रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज रुद्रप्रयाग जिले के आपदा प्रभावित बसुकेदार क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण कर नुकसान का जायजा लिया। उन्होंने तालजामण, डूंगर, बड़ेथ, जौला, कमद, उछोला, छैनागाड़ और पटुय जैसे गाँवों का निरीक्षण किया। इसके बाद, उन्होंने जिला पंचायत सभागार में अधिकारियों के साथ बैठक की, जहाँ उन्होंने राहत कार्यों और पुनर्निर्माण प्रयासों की गहन समीक्षा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस साल मानसून में पूरे राज्य को भीषण आपदा का सामना करना पड़ा है। उन्होंने प्रभावित लोगों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की और जिला प्रशासन द्वारा किए गए त्वरित राहत और बचाव कार्यों की सराहना की। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी स्थिति का जायजा लिया है और तात्कालिक राहत के लिए ₹1200 करोड़ की राशि देने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को 30 सितंबर तक अलर्ट पर रहने और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया। उन्होंने नदी-नालों पर हुए अतिक्रमण को हटाने के लिए विशेष निर्देश भी दिए।
केदारनाथ यात्रा की तैयारियों पर जोर
बैठक में मुख्यमंत्री ने केदारनाथ धाम यात्रा की तैयारियों की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि मानसून के बाद यात्रियों की संख्या में वृद्धि की संभावना है, इसलिए यात्रा व्यवस्थाओं को दुरुस्त रखना आवश्यक है। उन्होंने जोर दिया कि यात्रियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और यात्रा को सुगम बनाने के लिए युद्ध स्तर पर काम किए जाने चाहिए।
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इस अवसर पर, चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, रुद्रप्रयाग के विधायक भरत चौधरी और केदारनाथ की विधायक श्रीमती आशा नौटियाल भी उपस्थित थे। दोनों विधायकों ने आपदा के समय त्वरित कार्रवाई के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया और अपने-अपने क्षेत्रों में हुई क्षति और समस्याओं से उन्हें अवगत कराया।
बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष पूनम कठैत, जिलाधिकारी प्रतीक जैन, पुलिस अधीक्षक अक्षय प्रहलाद कोंडे, और विभिन्न विभागों के अधिकारी, जनप्रतिनिधि और आमजन भी मौजूद रहे।
