सोमेश्वर (अल्मोड़ा): रविवार को सोमेश्वर में “उज्याव” संस्था द्वारा आयोजित ‘दुसर कुमाउनी भाषा युवा सम्मेलन एवं युवा सम्मान समारोह– 2025’ कार्यक्रम ने कुमाउनी संस्कृति और लोकभाषा के प्रति युवाओं की गहरी प्रतिबद्धता को रेखांकित किया। यह आयोजन केवल एक सांस्कृतिक उत्सव नहीं था, बल्कि यह उस जागृति का प्रतीक था जो आज की नई पीढ़ी के मन में अपनी जड़ों के प्रति गहराई से पनप रही है।
युवाओं की पहल पर इस प्रकार का आयोजन न केवल सुखद अनुभूति देता है, बल्कि यह एक शुभ संकेत भी है कि हमारी संस्कृति, परंपराएँ और लोकभाषाएँ अब संवेदनशील, सृजनशील और प्रतिबद्ध हाथों में सुरक्षित रूप से हस्तांतरित हो रही हैं।
युवा प्रतिभाओं का सम्मान और सार्थक संवाद
कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ सुबह 9:00 बजे छोलिया टीम के नृत्य के साथ हुआ, जिसके बाद सभी साहित्यकार और मुख्य अतिथि बारात घर में पहुंचे। मुख्य अतिथि द्वारा दीप प्रज्जवलित करके कार्यक्रम का औपचारिक उद्घाटन किया गया।
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पूरे वातावरण को ऊर्जावान बनाने वाले इस कार्यक्रम के दौरान कुमाउनी भाषा-संस्कृति पर सार्थक संवाद, विचारोत्तेजक वक्तव्य हुए। सबसे महत्वपूर्ण आकर्षण रहा “उज्याव कुमाउनी भाषा युवा सेवी सम्मान 2025″। कुमाऊं भर से 10 प्रतिभाशाली युवाओं को उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया गया:
| क्रम संख्या | नाम | सम्मान का क्षेत्र |
| 1 | पूजा पडियार | ऐपण कला |
| 2 | ज्योति भट्ट | कुमाउनी हास्य कलाकार |
| 3 | रितू लोहिया | बाल लोकगायिका |
| 4 | ज्योति परिहार | कुमाउनी हास्य कलाकार |
| 5 | दीक्षा उपाध्याय | ऐपण कला |
| 6 | अमन भारती | कुमाउनी लघु फिल्म कलाकार |
| 7 | गणेश बिष्ट | कुमाउनी हास्य कलाकार |
| 8 | चन्द्र शेखर टम्टा | कुमाउनी लोक गायक |
| 9 | भास्कर भौर्याल | युवा रंगकर्मी |
| 10 | त्रिलोक पहाड़ियां | कुमाउनी कवि/ हास्य कलाकार |
इसके अतिरिक्त, कार्यक्रम में शकुनाखर, लोक गीत, कुमाउनी लोकनृत्य और कुमाउनी कवि सम्मेलन जैसे सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए। सोमेश्वर क्षेत्र के 15 प्रसिद्ध नागरिकों को भी उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया।

विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति
इस अवसर पर कई विशिष्ट हस्तियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और युवाओं का मार्गदर्शन किया। प्रमुख अतिथियों में शैलेंद्र दानू जी (अध्यक्ष, वन्दे मातरम् ग्रुप), चन्दन नयाल जी (पहाड़ पर्यावरण प्रेमी), पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित गांधीवादी सामाजिक कार्यकर्ता राधा बहन, पूर्व सांसद प्रदीप टम्टा, पूर्व विधायक ललित फर्स्वाण, पहरू के सम्पादक डॉ. हयात सिंह रावत, वरिष्ठ पत्रकार चारु तिवाड़ी “चारुदा”, और साहित्यकार कपिलेश भोज शामिल थे। युवाओं को इन प्रतिष्ठित व्यक्तियों के साथ समय बिताने और सीखने का अवसर मिला।
यह देखकर मन प्रसन्न हुआ कि नई पीढ़ी अपने लोक, अपनी जड़ों और अपनी पहचान को लेकर कितनी सजग और गंभीर है। यह प्रयास आने वाले वर्षों में कुमाउनी भाषा और संस्कृति को नई दिशा और ऊर्जा प्रदान करेगा।
कार्यक्रम के मुख्य आयोजक दीपक सिंह भाकुनी व उनकी टीम ने इस उत्कृष्ट, प्रेरणादायी और सार्थक आयोजन के लिए काफी मेहनत की। “उज्याव” संस्था का यह प्रयास निस्संदेह कुमाउनी भाषा और संस्कृति के पुनर्जागरण की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा।
