गढ़ देवी या गड़देवी उत्तराखंड की प्रमुख देवी है। यह देवी सम्पूर्ण उत्तराखंड में नाथपंथी देवताओं के साथ अलग अलग रूप…
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लोक कथाएँ वर्ग में हमने ,उत्तराखंड तथा अन्य राज्यों लोक कथाओं का परिचय और संकलन किया है। इस कैटिगरी में देवभूमी दर्शन टीम की कोशिश है कि, प्राचीन समय मे दादा दादी द्वारा सुनाई जाने वाली लोककथाओं को यथार्थ रूप में आधुनिक डिजिटल माध्य्म द्वारा प्रसिद्ध लोक कथाओं को आपके बीच मे लाने का पुण्य प्रयास है।
इस कैटिगरी में अभी तक बहुत सी उत्तराखंड की लोक कथाओं का संकलन हो गया है। देवभूमी दर्शन से कुमाउनी लोक कथा और गढ़वाली लोक कथा सुनाने का उद्देश्य मात्र यही है कि । लोगो को अपने बचपन की याद ताजा हो और अपने पहाड़ प्रेम का अहसास हो। तो मित्रों उत्तराखंड की लोक कथाएँ पढ़े और शेयर अवश्य करे। कथाएं पढ़ने के लिए इसी कालम में आगे बढ़े। इसके साथ साथ हम इस कॉलम में देश की अन्य राज्यों की लोक कथाओं व् बच्चों की शिक्षाप्रद कहानियों का संकलन कर रहें हैं।
तीन तीतरी तीन तीन लोक कथा – मित्रों उत्तराखंड की सम्रद्ध प्रकृति में विचरण करने वाले पक्षियों की ध्वनि से…
काफल उत्तराखंड का एक प्रसिद्ध जंगली फल है। यह फल हिमालयी पहाड़ो में प्रतिवर्ष अप्रैल और मई में होता है।…
मित्रों कहा जाता है कि , पहाड़ों में होने वाले प्रमुख वृक्ष चीड़ के पेड़ को श्राप (फिटकार ) मिला…
अल्मोड़ा विश्वनाथ घाट जितना ज्यादा प्रसिद्ध है। उससे भी कई गुना अधिक प्रसिद्ध है ,इस घाट के भूतों की कहानी…
आर्किड के फूल, लोक कथा हिमालयी राज्य अरुणाचल प्रदेश की प्रसिद्ध लोककथा है। देवभूमी दर्शन की कोशिश है, उत्तराखंड की…
मित्रों आज आपके लिए उत्तराखंड के कुमाऊं और गढ़वाल दोनो मंडलों में सुनाई जाने वाली लोक कथा लाएं है। यदि…
प्रस्तुत लेख में हम कोशिश करेंगे कि बेतालघाट के पूजनीय लोकदेवता एवं बेतालघाट के क्षेत्रपाल नकुवा बुबु जी की रोचक…
अब पहाड़ भी शहरों की तरह विकसित हो गए हैं। गावों में मोबाइल टावर लग चुके हैं। लोगो का मिलकर…
ऐड़ी देवता उत्तराखंड के कुमाऊँ क्षेत्र के लोक देवता हैं। उन्हें वन देवता के रूप में पूजा जाता है। कहते…