्त बनाने की प्रतिबद्धता भी दोहराई। उन्होंने बताया कि फार्म लाइवलीहुड और महिला किसान सशक्तिकरण योजना के तहत राज्य की 3 लाख से अधिक महिला किसानों की क्षमता और कौशल का विकास किया गया है। इसके अलावा:
- 2.5 लाख एग्रीन्यूट्री गार्डन और किचन गार्डन की स्थापना की गई है।
- लगभग 500 फार्म मशीनरी बैंक उपलब्ध कराए गए हैं।
- सरकार 5 हजार से अधिक महिला किसानों को आर्गेनिक खेती से जोड़ने का कार्य भी कर रही है।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि इन सभी प्रयासों के कारण आज मातृशक्ति आत्मनिर्भरता की नई कहानी लिख रही हैं, जो इस सरस मेले में स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री श्री गणेश जोशी और श्री सुबोध उनियाल सहित स्वयं सहायता समूह के सदस्य, ग्रामीण उद्यमी तथा स्थानीय लोग उपस्थित रहे।
