नैनीताल, उत्तराखंड: मल्लीताल क्षेत्र में स्थित सूखाताल, जो पहले सूखे ताल के नाम से जाना जाता था, अब फिर से जल से लबालब हो जाएगा। 29 करोड़ रुपये की लागत से इस सूखे ताल को एक मनोरम झील में तब्दील किया जा रहा है। यह परियोजना न केवल नैनीताल में पर्यटन को बढ़ावा देगी बल्कि स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर भी पैदा करेगी। आप को बता दे की सूखाताल को पांच नाले रिचार्ज करते हैं। झील के सौंदर्यीकरण कार्य में ताल का समतलीकरण, सफाई, बैठने की व्यवस्था, रोशनी, रास्ते, वृक्षारोपण और दुकानों का निर्माण शामिल होगा। गुरुवार को, कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत ने स्थल का निरीक्षण किया और कार्य की प्रगति का जायजा लिया। यह परियोजना 2025 तक पूरी होने की उम्मीद है।
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पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा:
इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य सूखाताल को पर्यटकों के लिए एक आकर्षक स्थल में बदलना है। झील के आसपास का क्षेत्र सजाया जाएगा और बोटिंग, कैस्केड जैसी गतिविधियां पर्यटकों को लुभाएंगी। इसके अलावा, बहुमंजिला पार्किंग और दुकानों का निर्माण भी पर्यटकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए किया जाएगा।
स्थानीय लोगों को होगा फायदा:
इस परियोजना से स्थानीय लोगों को भी फायदा होगा। पर्यटन के बढ़ने से रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। इसके अलावा, झील के आसपास विकसित होने वाले व्यवसायों से भी स्थानीय लोगों को आर्थिक लाभ होगा।
कार्य प्रगति पर:
इस परियोजना का जिम्मा कुमाऊं मंडल विकास निगम (केएमवीएन) को सौंपा गया है। केएमवीएन के प्रबंध निदेशक डॉ. संदीप तिवारी ने बताया कि कार्य तेजी से चल रहा है और जल्द ही इसे पूरा कर लिया जाएगा।
सूखाताल को झील में बदलने की यह पहल नैनीताल के लिए एक महत्वपूर्ण विकास है। यह न केवल पर्यटन को बढ़ावा देगा बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करेगा।