कुमाऊनी जागर ( Kumauni jagar ) : जागर उत्तराखंड की समृद्ध संस्कृति की एक अद्वितीय पहचान है। उत्तराखंड में जागर…
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गोलू देवता ,ग्वल्ल ,गोरिया आदि नामों से विख्यात कुमाऊं के लोकदेवता गोलू देवता न्यायकारी देव के रूप में पूजित हैं।…
उत्तराखंड देवभूमि के रूप में पुरे विश्व में प्रसिद्ध है। यहाँ सनातन धर्म की प्रसिद्ध नदियों के उद्गम से लेकर…
गाती धोती :- गाती धोती गढ़वाल के उच्च हिमालयी क्षेत्रों के परिधान का एक परम उपयोगी अंगवस्त्र होता है, जो…
जी रया जागी रया ( ji raya jagi raya ) – उत्तराखंड के दोनों मंडल, कुमाऊँ मंडल और गढ़वाल मंडल…
घात डालना – वैसे तो घात लगाने का सामान्य अर्थ होता है, ‘शिकायत, चुगली करना अथवा किसी व्यक्ति के द्वारा…
हरेला पर्व धीरे -धीरे उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र का लोकपर्व न होकर पुरे प्रदेश और देश के कई हिस्सों में…
घंटाकर्ण देवता : बद्रीनाथ के मंदिर के दाहिनी ओर परिक्रमा में बिनाधड़ की एक मूर्ति है जिसे घंटाकर्ण की मूर्ति…
गढ़वाली बेड़ा गायक या बेड़ा नामों से पुकारी जाने वाली यह उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल की गायन -वादन करने वाली…
देहली ऐपण :- प्रवेशद्वार के अधस्तल (देहली) पर किये जाने वाले ऐपणों को ‘देहली ऐपण’ या ‘देहली (धेई) लिखना’ कहा…