देहरादून: उत्तराखंड शासन ने देहरादून के डीएम सविन बंसल को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के दौरे के दौरान प्रोटोकॉल उक्तृट के मामले में नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है। यह कार्रवाई लोकसभा सचिवालय की शिकायत के बाद की गई है, जिसमें कहा गया कि 12 जून को देहरादून और मसूरी के दौरे के दौरान लोकसभा अध्यक्ष को निर्धारित शिष्टाचार और सम्मान नहीं दिया गया।
उत्तराखंड शासन के प्रोटोकॉल विभाग के अनुसार, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला 12 जून को मसूरी में लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी में एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए देहरादून पहुंचे थे। इस दौरान प्रोटोकॉल मानकों का पालन नहीं किया गया, जिसे गंभीर लापरवाही माना गया है। लोकसभा सचिवालय ने इस मामले को लेकर औपचारिक शिकायत दर्ज की थी, जिसके आधार पर शासन ने डीएम से जवाब तलब किया है।
इसके अतिरिक्त, भारत सरकार के कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय ने भी 19 जून को एक पत्र जारी कर इस मामले पर चिंता जताई थी। पत्र में उक्तृट किया गया कि देहरादून प्रशासन की ओर से उदासीन रवैया अपनाया गया और डीएम सविन बंसल से संपर्क करने की कोशिशें नाकाम रहीं। मंत्रालय ने इस लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए स्पष्टीकरण की मांग की थी।
राज्य शासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “इस मामले को अत्यंत गंभीरता से लिया जा रहा है। लोकसभा अध्यक्ष जैसे संवैधानिक पदाधिकारी के दौरे के दौरान प्रोटोकॉल का पालन सुनिश्चित करना जिला प्रशासन की जिम्मेदारी है। डीएम से इस संबंध में विस्तृत जवाब मांगा गया है।”
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सूत्रों के अनुसार, लोकसभा सचिवालय ने अपने पत्र में यह भी उक्तृट किया कि डीएम बंसल ने न तो स्वयं लोकसभा अध्यक्ष के स्टाफ के फोन कॉल्स का जवाब दिया और न ही उनके दौरे के दौरान निर्धारित प्रोटोकॉल का पालन किया। यह मामला तब और चर्चा में आया जब कुछ स्थानीय नेताओं और विधायकों ने भी अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल उठाए।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर भी इस मुद्दे ने जोर पकड़ा। एक यूजर @AjitSinghRathi ने लिखा, “उत्तराखंड में अफसरशाही की मनमानी का यह ताजा उदाहरण है। लोकसभा अध्यक्ष जैसे गरिमामय पद को भी उचित सम्मान नहीं दिया गया।” एक अन्य यूजर @indreshmaikhuri ने कहा, “लोकसभा सचिवालय के पत्र से साफ है कि डीएम सविन बंसल ने प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया, जो प्रशासनिक लापरवाही का गंभीर मामला है।”
यह मामला उत्तराखंड में प्रशासनिक जवाबदेही और प्रोटोकॉल के पालन को लेकर एक बड़ी बहस छेड़ सकता है। फिलहाल, डीएम सविन बंसल की ओर से इस मामले में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। शासन ने उनसे जल्द से जल्द जवाब देने को कहा है, और इस मामले में आगे की कार्रवाई उनके स्पष्टीकरण पर निर्भर करेगी।