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रामनगर यात्रा गाइड : कार्बेट नेशनल पार्क, गर्जिया मंदिर, कोसी नदी और ऐतिहासिक कंडी सड़क | Ramnagar (Uttarakhand) Tourism, History & Travel Tips

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रामनगर

Table of Contents

रामनगर का परिचय:

प्रकृति और इतिहास की गोद में बसा नगर (Introduction to Ramnagar) रामनगर (Ramnagar), उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल (Kumaon Division) के नैनीताल जनपद में स्थित एक ऐतिहासिक और प्राकृतिक धरोहर है। यह नगर 29°23’35” उत्तरी अक्षांश (North Latitude) और 79°10’9″ पूर्वी देशांतर (East Longitude) पर कोसी नदी के दक्षिणी तट पर समुद्र तल से 1204 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।

यहां की जलवायु समशीतोष्ण है, जो गर्मियों में सुहावनी और सर्दियों में हल्की ठंडी रहती है। 1850 में अंग्रेज कमिश्नर सर हैनरी रैमजे (Sir Henry Ramsay) द्वारा स्थापित यह शहर, कुमाऊं के पाली पछाऊं क्षेत्र और दक्षिण-पूर्वी गढ़वाल का प्रवेशद्वार माना जाता है। आज यह नगर अपने ऐतिहासिक मार्गों, वन्यजीव अभयारण्यों, और आध्यात्मिक स्थलों के लिए देश-विदेश के पर्यटकों को आकर्षित करता है।

रामनगर की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि :

कंडीपथ से आधुनिक नगर तक का सफर (Historical Background) रामनगर का इतिहास 19वीं सदी से जुड़ा है, लेकिन इसके आसपास के क्षेत्रों का महत्व प्राचीन काल से रहा है।

1.कंडी सड़क (Kandi Road) का महत्व –

  • 19वीं सदी में यह क्षेत्र ब्रह्मदेव मंडी (टनकपुर) से हरिद्वार तक फैले यात्रा मार्ग का केंद्र था। इस मार्ग को कंडीपथ (Kandi Road) कहा जाता था, जहां कुलियों द्वारा टोकरियों (डोको) में सामान ढोया जाता था। यह मार्ग नेपाल, पूर्वी
  • उत्तर प्रदेश, और गढ़वाल के बीच व्यापार और तीर्थयात्राओं का प्रमुख साधन था। अंग्रेजों ने नदियों पर पुल बनाकर इस मार्ग को बैलगाड़ियों के लिए सुगम बनाया, जिससे यहां व्यापार और यातायात का विस्तार हुआ।

2. सर हैनरी रैमजे (Sir Henry Ramsay) का योगदान –

  • 1850 में ब्रिटिश कमिश्नर सर हैनरी रैमजे ने रामनगर को पश्चिमी कुमाऊं का प्रशासनिक और सैन्य केंद्र बनाया। उन्होंने यहां सड़कों, बाजारों, और सरकारी भवनों का निर्माण करवाया, जिससे यह छोटा सा गांव एक व्यस्त कस्बे में तब्दील हो गया।
  •  रैमजे के प्रयासों से रामनगर रेलवे लाइन (पहले नैरो-गेज) से जुड़ा, जिसने इसके आर्थिक महत्व को बढ़ाया।

रामनगर कैसे पहुंचें? यात्रा के सभी विकल्प (How to Reach Ramnagar?)

रामनगर उत्तराखंड के प्रमुख शहरों और राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है –

1. रेल मार्ग (By Train) –

  •  रामनगर रेलवे स्टेशन दिल्ली, मुरादाबाद, और काशीपुर से सीधी ट्रेनों द्वारा जुड़ा है। दिल्ली से रामनगर एक्सप्रेस और काठगोदाम-रामनगर लिंक प्रमुख ट्रेनें हैं।

2. सड़क मार्ग (By Road) –

  •  NH309 और NH734 के माध्यम से दिल्ली से रामनगर की दूरी लगभग 260 किमी है। मुरादाबाद-काशीपुर-रामनगर मार्ग सबसे सुविधाजनक है।
  • उत्तराखंड परिवहन की बसें हरिद्वार, देहरादून, और नैनीताल से नियमित रूप से चलती हैं।

    3. वायु मार्ग (By Air) –

  • निकटतम हवाई अड्डा पंतनगर (लगभग 85 किमी) है, जो दिल्ली और देहरादून से जुड़ा है।

नजदीकी पर्यटन स्थल –

  •  नैनीताल (54 किमी), रानीखेत (98 किमी), अल्मोड़ा (85 किमी), और कार्बेट नेशनल पार्क (12 किमी)।

रामनगर के प्रमुख आकर्षण: प्रकृति, वन्यजीव और आस्था (Top Attractions in Ramnagar) –

1. जिम कार्बेट राष्ट्रीय उद्यान (Jim Corbett National Park) –

  •  स्थापना और महत्व :1935 में स्थापित, यह भारत का पहला राष्ट्रीय उद्यान और बाघों (Royal Bengal Tigers) का प्रमुख आवास है।
  • जोन और सफारी : धीकाला, झिरना, और बिजरानी जैसे जोन में जीप सफारी, हाथी सफारी, और बर्ड वॉचिंग की सुविधा है।
  •  वन्यजीव – हाथी, तेंदुआ, हिरण, और 600 से अधिक पक्षी प्रजातियाँ।

2. गर्जिया देवी मंदिर (Garjiya Devi Temple) –

  • स्थान और मान्यता – कोसी नदी के बीच एक विशाल चट्टान पर स्थित यह मंदिर, शक्ति की देवी को समर्पित है
  • त्योहार – नवरात्रि के दौरान यहां भव्य मेला लगता है, जहां हज़ारों श्रद्धालु आते हैं।

3 .सीतावनी (Sitavani) –

  • पौराणिक महत्व – मान्यता है कि यहां माता सीता ने वनवास के दौरान समय बिताया था।
  • ट्रेकिंग – रामनगर से 15 किमी का पैदल मार्ग, जो प्रकृति प्रेमियों के लिए आदर्श है।

4. कोसी नदी (Kosi River)

प्राकृतिक सौंदर्य – रामनगर के दक्षिण में बहने वाली यह नदी रिवर राफ्टिंग और पिकनिक के लिए लोकप्रिय है।

5 . कालाढूंगी (Kaladhungi) –

  •  जिम कार्बेट का स्मारक – प्रसिद्ध पर्यावरणविद् जिम कार्बेट की याद में बना संग्रहालय, जो उनके जीवन और कार्यों को दर्शाता है।

6. हनुमान धाम (Hanuman Dham) –

आध्यात्मिक और वास्तुशिल्प महत्व –

  • रामनगर में भगवान हनुमान को समर्पित यह मंदिर अपनी उत्कृष्ट वास्तुकला और शांत वातावरण के लिए प्रसिद्ध है। मंदिर का प्रवेश द्वार दो मछली प्रतीकों से सजा हुआ है, जो भाग्य और समृद्धि का प्रतीक माने जाते हैं।
  • मंदिर परिसर हरे-भरे लॉन, फव्वारों और कोसी नदी के शांत तट के नज़ारों से घिरा है, जो ध्यान और आत्मनिरीक्षण के लिए आदर्श है।

रामनगर का सांस्कृतिक और आर्थिक महत्व (Cultural and Commercial Significance) –

  • प्राचीन व्यापार मार्ग (Ancient Trade Route) – नेपाल की तराई से लेकर दून घाटी तक मसालों, लकड़ी, और कृषि उत्पादों का व्यापार होता था।
  •  धार्मिक यात्राएं (Religious Journeys) – हरिद्वार और कनखल की तीर्थयात्रा के दौरान यात्री रामनगर में विश्राम करते थे।
  •  हस्तशिल्प और स्थानीय व्यंजन – कुमाऊंनी टोपियाँ, ऊनी वस्त्र, और बाल मिठाई यहां की सांस्कृतिक पहचान हैं।

यात्रा युक्तियाँ: समय, ठहरने और भोजन (Travel Tips) –

1. सर्वोत्तम समय (Best Time to Visit) –

  • अक्टूबर से जून (कार्बेट सफारी के लिए आदर्श)।
  •  मानसून (जुलाई-सितंबर) में नदी किनारे सावधानी बरतें।
  • अक्टूबर से जून: कार्बेट सफारी और हनुमान धाम की यात्रा के लिए आदर्श।
  • नवंबर-दिसंबर: हनुमान धाम मे विशेष आध्यात्मिक आयोजन।

2. ठहरने की व्यवस्था (Accommodation) –

  • लक्ज़री रिसॉर्ट्स: टाइगर कैम्प, रिवरवुड रिट्रीट।
  • बजट होटल: रामनगर टाउन में कई सस्ते गेस्ट हाउस उपलब्ध।

3. स्थानीय भोजन (Local Cuisine) –

  • कुमाऊंनी व्यंजन: भांग की चटनी, गहत की दाल, भट्ट की दाल ,झुंगरू का भात और सिसौंण का साग।
  •  मिठाई: बाल मिठाई और सिंगौरी मिठाई

4. सुरक्षा सुझाव (Safety Tips) –

  •  जंगल सफारी के दौरान गाइड के निर्देशों का पालन करें।
  • नदी किनारे तैरने से बचें।

उपसंहार : रामनगर – एक बहुमुखी गंतव्य (Conclusion) –

रामनगर (Ramnagar) न केवल प्राकृतिक सुंदरता, बल्कि अपने ऐतिहासिक मार्ग (Historical Routes) वन्यजीव संरक्षण (Wildlife Conservation) , और आध्यात्मिक विरासत (Spiritual Heritage) के लिए भी प्रसिद्ध है। चाहे आप जंगल सफारी का रोमांच चाहते हों, प्राचीन मंदिरों में शांति की तलाश कर रहे हों, या कुमाऊंनी संस्कृति को करीब से जानना चाहते हों – रामनगर सभी को कुछ न कुछ अनूठा प्रदान करता है। यह नगर उत्तराखंड की “देवभूमि” की पहचान को सच्चे अर्थों में जीवंत करता है।

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