उत्तराखंड की झीलों और नदियों की गोद में साहसिक पर्यटन का नया अध्याय लिखा जा रहा है। टिहरी गढ़वाल के कोटी कॉलोनी में 19 अगस्त से 1 सितंबर 2025 तक 14 दिवसीय महिला बेसिक व्हाइट वाटर कयाकिंग प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया जा रहा है। इस विशेष पहल का उद्देश्य राज्य की युवतियों को साहसिक खेलों में दक्ष बनाना, उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए तैयार करना, और रिवर गाइड के रूप में रोजगार के अवसर प्रदान करना है।
यह प्रशिक्षण शिविर उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद और जिला प्रशासन के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है, जिसका शुभारंभ जिलाधिकारी नितिका खंडेलवाल ने किया।
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शिविर का उद्देश्य और महत्व
उद्घाटन अवसर पर जिलाधिकारी नितिका खंडेलवाल ने कहा कि कयाकिंग केवल एक रोमांचक खेल नहीं, बल्कि जीवन रक्षक कौशल भी है। इस प्रशिक्षण से छात्राएं न सिर्फ अपने डर पर काबू पाना सीखेंगी, बल्कि आपातकालीन स्थितियों में दूसरों की मदद करने की क्षमता भी विकसित करेंगी। उन्होंने कहा—
“अपने जीवन में जुनून को जीवित रखें। सफलता तभी मिलेगी जब आप अपने कार्य में अर्थ और गहराई ढूंढें। चुनौतियां आपको नया सिखाएंगी।”
यह शिविर साहसिक खेलों में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देने और स्वरोजगार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
प्रतिभागी और प्रशिक्षण ढांचा
इस शिविर में 20 छात्राएं हिस्सा ले रही हैं, जो उत्तराखंड के विभिन्न जिलों—पिथौरागढ़, रुद्रप्रयाग, उधमसिंहनगर, टिहरी जिले के धनोल्टी और कीर्तिनगर क्षेत्र से आई हैं।
- शुरुआती प्रशिक्षण टिहरी झील में दिया जा रहा है।
- इसके बाद प्रतिभागियों को गंगा नदी पर उन्नत प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाएगा।
यह उन्नत प्रशिक्षण उन्हें न सिर्फ कयाकिंग में निपुण बनाएगा, बल्कि रिवर गाइड और कयाकिंग गाइड के रूप में करियर बनाने में सक्षम करेगा।
छात्राओं के भोजन और आवास की व्यवस्था भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) द्वारा की गई है। साथ ही अनुशासन और नेतृत्व कौशल पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
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प्रशिक्षण टीम
शिविर में प्रशिक्षक के रूप में अनुभवी विशेषज्ञ मार्गदर्शन कर रहे हैं:
- धर्मेंद्र नेगी
- ऋषि राणा – तीस नदियों में तैराकी के विशेषज्ञ
- प्रियंका राणा
- अंकित भंडारी
- मितेश नेगी
- अरविंद रतूड़ी – माउंट एवरेस्ट विजेता
साथ ही जल क्रीड़ा विशेषज्ञ भूपेंद्र सिंह और आईटीबीपी जवान भी प्रशिक्षण में सहयोग कर रहे हैं।
प्रशिक्षण का दायरा
यह शिविर पर्यटन सचिव धीराज सिंह गर्ब्याल के निर्देश पर आयोजित किया गया है।
साहसिक खेल अधिकारी सीमा नौटियाल ने बताया कि यह प्रशिक्षण केवल तकनीकी कौशल तक सीमित नहीं है। प्रतिभागियों को सिखाया जा रहा है:
- व्हाइट वाटर कयाकिंग की बुनियादी तकनीकें
- सुरक्षा उपाय
- आपातकालीन स्थिति में बचाव के तरीके
- नेतृत्व और आत्मविश्वास का विकास
साहसिक खेलों में अवसर और रोजगार
उत्तराखंड प्राकृतिक सौंदर्य और साहसिक खेलों का गढ़ है। इस प्रशिक्षण के बाद छात्राएं रिवर गाइड और कयाकिंग गाइड के रूप में रोजगार के अवसर पा सकती हैं।
- यह न केवल उन्हें आर्थिक सशक्तिकरण प्रदान करेगा,
- बल्कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर भी देगा।
सामाजिक प्रभाव
इस शिविर का एक बड़ा उद्देश्य महिलाओं को साहसिक खेलों में भागीदारी के लिए प्रेरित करना और समाज में उन्हें नई पहचान दिलाना है। उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्य में, जहां साहसिक पर्यटन लगातार बढ़ रहा है, यह पहल महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और लैंगिक समानता को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाएगी।
टिहरी झील में आयोजित यह 14 दिवसीय महिला बेसिक व्हाइट वाटर कयाकिंग प्रशिक्षण शिविर केवल एक खेल आयोजन नहीं, बल्कि साहस, आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता की नई शुरुआत है। उत्तराखंड की बेटियां अब न केवल राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर चमकेंगी, बल्कि साहसिक पर्यटन के क्षेत्र में नई मिसाल भी कायम करेंगी।