देहरादून, जून 14, 2025: भारतीय सैन्य अकादमी (IMA), देहरादून में शनिवार को एक भव्य और गरिमामयी समारोह में 156वीं पासिंग आउट परेड (POP) का सफल आयोजन हुआ। इस अवसर पर कुल 451 ऑफिसर कैडेट्स, जिनमें नौ मित्र देशों के 32 विदेशी कैडेट्स भी शामिल थे, ने सफलतापूर्वक अपना प्रशिक्षण पूरा कर अकादमी से गौरवपूर्ण विदाई ली। यह दिन IMA के समृद्ध इतिहास में एक और स्वर्णिम अध्याय के रूप में दर्ज हो गया।
श्रीलंका के सेना प्रमुख ने की परेड की समीक्षा
इस ऐतिहासिक परेड की समीक्षा श्रीलंका के सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल लासांथा रोड्रिगो, आरएसपी, सीटीएफ-एनडीयू, पीएससी, आईजी ने की। उन्होंने उत्कृष्ट परेड, अनुशासित परिधान और अद्वितीय समन्वय के लिए प्रशिक्षकों और कैडेट्स की भूरि-भूरि प्रशंसा की। लेफ्टिनेंट जनरल रोड्रिगो का यह दौरा भारत और श्रीलंका की सेनाओं के बीच पारंपरिक, सुदृढ़ और ऐतिहासिक सैन्य संबंधों का प्रतीक है, जो भविष्य में आपसी सहयोग को और अधिक सशक्त करेगा।
भावुक संबोधन और प्रेरणादायी संदेश
IMA के पूर्व छात्र होने के नाते, लेफ्टिनेंट जनरल रोड्रिगो ने परेड की समीक्षा करने को अपने लिए गर्व और सम्मान का क्षण बताया। उन्होंने अपनी सैन्य यात्रा की शुरुआत को याद करते हुए कहा कि वर्दी केवल एक पद का प्रतीक नहीं, बल्कि एक संपूर्ण जीवनशैली है। उन्होंने जोर दिया कि एक सच्चा अधिकारी अपने चरित्र, आचरण और निर्णयों से अपने अधीनस्थों का विश्वास अर्जित करता है, यह सम्मान केवल रैंक से नहीं मिलता, बल्कि हर दिन के कर्मों से कमाया जाता है।
उन्होंने IMA के आदर्श वाक्य का उल्लेख करते हुए तीन मूलभूत जिम्मेदारियों पर बल दिया – राष्ट्र के प्रति, अपने सैनिकों के प्रति और वीर जवानों के परिवारों के प्रति। उन्होंने सैनिक के चार आधारभूत मूल्यों – अनुशासन, ईमानदारी, निष्ठा और सम्मान को सफलता की कुंजी बताया। उनके अनुसार, अनुशासन आत्म-संयम है, ईमानदारी वह है जो तब भी बनी रहती है जब कोई देख न रहा हो, निष्ठा पद की सीमा से परे होती है, और सम्मान वह पवित्र विश्वास है जो वर्दी के साथ जुड़ा होता है।
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जनरल रोड्रिगो ने कैडेट्स को याद दिलाया कि वे अब देशभक्तों की एक गौरवशाली श्रृंखला का हिस्सा बन चुके हैं और उन्हें यह वर्दी गर्व और उद्देश्य की भावना के साथ धारण करनी चाहिए। उन्होंने विदेशी कैडेट्स को IMA के मूल्यों का वैश्विक दूत बताया और उन्हें विवेकपूर्ण नेतृत्व करने, सत्य और न्याय के लिए संघर्ष करने तथा राष्ट्र की आशाओं को गर्वपूर्वक आगे बढ़ाने का आह्वान किया।
अपने संबोधन का समापन उन्होंने फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ के प्रेरणास्पद शब्दों के साथ किया – “सच्चे बनो, ईमानदार बनो, निर्भीक बनो।”
प्रेरक सैन्य धुनें और ऐतिहासिक क्षण
परेड के दौरान, ऑफिसर कैडेट्स ने ‘सारे जहाँ से अच्छा’ और ‘कदम-कदम बढ़ाए जा’ जैसे प्रेरक सैन्य धुनों पर अनुशासित और जोशीले कदमों से मार्च करते हुए अपनी प्रतिबद्धता, गर्व और आत्मविश्वास का परिचय दिया। इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बनने के लिए कैडेट्स के परिजन, गणमान्य अतिथि और देश-विदेश के दर्शक मीडिया के माध्यम से उपस्थित थे।
उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सम्मान
इस अवसर पर विभिन्न श्रेणियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले कैडेट्स को सम्मानित किया गया:
- स्वॉर्ड ऑफ ऑनर: एकेडमी कैडेट एडजुटेंट अन्नी नेहरा
- गोल्ड मेडल (मेरिट सूची में प्रथम स्थान): एकेडमी अंडर ऑफिसर रोनित रंजन नायक
- सिल्वर मेडल (मेरिट सूची में द्वितीय स्थान): एकेडमी कैडेट एडजुटेंट अन्नी नेहरा
- ब्रॉन्ज मेडल (मेरिट सूची में तृतीय स्थान): बटालियन अंडर ऑफिसर अनुराग वर्मा
- तकनीकी स्नातक कोर्स में प्रथम स्थान (सिल्वर मेडल): सार्जेंट आकाश भदौरिया
- TES-45 में प्रथम स्थान (सिल्वर मेडल): विंग कैडेट क्वार्टर मास्टर कपिल
- विदेशी कैडेट में प्रथम स्थान: विदेशी ऑफिसर कैडेट निशान बलामी (नेपाल)
- चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ बैनर (स्प्रिंग टर्म 2025 में 12 कंपनियों में सर्वोच्च प्रदर्शन के लिए): केरन कंपनी
समीक्षा अधिकारी ने सभी कैडेट्स से आह्वान किया कि वे अब अपने कमीशनिंग के ऐतिहासिक और गौरवशाली क्षण से केवल एक कदम दूर हैं। यह पासिंग आउट परेड भारतीय सेना को नए और ऊर्जावान नेतृत्व प्रदान करने के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय सैन्य सहयोग को भी मजबूत करती है।