अल्मोड़ा। भैसियाछाना विकास खंड का कनारीछीना एलोपैथिक अस्पताल पिछले डेढ़ साल से सिर्फ एक फार्मासिस्ट के भरोसे चल रहा है। यहां डॉक्टर और स्टाफ की कमी के चलते मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय लोगों की मांग के बावजूद, धौलछीना अस्पताल में अटैच किए गए आयुर्वेदिक डॉक्टर और आयुर्वेदिक फार्मासिस्ट को भी वापस नहीं भेजा गया है।
लोगों को इलाज के लिए जाना पड़ता है दूर
स्थानीय निवासी और समाजसेवी प्रताप सिंह नेगी ने बताया कि अस्पताल में डॉक्टर की कमी के कारण मरीजों का सही से इलाज नहीं हो पाता है। मजबूरी में लोगों को इलाज के लिए या तो धौलछीना या फिर अल्मोड़ा जिला अस्पताल जाना पड़ता है। इससे उनका समय और पैसा दोनों बर्बाद होता है।
यह भी पढ़े: उत्तराखंड: चार धाम यात्रा का संचालन आज से फिर शुरू
किराए के मकान में चल रहा अस्पताल
अस्पताल की अपनी कोई बिल्डिंग नहीं है, जिसके कारण यह किराए के मकान में चल रहा है। सबसे बड़ी समस्या आसपास के गांवों में सड़क न होना है। इस वजह से गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों को डोली में बिठाकर अस्पताल लाना पड़ता है।
स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी से पलायन को मजबूर हैं लोग
नेगी जी ने बताया कि गांवों में स्वास्थ्य सुविधाओं और सड़क मार्ग के अभाव के कारण लोग गांव छोड़कर जा रहे हैं। इन परेशानियों के चलते गांव दिन-प्रतिदिन खाली होते जा रहे हैं। स्थानीय लोगों ने सरकार से जल्द से जल्द अस्पताल में डॉक्टर और स्टाफ की नियुक्ति करने और मूलभूत सुविधाओं को बेहतर बनाने की मांग की है।