Author: Pramod Bhakuni

इस साइट के लेखक प्रमोद भाकुनी उत्तराखंड के निवासी है । इनको आसपास हो रही घटनाओ के बारे में और नवीनतम जानकारी को आप तक पहुंचना पसंद हैं।

नई दिल्ली। साल 2022 के लिए ‘साहित्य अकादमी संस्कृत बाल साहित्य पुरस्कार’ तथा ‘साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार’ की घोषणा कर दी गयी है। सीएसयू, दिल्ली के कुलपति प्रो श्रीनिवास वरखेड़ी ने प्रो कुलदीप शर्मा तथा श्रुति कानिटकर को क्रमश: उनकी संस्कृत कृति ‘सचित्रम् प्रहेलिकाशतकम, (कविता,बाल साहित्य) तथा ‘श्रीमतीचरित्रम्'(कविता,युवा पुरस्कार) पर मिले राष्ट्र्रीय सम्मान के लिए बधाई दी है। ‘प्रहेलिकाशतकम्’ को संस्कृत के एक अभिनव शैली का संस्कृत बाल साहित्य माना जा सकता। कुलपति ने अन्य विजेताओं को भी बधाई दी है। कुलपति प्रो वरखेड़ी ने कहा है कि ऐसी लब्धप्रतिष्ठ पुरस्कार योजनाओं से भारतीय साहित्य के लेखन तथा उसके संरक्षण…

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दूनागिरी माता का भव्य मंदिर – उत्तराखण्ड राज्य के अल्मोड़ा जिले के द्वाराहाट क्षेत्र से 15 km आगे मां दूनागिरी मंदिर (Dunagiri temple ) अपार आस्था का केंद्र है । कुमांऊँ क्षेत्र के अल्मोड़ा जिले में एक पौराणिक पर्वत शिखर का नाम है, द्रोण, द्रोणगिरी, द्रोण-पर्वत, द्रोणागिरी, द्रोणांचल, तथा द्रोणांचल-पर्वत । वैसे तो मंदिर के बारे मे बहुत सी कथाये प्रचलित है।जिससे यहाँ माँ वैष्णव के विराजमान होने का प्रतीक मिलता है । दूनागिरी मंदिर पौराणिक महत्त्व – द्रोणागिरी को पौराणिक महत्त्व के सात महत्वपूर्ण पर्वत शिखरों में से एक माना जाता है। दूनागिरी पर्वत पर अनेक प्रकार की वनस्पतियॉं…

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पाताल भुवनेश्वर गुफा मंदिर उत्तराखंड – भगवान शिव के बहुत से मंदिर व गुफाएं हैं, जो अपने आप मे चमत्कारी, ऐतिहासिक व रहस्यमयी हैं। ऐसी ही एक गुफा उत्तराखंड के गांव भुवनेश्वर में स्थित है।उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में बना ये पाताल भुवनेश्वर गुफा मंदिर जिसमे भक्तों कि असीम आस्था है। उत्तराखंड पिथौरागढ़ जिले के गंगोलीहाट के भुवनेश्वर गांव मे स्थित है। यह गुफा  समुद्र तल से 1350 किलोमीटर की ऊंचाई पर है। यह गुफा गंगोलीहाट तहसील से 16 किमी दूर है। पाताल भुवनेश्वर गुफ़ा किसी आश्चर्य से कम नहीं है। यह गुफा प्रवेश द्वार से 160 मीटर लंबी और…

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भारत रत्न से सम्मानित पंडित गोविन्द बल्लभ पन्त की जीवनी – भारत रत्न से सम्मानित पंडित गोविन्द बल्लभ पन्त का जन्म 10 सितम्बर 1887 को  उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिला, के ग्राम खूंट, मे हुआ था। इनकी माँ का नाम गोविन्दी बाई और पिता का नाम मनोरथ पन्त था। बचपन में ही पिता की मृत्यु हो जाने के कारण उनकी परवरिश उनके नाना श्री बद्री दत्त जोशी ने की थी । प्रसिद्ध स्वतन्त्रता सेनानी और वरिष्ठ भारतीय राजनेता थे। वे उत्तर प्रदेश राज्य के प्रथम मुख्य मन्त्री और भारत के चौथे गृहमंत्री थे। सन 1957 में उन्हें भारतरत्न से सम्मानित किया…

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देवभूमि उत्तराखंड में होती है, भूमिया देवता की पूजा। उत्तराखंड के लगभग हर गांव मे होती हैै। इन्हें भूमि मे उगने वाली फसलों को जंगली जानवरों और प्राकृतिक आपदाओ से बचाने व रक्षा करने के लिए भूमि देवता के रुप मे पूजा जाता है। भूमि देवता के मंदिर आपको हर गाँव में मिलेगा। इस देवता को भूमि का रक्षक देवता माना जाता है। कौन हैं भूमिया देवता – भूमि के देवता के रूप में जिमदार, भूमियाँ व क्षेत्रपाल, इन तीन नामों से पूजा जाता है। भूमिया जो भूमि का स्वामी, गाँव का रक्षक, पशुओं तथा खेती की देखभाल करने वाला…

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कोसी नदी के बीच स्थित माता का अनोखा मंदिर,गर्जिया मंदिर के बारे में – कोसी नदी के बीच स्थित माता का अनोखा मंदिर ‘गर्जिया देवी मन्दिर’ उत्तराखण्ड के सुंदरखाल गाँव में स्थित है।जो माता पार्वती के प्रमुख मंदिरों में से एक है। मंदिर छोटी पहाड़ी के ऊपर बना हुआ है। जहाँ का खूबसूरत वातावरण शांति एवं रमणीयता का एहसास दिलाता है। यह मंदिर श्रद्धा एवं विश्वास का अद्भुत उदाहरण है। उत्तराखण्ड का यह अनोखा मंदिर रामनगर से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।देवी के प्रसिद्ध मन्दिरों में गिरिजा देवी (गर्जिया देवी) का स्थान अद्वितीय है। गिरिराज हिमालय की…

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रानीखेत झूला देवी मंदिर के बारे में :- अल्मोड़ा जिले के रानीखेत क्षेत्र के चौबटिया नामक स्थान में स्थित प्रसिद्ध धार्मिक,लोकप्रिय माँ झूला देवी मंदिर रानीखेत शहर से 7 कि.मी. की दुरी पर स्थित एक लोकप्रिय पवित्र एवम् धार्मिक मंदिर है। यह मंदिर माँ दुर्गा को समर्पित है एवम् इस मंदिर को झुला देवी के रूप में नामित किया गया है। स्थानीय लोगों के अनुसार यह मंदिर 700 वर्ष पुराना है। यह दुर्गा माता का एक छोटा सा प्राचीन मन्दिर है, जिसका निर्माण 8 वीं शताब्दी में हुआ था। मंदिर में माता एक लकड़ी के झूले पर विराजमान है। इसलिए…

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डोल आश्रम ऊंचे-ऊँचे पहाड़ों के बीच तथा हरे भरे घने जंगलों के बीच में स्थित है। ताजी खुली हवा,हरे भरे विशाल पेड़ ,पक्षियों का मधुर कलरव तथा यहां का प्राकृतिक सौंदर्य ऐसा है कि हर किसी का मन मोह ले। प्रकृति की गोद में बसे डोल आश्रम में आने वाले लोगों के मन को एक अजीब सी शांति का अनुभव होता है। यहां आकर वो अपनी सारी परेशानियों को भूलकर डोल आश्रम व यहां की हरी-भरी वादियों के बीच खो जाते हैं। यह जगह मन को बहुत सुकून और शांति प्रदान करती हैं। यहां आकर लोग अपने आप को एकदम…

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उत्तराखंड एक पहाड़ी प्रदेश है। यहाँ की ऊँची नीची पगडंडियों पर माउंटेन बाइकिंग का एक अलग ही आनंद मिलता है। माउंटेन बाइकिंग एक साहसिक पर्यटन है। पहाड़ों की रमणीक वादियों में उबड़ -खाबड़ ट्रेल में ताज़ी हवा के झोकों के साथ हिमालयी चोटियों के मनोरम दृश्यों आनंद लेते हुए साईकिल दौड़ाना एक अनोखा अनुभव होगा। माउंटेन बाइकिंग क्या है ? मॉन्टेन्ट बाइकिंग एक ऑफ़ रोड साईकिल रेस है जिसे उबड़-खाबड़ ऊँचे ,नीची पगडंडियों या पहाड़ियों पर की जाती है। यह एक साहसिक खेल होता है। इसमें विशेष रूप से डिजाइन की गई माउंटेन बाइक( खास साईकिल ) का इस्तेमाल किया…

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स्कीइंग बर्फ से भरी ढलान पर खेला जाने वाला एक साहसिक खेल है। बर्फीली चोटियों की ढलानों पर दुनियाभर के  शौकीन खिलाडी इस साहसिक खेल का आनंद लेते हैं। उत्तराखंड में स्कीइंग – स्कीइंग जैसे साहसिक खेल के शौकीनों के लिए उत्तराखंड एक आदर्श स्थान है। यहाँ के बर्फीले पहाड़ और उनकी तलहटियाँ इस साहसिक खेल के लिए बिलकुल परफैक्ट हैं। उत्तराखंड में गलेशियरों के बीच के खुले बर्फ के ढलवा मैदान यहाँ अधिक से अधिक स्कीयरों को आकर्षित करते हैं। उत्तराखंड की बर्फीली ढलानों के बीच यह खेल नवंबर से मार्च के बीच खेला जाता है। उत्तराखंड के प्रसिद्ध…

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