रामनगर। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने रामनगर में उत्तराखंड राज्य स्थापना की रजत जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में आयोजित राज्य स्तरीय जन-वन महोत्सव का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने वन्यजीव संरक्षण को देवभूमि की संस्कृति का अभिन्न अंग बताया और कहा कि प्रकृति का संरक्षण हमारे संस्कारों में समाहित है।
जनता और जंगलों का अटूट रिश्ता
मुख्यमंत्री धामी ने ‘जन-वन महोत्सव’ को जनता और जंगलों के बीच के अटूट रिश्ते का प्रतीक बताया। उन्होंने स्पष्ट किया कि विकास तभी सार्थक है, जब पारिस्थितिकी और आर्थिकी के बीच सामंजस्य बना रहे। उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वजों द्वारा दी गई मानव और प्रकृति के सह-अस्तित्व की विचारधारा आज भी हमारी जीवनशैली का आधार है।
चिपको आंदोलन और महिला सशक्तिकरण
मुख्यमंत्री ने वर्ष 1973 में चमोली जिले में हुए ऐतिहासिक चिपको आंदोलन का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की महिलाओं ने पेड़ों से लिपटकर जो संदेश दिया, उसने विश्वभर में पर्यावरण संरक्षण को नई दिशा दी। यह आंदोलन महिला सशक्तिकरण, सत्याग्रह और पर्यावरण प्रेम का प्रतीक बन गया।
इकोलॉजी, इकोनॉमी और टेक्नोलॉजी पर फोकस
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में राज्य सरकार इकोलॉजी, इकोनॉमी और टेक्नोलॉजी के संतुलन पर काम कर रही है। राज्य गठन के 25 वर्षों में उत्तराखंड ने प्रकृति, संस्कृति और विकास का संतुलन बनाए रखते हुए उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं। उन्होंने कहा कि राज्य की हरियाली, समृद्ध जैव विविधता और वन्य जीव हमारी पहचान हैं।
वन्य जीव संरक्षण के लिए आधुनिक तकनीकों का उपयोग:
- जीपीएस ट्रैकिंग
- ड्रोन सर्विलांस
- डॉग स्क्वॉड
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इको-टूरिज्म और स्थानीय रोजगार
मुख्यमंत्री ने इको-टूरिज्म मॉडल पर तेजी से काम करने की बात कही, जिसका उद्देश्य स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान करना और पर्यावरण को नुकसान से बचाना है। उन्होंने बताया कि बिजरानी, गिरिजा और ढिकुली जोन को आधुनिक रूप में विकसित किया गया है, जिससे हजारों ग्रामीणों को प्रत्यक्ष रोजगार मिला है।
उद्यम के रूप में विकसित किए जा रहे कौशल:
- नेचर गाइड
- ड्रोन पायलट
- वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर
- वाइल्डलाइफ टूरिज्म आधारित कौशल
महत्वपूर्ण घोषणाएँ
इस अवसर पर मुख्यमंत्री धामी ने रामनगर क्षेत्र के लिए कई विकास कार्यों की घोषणाएँ की:
- ग्राम लेती-चोपड़ा को नए राजस्व ग्राम के रूप में विकसित कर मूलभूत सुविधाएँ (पानी, बिजली, शिक्षा, सड़क, स्वास्थ्य) उपलब्ध कराना।
- ग्राम भलौन में सिंचाई व पेयजल ट्यूबवेल की स्थापना।
- तुमड़िया रोड को मालधन से जोड़ा जाना।
- पर्यटन सत्र 2025-26 में महिला जिप्सी चालकों के विशेष प्रशिक्षण के बाद शेष पंजीकरण पूर्ण किए जाना।
- नगर वन में लाइट एंड साउंड शो शीघ्र प्रारंभ किया जाना।
- रामनगर में सामुदायिक सोवेनियर शॉप का निर्माण कर स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहन देना।
अन्य उपस्थितगण एवं कार्यक्रम
वन मंत्री श्री सुबोध उनियाल ने कहा कि राज्य सरकार वन एवं वन्य जीव संरक्षण के साथ स्थानीय आजीविका बढ़ाने पर निरंतर काम कर रही है। प्रमुख सचिव, वन श्री आर.के. सुधांशु ने वन संरक्षण और मानव-वन्य जीव संघर्ष की रोकथाम की योजनाओं की जानकारी दी।
मुख्यमंत्री ने इस दौरान ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के तहत पौधा रोपित किया और वन विभाग के विभिन्न स्टालों व महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा लगाए गए स्टालों का निरीक्षण किया। उन्होंने नगर वन में स्कूली बच्चों द्वारा तैयार की गई चित्रकला और कलाकृतियों का अवलोकन कर उनकी रचनात्मकता की सराहना की।
कार्यक्रम में विधायक श्री दीवान सिंह बिष्ट, अध्यक्ष, अनुसूचित जाति आयोग श्री मुकेश कुमार, प्रमुख वन संरक्षक डॉ. समीर सिन्हा सहित बड़ी संख्या में स्थानीय जनप्रतिनिधि, अधिकारी, विद्यार्थी और नागरिक उपस्थित रहे।
