देहरादून। अपनी विभिन्न मांगों को लेकर उत्तराखंड राज्य आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ का विरोध प्रदर्शन और क्रमिक अनशन लगातार 11वें दिन भी जारी रहा। सरकार की कथित उदासीनता से नाराज आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने अब आंदोलन को और उग्र करने का निर्णय लिया है। संघ ने सरकार को सीधी चेतावनी देते हुए ऐलान किया है कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे आगामी 2 दिसंबर 2025 को सचिवालय का घेराव करेंगी।
विदित हो कि आंगनबाड़ी कर्मचारी अपनी समस्याओं के समाधान के लिए विगत 14 नवंबर से अनशन पर बैठी हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सरकार कुम्भकरणीय नींद में सोई हुई है और अब उसे जगाने के लिए ‘आर-पार की लड़ाई’ लड़ने का समय आ गया है।
‘महिलाओं के लिए विफल साबित हुई सरकार’ संघ की प्रदेश अध्यक्ष सुशीला खत्री ने धरने को संबोधित करते हुए राज्य सरकार पर तीखे प्रहार किए। उन्होंने कहा कि यह सरकार महिलाओं के लिए पूरी तरह विफल साबित हुई है। खत्री ने राज्य निर्माण आंदोलन की याद दिलाते हुए कहा, “उत्तराखंड पृथक राज्य निर्माण के आंदोलन में महिलाओं ने अपनी सक्रिय भूमिका निभाई थी और जिस उद्देश्य से उत्तराखंड के निर्माण को लेकर महिलाओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया और प्राणों की आहुति दी, उस स्वप्न के राज्य की एक झलक भी आज देखने को नहीं मिल रही है।”
अतिरिक्त कार्य के बदले नहीं मिल रहा उचित दाम आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा कि उनसे उनके मूल विभाग के अलावा अन्य विभागों का काम भी लिया जा रहा है, लेकिन उसका उचित प्रतिफल उन्हें नहीं मिल रहा। सुशीला खत्री ने जोर देकर कहा कि उनकी मांगें पूरी तरह जायज हैं और वे सरकार से अपनी मांगें मनवाकर ही दम लेंगी, चाहे इसके लिए कितना ही बड़ा आंदोलन क्यों न करना पड़े।
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भारी संख्या में जुट रही कार्यकर्ता इस धरना प्रदर्शन को अन्य कर्मचारी संगठनों का भी समर्थन मिल रहा है। अनशन स्थल पर डोईवाला, कालसी, रायपुर और सहसपुर ब्लॉक से आई आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने भारी संख्या में भाग लिया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। संघ ने स्पष्ट कर दिया है कि 2 दिसंबर को होने वाला सचिवालय घेराव ऐतिहासिक होगा।

